लॉक(प्रवासी) अनलॉक(अप्रवासी)
कोरोना महामारी ने क्या नया नाम इज़ाद किया?
अपने ही भ्राताओं को प्रावासी मजदूर किया।
दे नाम बेरोजगारी का नेताओं ने क्या चाल चली?
चलती थी पहले भी रेल, उस रेल को श्रमिक नाम दिया।
दे ना सके भरपेट भोजन, सब को होम क्वारन्टीन किया।
अब पड़ोसी भी उसे, कोरोना महामारी का स्रोत समझने लगे।
कर न सके पढ़ाई परदेश में, ऑनलाइन पढ़ाई भाने लगी।
फिर से खोल लॉक डाउन, जनता को सूली में चढ़ा दिया।
बने अगर प्रवासी तो 14 दिन क्वारीनटीन पूरा करो।
गर बने अप्रवासी तो दिल्ली, मुम्बई में 7 दिन क्वारीनटीन पूरा करो।
वाह री जनता तू भी दुमुहि नाव बन गई जिधर बही राजनीति की धारा, उधर तू भी बह चली।