स्वरचित रामायण - बाल काण्ड
जब भार बढ़ा पृथ्वी पर, प्रगट भये भगवान !
अवधपुरी में जन्मे, बनके रघु कुल भानु !! १!!
चौथे रिपुदमन तीजे लखन, दूजे भरत महान !
पहले जनमे बैकुन्ठ, अधिपति राम सुजान !!२!!
एक बार कौशिक ने ठाना, महा यज्ञ अनुष्ठान !
रक्षा हेतु वो लेने आये, दशरथ प्रिय सुत राम !!३!!
राह में मिली जब ताड़का, हँस के किया गुमान