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मधुसूदन दीक्षित की डायरी

मधुसूदन दीक्षित

26 अध्याय
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madhusudan dikshit ke dir

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पुस्तक के भाग

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किसान का दर्द

7 जून 2016
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किसान अपने खेत की तैयारी के बाद बीज के लिए सरकारी बीज गोदाम की ओर दो लाभ प्राप्त करने की उम्मीद से जाता है।एक सरकारी अनुदान और फाउंडेशन सीड में कम बीमारी का दावा।मगर वास्तव में उसे दोनों में छलाबा ही मिलता हैन तो कोई अनुदान की गारंटी है और न ही उच्च गुणवत्ता के बीज की।खरीफ में धान के बीज की पौध डाली

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स्वच्छ भारत

21 जून 2016
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शहर और कस्बे की सूरत चमकाने के लिए गाँव को बदसूरत बनाया जा रहा है।शहरों से कूड़ा लाकर गाँव की सड़क के किनारे या तालाब में डाल पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।ठोस कूड़ा निपटान की वैज्ञानिक प्रक्रिया न अपनाकर सतही तौर पर पल्ला झाड़ स्वच्छता अभियान में भागीदारी का ढ़ोग किया जा रहा है।ऐसा नगरपालिक

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वन्यजीव संरक्षण

23 जून 2016
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पारिस्थितिकी संतुलन के लिये जल,जन्गलऔर जमीन पर उपस्थित जीव जंतुओं के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण जरूरी होता है।वैसे तो प्रकृति के अपने बनाए नियम इसके लिये पर्याप्त हैं परन्तु प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के चलते ये नियम भन्ग होते हैं।जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदा से हमें जूझना पड़ता है।कभी

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घातक गाजर घास

25 जून 2016
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सड़क किनारे या रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर जो हरी भरी पौध सफेद महीन फूलों से लदी आपको दिखाई देती होगी,उसे देखकर आप इसके घातक परिणाम के बारे में कभी नहीं सोचे होगे।यह गाजर के पौधे जैसी दिखने वाली होती है और इसमें महीन सफेद फूल हवा केझे पककर जमीन में अनगिनत बीज छोड़ देते हैं ।इस प्रकार इसका विस्तार होता

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तालाब बचायें

2 जुलाई 2016
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वर्षा ऋतु में जल संचय हेतु तालाब,गाँव की नालियों से आने वाले मैले पानी के निपटान हेतु तालाब,मछली पालन हेतु तालाब और पशु पक्षियों की प्यास बुझा उन्हें नवजीवन प्रदान करते तालाब।कटते वन ओर पटते तालाब प्राकृतिक आपदा का मुख्य कारण हैं।चैन्नई में बीते दिनों आई भयानक बाढ़ और बुन्देलखण्ड में सूखे के हालात

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खेलें खेल

3 जुलाई 2016
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जिलाधिकारी महोदय ने प्रत्येक गाँव में खेल मैदान विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।हलचल सी शुरू हुई बच्चों में,हाथ पैर फैला कसरत चालू कर दी।कोई क्रिकेट मैच की तो कोई गिल्ली डन्डा ही खेलता नज़र आता।अभी तक किसी के खाली पड़े खेत या बाग में खेलते थे,अब अपना खेल मैदान होने जा रहा है।सब बहुत खुशी से चयनि

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आधार की आवश्यकता

4 जुलाई 2016
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अनुदान प्राप्त करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।अच्छी बात है,परन्तु बैंक खाते में आधार फीड करने के लिए बार बार फोटोग्राफी जमा कराने के बाद भी उसकी फीडिग न करना गाँव के किसानों की परेशानी का सबब बना हुआ है।इसी प्रकार गैस एजेंसी पर भी यही आलम है।राशन कार्ड की स्थिति तो और भी अधिक खराब है,कभ

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वर्मी कम्पोस्ट और नादेप खेती का वरदान

5 जुलाई 2016
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रासायनिक खाद के बढ़ते प्रयोग से खेती करना दिन पर दिन खर्चीला होता जा रहा है।अज्ञानवश रासायनिक खाद की अफरात खेत की मिट्टी को भी बीमार बना रही है।इसकी अपेक्षा फसल के अवशेष और पशुओं के गोबर को विशेष आकर के पक्के गड्ढों में दो से तीन महीने में ही अच्छी मात्रा में कमपोस्ट खाद प्राप्त कर सकते हैं।कम खर्च

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ट्रैफिक जाम और झगड़े

7 जुलाई 2016
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सड़को पर वाहनों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है।इसके फलस्वरूप ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ है।दिल्ली सरकार ने सम विषम संख्या आधारित नियम लागू करने का प्रयास किया था लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं हुआ।अब वाहन रजिस्ट्रीकरण के समय वाहन मालिक से गैराज या गाड़ी खड़ी करने हेतु पर्याप्त स्थान उ

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निजी नलकूप का बिजली कनेक्शन -एक सपना

9 जुलाई 2016
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किसानों के खेतों की सिचाई मुफ़्त में करने की सरकार की घोषणा बेमानी साबित हुई,जब पता चला कि केवल नहर और सरकारी ट्यूबबैल से सिचाई ही इसके तहत आती है।निजी नलकूप के बिल यथावत जारी रहेगे।अब 7.5 हार्स पावर से कम बिजली कनेक्शन निजी नलकूप के लिए नहीं होगे।यदि किसी किसान के खेत में छोटी बोरिग है,जिसमें 5 हार

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परीक्षा

12 जुलाई 2016
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विधानसभा चुनाव करीब आते देख सभी महारथी अपने चुनावी दाव पेच प्रारंभ कर दिए।कोई अपनी सरकार उपलब्धियों का बखान कर रहा है तो कोई उनकी असफलताओं का कच्चा चिट्ठा जनता के सामने रख रहा है।वरिष्ठ नेता की हिदायत इस समय ठीक वैसी ही प्रतीत होती हैं जैसे परीक्षा निकट देख विद्यार्थियों के हाव भाव शिक्षक को यह कहने

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सेना का मनोबल बढ़ाये

19 जुलाई 2016
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विषम परिस्थितियों में भी बड़ी बहादुरी के साथ हमारे देश की सीमाओं की चौकसी में डटी रहने वाली हमारी सेना हर तरह से हमारी सुरक्षा को सक्षम है।चाहे वह बाहरी हमला हो या फिर कोई प्राकृतिकआपदा हमारी सेना ने सदैव एक नया इतिहास ही रचा है।हमें भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम पर गर्व है।मेरा अपना अनुभव केन्द्र

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पेड़ लगाना सीखें

19 जुलाई 2016
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वर्षा ऋतु पेड़ पौधा रोपड़ के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है।इस समय वातावरण में पर्याप्त नमी होती है जिससे पेड़ पौधों को जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है।बीच बीच में बारिश होने से उनकी पानी की आवश्यकता भी पूरी हो जाती है।जिस स्थान पर पौधारोपण करना है वहाँ डेढ फिट लम्बा,डेढ फिट चौड़ा और डेढ फिट गहरा गड्ढा

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सौर ऊर्जा उत्पादन पर अधिक सब्सिडी मिले

22 जुलाई 2016
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ऊर्जा का इकोफ्रेन्डली उत्पादन वायु और जल के साथ सूर्य की किरणों से किया जा सकता है।इनमें वायु और जल का सीमित स्थानों पर तथा सौर ऊर्जा का उत्पादन लगभग हर जगह पर हो सकता है।इसे व्यापक स्तर पर घरों,होटलों,सरकारी बिल्डिंग में तथा सार्वजनिक पथ प्रकाश व्यवस्था में भी प्रयोग में लाया जा सकता है।किसानों के

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सम्पूर्ण ग्राम विकास संभव

5 अगस्त 2016
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ग्राम पंचायत में खुली बैठक के माध्यम से सघन जनसहभागिता सुनिश्चित करने का काम किया जाना चाहिए।निष्पक्ष कार्य चयन करने के बाद प्राथमिकता के आधार पर क्रमबद्ध तरीके से पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य शुरू करने होगे।तकनीकी मानिट्रिग और जनसहयोग का तात्पर्य किसी भी दशा में ग्राम पंचायत के अधि

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सड़क निर्माण से पूर्व जल निकासी का उचित प्रबंध आवश्यक

7 अगस्त 2016
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आमतौर पर यह देखा जाता है कि सड़क बनने के कुछ समय बाद ही उखड़ना शुरू हो जाती है।इसके लिए सड़क पर जल भराव पहला कारण है।जल निकासी हेतु नाली,पुलिया या पाइन आदि का यथास्थान प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि सड़क का आधार सूखा और ठोस अवस्था में बना रहे।दूसरी बात आधार कोट में पर्याप्त मोटाई की काम्पैक्टेड परतें मान

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आफत की बारिश ☔

16 अगस्त 2016
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चेन्नई,कश्मीर और अब गुड़गाव(गुरु ग्राम) बाढ़ की चपेट में आकर अस्त-व्यस्त हो चुके हैं।अभी तक गाँव की अनियोजित बसावट और नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि को ही बाढ़ का मुख्य कारण माना जाता था।अब राजधानी क्षेत्र के महानगर में बाढ़ ने सारे पुराने मिथक तोड़ दिये।विकास के नाम पर

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पोस्ट मैन की घोर लापरवाही

17 अगस्त 2016
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राखी का लिफाफा पोस्ट मैन ने यह लिखकर वापिस बहन के घर भेज दिया कि प्राप्तकर्ता मकान बेचकर कहीं चला गया है अतः स्पीड पोस्ट प्रेषक को वापस।सही पता लिखकर स्पीड पोस्ट किया गया फिर भी पोस्ट मैन ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अख्तियार करते हुए गलत तरीके से लिखा और वापस कर दिया।पते पर

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कूड़ा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता

18 अगस्त 2016
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गाँव में सफाई व्यवस्था हेतु सफाई कर्मचारी की नियुक्ति कई वर्ष पहले हुई परन्तु ठोस कूड़ाकरकट के सही निस्तारण की कोई योजना धरातल पर नहीं उत्तर पाईं।आज भी सफाई कर्मचारी नाली साफ़ करने के बाद निकले कूड़े को पास के तालाब या गाँव के बाहर सड़क किनारे फेकने का काम कर रहा है।वहाँ से

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कुपोषण का निदान

21 अगस्त 2016
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दूध का सेवन कुपोषण का सबसे पुराना नुस्खा है।परन्तु इसकी बढ़ती कीमतों ने गरीब आदमी से इसकी पहुंच मुश्किल कर दी है।पशु पालन आज के समय में बहुत खर्चीला व्यवसाय हो गया है।पशुओं में मौसमी बीमारी फैलने पर उनके इलाज की कारगर व्यवस्था न होने के कारण बड़ी तादाद में पशुओं की मौत हो

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कान्हा पशु आश्रय स्थल

21 अगस्त 2016
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आवारा जानवरों के उत्पातों से गाँव के किसानों के अलावा शहर की आबादी भी पीड़ित है।शहर की सड़को पर शाम को इनके झुन्ड जाम की स्थिति उत्पन्न कर देते हैं।भीड़भाड़ वाले स्थानों पर तो दुर्घटना का भय बना रहता है।ऐसे में इनके पुनर्वास के लिए सुझाई गई कान्हा पशु आश्रय स्थल योजना अमल

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सरकारी स्कूलों का कायाकल्प संभव

22 अगस्त 2016
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सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले अधिकांश बच्चे गरीब तबक़े से आते हैं क्योंकि उनके पास प्राइवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस और किताबों के लिए पर्याप्त पैसा नहीं होता।सरकार भी योग्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में रुचि नहीं लेती।मात्र वोटों की खातिर समर्पित व योग्य शि

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सार्वजनिक शौचालय 🚹 का अभाव

23 अगस्त 2016
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शौच और पेशाब जाने के लिए आदमी तो कोई किनारा ढूंढ ही लेता है परन्तु महिलाओं को बाज़ार या राह चलते सार्वजनिक शौचालय का न होना बहुत अखरता है।मजबूरी में शौच या पेशाब के वेग को रोक अनजाने ही कई बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।बाज़ार के आसपास सार्वजनिक शौचालय अनिवार्य रूप से

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सुअर बाड़े में रखने की जरूरत

23 अगस्त 2016
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सफाई व्यवस्था में सहायक कहकर सुअर गली मोहल्ले में छोड़ दिये जाते हैं।सड़ी गली चीजों को खाकर वे रास्ते में मल मूत्र त्याग कर आगे बढ़ जाते हैं और पूरी गली गन्दी कर देते हैं।मोहल्ले वाले इसकी शिकायत किससे करें?

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ट्रिपल पी माडल को आगे बढ़ायें

24 अगस्त 2016
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सीमित संसाधनों का रोना रोने की अपेक्षा प्राइवेट कंपनियों को साथ लेकर स्वच्छ भारत अभियान को गति प्रदान की जा सकती है।ठोस कघरा प्रबंधन में इन्हें जगह उपलब्ध कराने का काम सरकार का तथा देखरेख का काम प्राइवेट कंपनियों का रहे तो अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।उच्च स्तरीय

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खेतों से खिलवाड़ कब तक?

28 अगस्त 2016
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हमारे देश की आबादी १२१ करोड़ और हमने भेजे ओलंपिक में खिलाड़ी ११७ परन्तु पदक मिले २ ।कारण क्या है?यही गम्भीरता से समझने का विषय है।खेल भावना का अभाव मेरे नज़र में पहला कारण है।प्रतिभाओं के प्रोत्साहन का अभाव ,पक्षपातपूर्ण तरीके की चयन प्रक्रिया और राजनीति सब बराबर के दोष

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