ग़ज़ल by neetesh Shakya
की बेवफ़ाई तूने, की बेवफ़ाई । तोड़ चली हो प्रीति, दिल को दुखाईं।मिली बेवफ़ाई मुझे, मिली बेवफाई।तूने न जाना मेरे,दर्द ए- दिल को।पीते थे आंसू में, तेरे खुश दिल को।।नादान थे हम प्रीति लगाई।।1।।हाजिर था दिल मेरा, तेरे लिए ही।मांग न पाया तूने, अपने लिए ही ।।दिल हुआ तेरा, ओ हरजा