नसीब से मुज तुम याद आते हो के गीत: यह कुमार सानू द्वारा नादेम और श्रवण द्वारा अच्छी तरह से तैयार संगीत के साथ एक बहुत अच्छा गाया गया गीत है। मुज तुम याद आते हो गीत सुमेर द्वारा खूबसूरती से लिखा गया है।
नसीब (Naseeb )
मुझे तुम याद आते हो (Mujhe Tum Yaad Aate Ho ) (कभी जो भूलना चाहूं)की लिरिक्स (Lyrics Of Mujhe Tum Yaad Aate Ho )
कभी जो भूलना चाहूं न जाने क्यों मेरे दिलबर [मुझे तुम याद आते हो] क्ष ३
कभी जो भूलना चाहूं न जाने क्यों मेरे दिलबर [मुझे तुम याद आते हो] क्ष ३
कभी सावन के मौसम में अगर गाय कहीं कोयल कभी सावन के मौसम में अगर गाय कहीं कोयल किसी मेहँदी की टहनी पर न जाने क्यों मेरे दिलबर [मुझे तुम याद आते हो] क्ष
किसी के हाथ से छूटे अगर शीशे का पैमाना किसी के हाथ से छूटे अगर शीशे का पैमाना छलक जाए अगर सागर न जाने क्यों मेरे दिलबर [मुझे तुम याद आते हो] क्ष ३
कभी जो भूलना चाहूं न जाने क्यों मेरे दिलबर [मुझे तुम याद आते हो] क्ष ३ [मुझे क्यों याद आते हो] क्ष ४