फरज़ से मस्त बहारन का मुख्य आशिक के गीत: यह मोहम्मद रफी द्वारा लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। मस्त बहारन का मुख्य आशिक गीत सुंदर बक्षी द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
फ़र्ज़ (Farz )
मस्त बहारों का मैं आशिक की लिरिक्स (Lyrics Of Mast Baharon Ka Main Aashiq )
मस्त बहारों का मैं आशिक मैं जो चाहे यार करून चाहे गुलों के साये से खेलूँ चाहे काली से प्यार करून सारा जहाँ है मेरे लिए
मस्त बहारों का मैं आशिक मैं जो चाहे यार करून चाहे गुलों के साये से खेलूँ चाहे काली से प्यार करून सारा जहाँ है मेरे लिए
मैं हूँ वह दीवाना जिसके सब दीवाने हैं मैं हूँ वह दीवाना जिसके सब दीवाने हैं किसको है ज़रुरत तेरी ए ज़माने है मेरा अपना रास्ता दुनिया से क्या वास्ता मेरे दिल में तमान
मेरी आँखों से ज़रा आँखें तो मिला दे हा मेरी आँखों से ज़रा आँखें तो मिला दे हा मेरी राहें रोक ले नज़रें तो बिछा दे हा तेरे सर की है कसम मैं जो चला गया सनम
सबको यह बता दो कह दो हर नज़र से हा सबको यह बता दो कह दो हर नज़र से हा कोई भी मेरे सिवा गुज़रे न इधर से हा बतला दो जहाँ को समझा दो कीजै को आये जाए यहाँ न को