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ब्रजवुड

23 अगस्त 2018

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featured imageब्रजभाषा सिनेमा का निकनेम है ब्रजवुड। अर्थात ब्रज क्षेत्र का फिल्म उद्योग।ब्रज का अपना गौरवशाली इतिहास है इसके बावजूद वहां का स्थानीय सिनेमा अपने संघर्ष के लिए जूझ रहा है। 1982 में शिव कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म ब्रज भूमि पहली ब्रजभाषा फिल्म थी। जिसमें शिव कुमार और राजा बुन्देला जैसे मंझे हुए कलाकारों ने अभिनय किया था। वह फिल्म हिट रही उसके बाद 1984 में जमुना किनारे बनीं जिसे काका हाथरसी जी और उनके गोद लिए पुत्र लक्ष्मीनारायण गर्ग ने बनाया वह फिल्म फ्लॉप रही, उसके बाद वर्ष 2000 ब्रज कौ बिरजू बनीं जिसका निर्देशन सिद्धार्थ नागर जी ने किया। उसके बाद से ही किसी बहतरीन कलाकार की बाट जोह रहा यह सिनेमा अपने आस्तित्व की जंग लड रहा है । न तो कोई बडा निर्माता , निर्देशक ब्रजभाषा में फिल्म बनाता है और न ही कोई सिनेमा घर मालिक ब्रजभाषा फ़िल्मों को स्क्रीन देने को तैयार है । ब्रजवुड के विकास हेतु कार्य कर रहे मनोज कहते हैं ब्रजभाषा सिनेमा में पहले जैसी बात नहीं रही , न यहां निपुण कलाकार हैं और न अच्छे संसाधन । और सरकार भी कोई ध्यान नहीं दे रही । मनोज बताते हैं कि मैं ब्रजवुड को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से ब्रजभाषा की पहली फिल्म बनाने वाले शिव कुमार जी से भी मिल आया । पर कोई सकारात्मक प्रणाम नहीं निकला उसके बाद ब्रजभूमि में सह अभिनेता और ब्रज कौ बिरजू में मुख्य खलनायक रहे सन्दीपन नागर जी से भी उनके घर बात कर आया पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। अब केवल लघु फिल्में बनाकर फेसबुक और यूट्यूब पर रिलीज करने से अलग कोई विकल्प नहीं है । मनोज का मानना है कि जब तक ब्रजभाषा का अपना निजी टेलीविजन चैनल नहीं होगा तब तक इस उध्योग में मजबूती नहीं आऐगी। वहीं ब्रजवुड के लिए काम करने वाले एक अन्य महोदय जैस चौहान का कहना है वो एक प्रयास करके देख रहे हैं वो ब्रजभाषा में एक फ़िल्म लेकर आ रहे हैं। चौहान के अनुसार ब्रजवुड का सारा भविष्य इसी फ़िल्म पर टिका होगा अगर यह फिल्म फ्लॉप हुई तो दशकों तक कोई ब्रजभाषा में फिल्म नहीं बनाऐगा। बरहाल ब्रज के कई नागरिकों को किसी ब्रजभाषा फ़िल्म का इन्तजार है। अब देखना यह है कि ब्रजवुड में आगे क्या होता है?

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