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कुछ गुनगुनाते पल, कुछ मुस्कराते पल !

24 अगस्त 2015

416 बार देखा गया 416
featured imageकुछ गुनगुनाते पल, कुछ मुस्कराते पल, ख़ुशी का अहसास कराते है, बारिश की पहली बूँद जैसे मनभावन, ये पल बार-बार क्यों नहीं आते है, सोचती हूँ कभी तो उत्तर यही मिलता है, गर्मी के बिना बारिश का क्या है महत्व, दुःख के बिना सुख में क्या है तत्व, बस ऐसे पलों को संजोह लो तुम, जो गर्मी में भी शीतलता का एहसास दिलाते है, और अंजानी ही सही अधरों पर अधखिली मुस्कान दे जाते हैं!
वर्तिका

वर्तिका

धन्यवाद ओम प्रकाश जी!

10 सितम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

दुःख के बिना सुख में क्या है तत्व, बस ऐसे पलों को संजो लो तुम....सुन्दर भावाभिव्यक्ति !

9 सितम्बर 2015

वर्तिका

वर्तिका

धन्यवाद अवधेश जी! बहुत आभार!

4 सितम्बर 2015

अवधेश प्रताप सिंह भदौरिया 'अनुराग'

अवधेश प्रताप सिंह भदौरिया 'अनुराग'

सुन्दर --उत्तम --अति उत्तम --वर्तिका जी बधाई स्वीकारें

4 सितम्बर 2015

वर्तिका

वर्तिका

धन्यवाद गायत्री जी!

3 सितम्बर 2015

3 सितम्बर 2015

वर्तिका

वर्तिका

उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद रवि जी!

1 सितम्बर 2015

Ravi

Ravi

सुच में बहुत उम्दा लिकते ho

1 सितम्बर 2015

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lahrein
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