अब मुहब्बत में हमें नाकाम रहने दो,
शुक्रिया ये चाहतें बेदाम रहने दो।
छुप गए होंगे हमारे चाहने वाले,
भूल जाओ तुम हमें बदनाम रहने दो।
फितरतन जो लोग हैं दीवार के जैसे,
तुम मेरी चौखट को थोड़ा आम रहने दो।
कोई नज़राना नहीं अब चाहिए यारों,
मेरी तन्हाई मेरा आराम रहने दो।
आग चिंगारी बने या राख हो जाये,
जो भी हो होगा मेरा अंजाम रहने दो।
जी में है तो आप हमको बे-दखल करदो,
गर नहीं तो बे-बजह इल्जाम रहने दो।
है नदी तो दो किनारे शर्तियां होंगे,
खूबसूरत हैं सभी आयाम रहने दो।
मत बढाओ दूरियां दिल में दरारों को,
व्यर्थ का है छोड़ दो संग्राम रहने दो।
जो बचे वो साथ ले जाना उठा कर,
लाजिमीं 'अनुराग'मेरा नाम रहने दो।