हम उनकी पॉलिटिक्स से सहमत या असहमत हो सकते हैं. मगर मौत को लेकर असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं?
पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता सुषमा स्वराज का 6 अगस्त की रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. घबराहट होने की शिकायत के बाद उन्हें रात 9.26 बजे एम्स लाया गया. लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. हार्ट अटैक से कुछ घंटे पहले उन्होंने एक ट्वीट किया था. ये उनका आखिरी ट्वीट था.
ये ट्वीट उन्होंने धारा 370 हटाने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए किया था. ट्वीट में लिखा था कि वह जीवन में इस दिन को देखने का इंतजार कर रही थी.
इसके बाद उनकी मौत की खबर आ गई. सोशल मीडिया पर लाखों यूजर्स दुखी नजर आ रहे हैं. लेकिन कुछ लोग घटियापन की हद पार करना अपनी बहादुरी औऱ ताकत समझते हैं. सोशल मीडिया पर भी ऐसे लोग मौजूद हैं. जो सुषमा स्वराज को उनकी मौत के बाद भी ट्रोल कर रहे हैं. उनके बारे में घटिया बातें कह रहे हैं. कह रहे हैं कि उनके लिए नर्क के दरवाजे खुल चुके हैं. उन्हें जहन्नुम में रखने की तैयारी हो रही है.
एक यूजर ने लिखा कि ट्वीट करने के बाद उन्हें पता चल गया था कि उनका नर्क में इंतजार हो रहा है. कुछ कर रहे हैं कि उनके ट्वीट ने लाखों कश्मीरियो को दुख पहुंचाया, इसलिए उनकी मौत हुई. कुछ यूजर्स उनके आखिरी ट्वीट पर कह रहे हैं कि बीमारी में ट्वीट कैसे किया जा सकता है.
ट्विटर पर सुषमा स्वराज के लिए लिखी जा रही घटिया बातें.
सुषमा स्वराज ने मांगे राम के निधन पर दुख जताते हुए लिखा, 'श्री मांगे राम गर्ग जी के अकस्मात निधन का समाचार सुन कर बहुत दुख हुआ.'
सुषमा स्वराज के इस ट्वीट के जवाब में इरफान खान नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'आपकी भी बहुत याद आएगी एक दिन शीला दीक्षित की तरह अम्मा.'
सुषमा स्वराज ने इरफ़ान के जवाब में लिखा, 'इस भावना के लिए आपको मेरा अग्रिम धन्यवाद.'
ट्विटर पर सुषमा के एक करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. और वह सोशल मीडिया पर दुनिया की सबसे पॉपुलर महिला राजनेता थीं. कुछ उनके फैन थे, कुछ उनसे चिढ़ते थे. हम उनकी पॉलिटिक्स से सहमत या असहमत हो सकते हैं. मगर मौत को लेकर असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं?