नियति ने रचा यह चक्र है,
प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर,
उसकी दृष्टि हम पे वक्र है ,
नियति का रचा यह चक्र है।
उसको करने चले थे खामोश,
परिणाम उसी का है ये कि
आज हम भी है खामोश।
17 जुलाई 2020
नियति ने रचा यह चक्र है,
प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर,
उसकी दृष्टि हम पे वक्र है ,
नियति का रचा यह चक्र है।
उसको करने चले थे खामोश,
परिणाम उसी का है ये कि
आज हम भी है खामोश।
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Arun choudhary ,@civil engineer & director of Aakanksha group of studies.D