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अहंकार को छोड़ो - Moral Story Of King in Hindi

24 दिसम्बर 2017

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परमात्मा को पाना है तो अहंकार को छोड़ना ही पड़ेगा - और भी अन्य बेहतरीन कहानियां पड़ें - Hindi Moral Stories


एक राजा था, उसने नाम कमाया और ऐश्वर्या भोगा. फिर मन भर गया. लगा की अब सत्य स्वरुप परमात्मा की खोज का समय आ गया है. वह एक आश्रम में गया आश्रम में संत से मिलकर अपनी समस्या उनके समक्ष रखी संत ने कहा, परमात्मा को पाना तो बहुत आसान है. जो कुछ तुम्हारे पास है उसे छोड़ दो. राजा ने ऐसा ही किया उसने राज्य छोड़ दिया और अपनी साड़ी संपत्ति गरीबों में बांट दी. वह बिलकुल भुखारी बन गया लेकिन परमात्मा नहीं मिले. कुछ दिनों तक बेचें रहने के बाद वह फिर संत के द्वार पहुंचा तब संत ने कहा, अरे तुम तो सभी कुछ साथ ले आये हो. राजा की समझ में कुछ भी नहीं आया पर वह कुछ भी नहीं बोलै.


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संत ने उसे कहा कोई बात नहीं कुछ दिनों तक तुम आश्रम का कूड़ा करकट साफ़ करो. आश्रमवासियों को यह बहुत कठोर लगा और उन्होंने संत से बात की तो वह बोले सत्य को पाने के लिए राजा अभी तैयार नहीं हैं और इसका तैयार होना बेहद जरुरी हैं. कुछ दिन और बाईट आश्रमवासियों ने संत से कहा की अब वह राजा को उस कठोर काम से छुट्टी देने के लिए उसकी परीक्षा ले सकता हैं. संत ने कुछ विचार करके कहा ठीक है शीघ्र ही इस बारे में विचार करते हैं. अगले दिन राजा जब कचरे की टोकरी सर पर लेकर फेंकने जा रहा था तो एक आदमी रस्ते में उससे टकरा गया राजा के मुख से ये शब्द निकले आज से पंद्रह दिन पहले तुम इतने अंधे नहीं थे शायद तुम हमें भूल गए हो.


अगले दिन आश्रम में संत ने आश्रमवासियों को यह घटना बताकर कहा मेने कहा था न की अभी समय नहीं आया है. कुछ दिन बाद फिर जब राजा कचरा फेंकने जा रहा था तो किसी से टकरा गया इस बार राजा ने आँखें उठाकर उसे सिर्फ देखा पर कहा कुछ भी नहीं फिर भी आँखों ने जो कहना था वह कह ही दिया संत ने इसे दर्द कर लिया.


संत ने कहा सम्पाती को छोड़ना बहुत आसान है लेकिन अपने अहंकार को छोड़ना कितना कठिन हैं. तीसरी बार फिर ऐसी घटना हुई इस बार राजा ने सामने वाले से टकराने के लिए माफ़ी मांगी और कचरे को समेटकर आगे बढ़ गया कुछ इस तरह जैसे कुछ हुआ ही न हो.


उस दिन आश्रम में संत ने सभी आश्रमवासियों के सामने कहां, अब राजना आप तैयार है जो अपने अहंकार को छोड़ देता है वही प्रभु को पाने का अधिकारी होता है. moral सत्य और परमात्मा को पाए है तो खुद को छोड़ना पड़ता हैं. जब तक अहंकार है तब तक प्रभु नहीं मिल सकते.


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