मनीष प्रताप सिंह
2 किताबे ( 2 हिंदी )
27 रचनायें ( 27 हिंदी )
http://manishpratapmpsy.blogspot.com,http://manishpratapmpsy.blogspot.com,http://manishpratapmpsy.blogspot.com
अभिव्यक्ति मेरी: गहरे काले अक्षरों से
20 मई 2018
0
0
अभिव्यक्ति मेरी: किसी के बाप का कर्जा किसानों पर नहीं बाकी,
6 फरवरी 2018
1
0
अभिव्यक्ति मेरी: मैं आग को पीता गया बस आजमाने के लिये
15 नवम्बर 2017
3
2
अभिव्यक्ति मेरी: पर दोस्ती जैसा कोई, रिश्ता नहीं होता
12 मार्च 2017
1
0
अभिव्यक्ति मेरी: शायद मुझसे कुछ कहतीं है।
11 मार्च 2017
1
0
अभिव्यक्ति मेरी: गज़ल , गीत, कविता कुछ भी समझें
10 जनवरी 2017
3
1
अभिव्यक्ति मेरी: ये अस्मिता की बात करते है, वो अस्मत को लुटाने बाले (गज़ल)
9 जनवरी 2017
1
1
सजायाफ्ता है हम भी, सफ्फाक उस नजर के ।
1 अक्टूबर 2016
1
0
धुँधली होती तस्वीर
2 सितम्बर 2016
1
0
अब खून भी बहता नहीं, और जख्म भी बढते गये ।
2 अगस्त 2016
0
0