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नीरू मोहन'वागीश्वरी' के बारे में

****मेरा परिचय**** परिचय नाम -नीरू मोहन *शिक्षा - 1. स्नातक 2. एन टी टी 3. पी टी टी 4. डी ई सी ई 5. एडवांस टेकनिकल कोर्स इन ड्रेस डिजाईनिंग(इंस्ट्रक्टर) 6. एम ए हिंदी 7. एम ए राजनीति विज्ञान 8. बीएड - हिंदी ,सामाजिक विज्ञान 9. एम फिल - हिंदी साहित्य शोध कार्य - आदिकाल और रीतिकाल 10. पी एच डी- कार्यरत * कार्यक्षेत्र - शिक्षिका ,साहित्य लेखन, समाज सेवा, मंच संचालिका * कार्य स्थल- बालभवन पब्लिक स्कूल मयूर विहार फेस-2 * विद्या - लेख, लघु कथा ,संस्मरण, छंदयुक्त और छंदमुक्त कविताएँ, दोहे, हाइकु, चौका, ताँका, रेंगा, सायली छंद, उद्धरण /अवतरण, सुविचार, कुंडलियाँ, नाटक, नुक्कड़ नाटक, भाषण, कहानी, लघु कथा, बाल कविता, समीक्षा, निबंध इत्यादि | *प्रकाशन - रचनाएँ साहित्यपीडिया मंच पर, काव्य संगम पुस्तक, नव पल्लव, नये पल्लव, साहित्य संगम एप, साहित्य संगम नारी ग्रुप, सवेरा पत्रिका, अविरल पत्रिका, मुलायम सिंह यादव पुस्तक में लेख, सांझा काव्य संग्रह, विभिन्न पत्रिकाओं, दीप देहरी कहानी संग्रह, अविरल धारा सांझा काव्य संग्रह, अमर उजाला, संदल सुगंध काव्य संग्रह, अंतरा, हिंदी लेखक डॉट कॉम, यू कॉटेशन्स डॉट कॉम, हाइकु मञ्जुषा ब्लॉग, लिट्रेचर प्वाइंट, गूगल, वेब और ब्लॉक पर प्रकाशित *सम्मान -साहित्य पीडिया मंच पर २८०० साहित्यकारों में शीर्ष तीस साहित्यकारों मे दसवाँ स्थान, उदिप्त प्रकाशन और आगमन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच द्वारा रचनाकार सम्मान, साहित्य संगम संस्थान द्वारा दैनिक श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, साहित्य संगम नारी संस्थान द्वारा दैनिक श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, साहित्य संगम द्वारा दैनिक समीक्षा का अवसर आगमन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच द्वारा आगमन राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में सम्मानित । * एकल संग्रह- 1. पद्मांजलि ( नारी विशेषांक) 2. बाल साहित्य 3. हाइकु संग्रह * रूचि-

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नीरू मोहन'वागीश्वरी' की पुस्तकें

neerumohan

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कुहास से किरण तक

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नीरू मोहन'वागीश्वरी' के लेख

स्वतंत्र भारत मेरा भारत

14 अगस्त 2018
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वीरों को शत्-शत् नमन करते हुए समस्त देशवासियों को 72वें स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ! ***स्वतंत्र भारत… मेरा भारत*** लेख स्वतंत्र है भारत देश हमारा इस मिट्टी के हम वासी हैं । भारत देश की शान की खातिर हर राही के हम साथी हैं । सीमा की रक्षा पर जो वीर तैनात हैं भारतवासी हैं । उनके हर कतरे

मेरा भारत 2020

12 अगस्त 2018
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मेरा भारत 2020 (लेख) परतंत्र भारत में नहीं जन्मे न देखी है परतंत्रता भारतीय होकर भी दोस्तों पाश के बंधनों में जकड़ी है हमारी स्वयं की विचारशीलता जी हाँ मित्रों आज स्थिति यह है कि हम स्वतंत्र होते हुए भी परतंत्र हैं । परतंत्र हैं अपने ही विचारों के अपनी ही सोच के

विद्यार्थियों में गिरते जीवन मूल्य

23 जुलाई 2018
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कहते हैं जो विद्यार्थी शिक्षक का सम्मान नहीं करते उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं होता यह बात अब आई गई सी लगती है । आज विद्यार्थियों में गिरते मूल्यों का एक मुख्य कारण उनके स्वयं के अभिभावक है । ऐसा क्यों …? प्रताड़ित आज विद्यार्थी नहीं समस्त शिक्षक हैं जो देश का भविष्य निर्माण करते हैं इस विषय पर लिखने

आज प्रताड़ित विद्यार्थी नहीं शिक्षक हैं

7 जुलाई 2018
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लेख विद्यार्थियों में गिरते मूल्य कहते हैं जो विद्यार्थी शिक्षक का सम्मान नहीं करते उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं होता यह बात अब आई गई सी लगती है । आज विद्यार्थियों में गिरते मूल्यों का एक मुख्य कारण उनके स्वयं के अभिभावक है । ऐसा क्यों …?

बेटियों की सिसकियाँ

1 जुलाई 2018
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माँ …मुझे मौत दे दो ???? मर्म की चीख जागरुकता लेख क्यों आज हर माँ को यह कहने की स्थिति में पहुँचा दिया है कि… 'अगले जन्म मुझे बिटिया न दीजो' और एक बेटी को यह कहने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि… 'अगले जन्म मुझे बिटिया ना कीजो' आज देश में जो हालात हैं छोटी-छोटी बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं उनको यूँ क

स्नेह और दुलार खो गया

18 जून 2018
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लेख स्नेह और दुलार खो गया एक बच्चे की उन्नति और विकास के लिए अभिभावकों के साथ निरंतर बच्चे की पढ़ाई और क्रियाकलापों को लेकर वार्तालाप बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे एक बच्चे के विकास के चरणों का पता चलता है । 24 घंटों में से बच्चे 8 घंटे स्कूल में अपनी शिक्षिकाओं, सहप

फिल्मी पर्दा करे बेपर्दा

17 जून 2018
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विकास के साथ-साथ विनाश को रोकना संभव

6 जून 2018
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विकास के साथ-साथ विनाश को रोकना संभव**** इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी देश का विकास उस देश की समृद्धि और संपन्नता को दर्शाता है । यह समृद्धि और संपन्नता तब तक कायम रह सकती है जब तक की विकास की दिशा सही हो और अगर स्वार्थ पूर्ति के चलते जब हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करन लगतेे हैं तब विनाश को रोक

प्रतिभा पलायन क्यों ज़रा सोचिए

30 मई 2018
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लेख प्रतिभा पलायन क्यों… ज़रा सोचिए ******************* *देश के हित को सोचकर ही , हम सब को आगे बढ़ना है | प्रतिभा पलायन नहीं निष्कर्ष, हिंदुस्तान में ही अपना सर्वस्व कायम रखना है | प्रतिभा संपन्न व्यक्ति ही किसी समाज या राष्ट्र की वास्तविक संपदा होती है| इन्हीं की दशा एवं दिशा पर देश का भविष्य न

अंकों और विषय चयन का दबाव ज़रूरी

29 मई 2018
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कहानी के माध्यम से संदेशयुक्त लेख ****बच्चों पर पढ़ाई और अंकों का दबाव न डालें । ****** पिताजी की इच्छा है कि रोहन दसवीं में कॉमर्स विद् मैथ्स ले ……। रोहन का दसवीं का परीक्षा परिणाम निकलने वाला है । घर में सन्नाटा छाया हुआ है । नेट पर परिणाम की घोषणा हो चुकी है । रोहन घर आता है । माँ पूछती है… रो

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