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मेरे लिये

21 जून 2022

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 तू मेरी क़िस्मत है 

मेरे हाथों पे सजाया गया है तुझे मेरे लिये 

तू ज़मीं पे उतरी है जैसे 

आसमां को लिये 

तेरी पलकों के दरवाज़े 

खुलते बंद होते मेरे लिये 

गुलाब सी पँखुडी़ लिये दो लब 

तेरे चेहरे पे खिलते हैं मेरे लिये 

तेरी हसीन जु़ल्फों की छाँव 

तेरे दुपट्टे पे पड़ती है मेरे लिये 

दो नर्म बाँहें खुलती हैं हमेशा 

मुझको आग़ोश में लेने के लिये 

तेरे नैनों के सामने जाता हूँ हर बार 

घायल होने के लिये 

तेरा साया ही काफ़ी है कि तू है कहीं आस पास 

ये बताने के लिये 

तेरे जिस्म की ख़ुशबू फैल जाती है 

गुज़र जाती है तू जहाँ से पल भर के लिये 

इन आँखों में क़ैद कर लिया तेरा अक्स 

आँखों की जेल में तू रहे अब सदा के लिये 

तू मेरी क़िस्मत है 

मेरे हाथों पे सजाया गया है तुझे मेरे लिये॥  

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