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मंजिल

19 मई 2022

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#साहस

 संकट में तू रोता  क्यो है

हे! वीर धैर्य खोता  क्यों है

ले धनुष उठा बन जा राघव

तू शक्ति हीन होता क्यो है


पग के पत्थर को फूल बना

तू बाधाओं को धूल बना

जब समय तेरे प्रतिकूल बने

तब तू इसको अनुकूल बना

चाहे जितना थक जाए तू

मंजिल को अपने मूल बना


संकट में तू रोता क्यों है

हे! वीर धैर्य खोता क्यो है


#हृदयनील स्वरचित

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