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मोहब्बत

4 अप्रैल 2020

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रात जितनी बढ रही थी ,खामोशी उतनी ही फैल रही थी ।

रूठ कर तेरा ,यूं बैठना

कहा मेरे दिल की पुकार सुन पा रही थी ।।

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