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मंशीराम देवासी के बारे में

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मंशीराम देवासी की पुस्तकें

मंशीराम देवासी के लेख

लोग

11 अप्रैल 2017
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लोग शंका करते हैंमेरे *अनुमान* का,, लेकिन में कहता हूँ आज जन्मोत्सव हैं विर *हनुमान* का,, हम सब तो कर्म करते हैं ऐसेकी जग मे हमारा *सम्मान* बढ़े,, लेकिन उनके कर्म थे ऐसे जिससे जग मे राम का *मान* बढ़े,, जय जय श्री हनुमान की,, रक्षा करना पवन पुत्र हिन्दुओं के आन, बान और शान की,, *विचारक**भाई मंशीराम द

गणतंत्रदिवसरीशुभकामनाएं

31 जनवरी 2017
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गणतंत्र दिवस

31 जनवरी 2017
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मनुष्य की कीमत को पहचानो

11 नवम्बर 2016
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मनुष्य की कीमत को पहचानों,,राम -राम सा ।।।**एक बार फिर मेरे लिखने के प्रयास को सफल बनाने मे आप सभी अपना अपना सहयोग दें,,•---आप सभी बुद्धिजीवियों को पुनःमेरा राम राम सा•----|||में दिल की बीमारियों से बचने के लिए आजकल दिल से लिखना और सोचना कम कर दिया हूँ,,लेकिन मनुष्य की घट रही कीमतों ने मुझे लिखने क

भावना अच्छी रखौ,,

11 नवम्बर 2016
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मेरे लिखने की एक खास वजह है,की बहुत सारे मित्रों ने मेरे लिखने की कला को जाना है,समझा है,और कहते हैं कि आपको तो कविता लिखनी चाहिए,हालांकि में कविता एवं लेख आदि लिखता हूँ,लेकिन उनके कहने का मतलब है कि अधिकतर अपना समय लिखने मे गुजारें ताकि आपके लेखों से संसार और समाज के लोगों मे सुसंस्कार आवै ,में उनक

म्हारौ नानाणौ

11 नवम्बर 2016
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👉🏻--'' म्हारौ नानाणौ ''--👈🏻माँ रो गांव जिण ने राजस्थान मे नानाणैं रे नाव सूँ जाणै, इण ने अलग अलग नाव सूँ भी पुकारै हैं,, ज्यूं नानेरौ, मामाळ, नानाणौ ननिहाल आदि --नानाणैं री एक विशेष बात आ हैं,, बठै माँ रै नाव सूँ पहचाण मिले, कहणैं रो मतबल है सा '' के बाई रे नाव सुँ ही भिरा ओळखीजै, टाबरा वा

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