सरकारी नौकरी लगने के बाद कई दूल्हे शादी में मोटे दहेज के लिए एनवक्त पर अड़ जाते हैं। शादी के बाद विवाहिता को परेशान करने से भी नहीं चूकते हैं, ऐसे युवकों को इन दो दूल्हों से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने लाखों रुपए के दहेज को ठुकरा दिया। खास बात ये है कि दोनों दूल्हे राजपूत हैं। नागौर जिले के रहने वाले हैं। सरकारी नौकरी लगे हुए हैं। दोनों की ही शादी झुंझुनूं जिले में हुई है।
11 लाख ठुकराकर महज 11 रुपए लिए
-नागौर जिले की डेगाना तहसील के गांव पालियास के रेवत सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह की बारात झुंझुनूं जिले के गांव बड़ाऊ आई।
-सुरेन्द्र सिंह की शादी बड़ाऊ निवासी उम्मेद सिंह की बेटी अंशु कंवर से मंगलवार को हुई है।
-शादी में उम्मेद सिंह शगुन के तौर पर सुरेन्द्र सिंह को दहेज में 11 लाख रुपए से भरा थाल देना चाहा।
-इस पर सुरेन्द्र सिंह ने ससुर के सामने हाथ जोड़ लिए और दहेज लेने से इनकार कर दिया।
-यहीं नहीं बल्कि सुरेन्द्र ने हाथ जोडकऱ सभी से क्षमा मांगी और दहेज जैसी इस कुप्रथा को बंद करने को कहा।
-सुरेन्द्र सिंह रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट है।
आपकी बेटी ही मेरी लिए सम्पति
दूल्हे सुरेन्द्र सिंह ने दहेज में 11 लाख रुपए लेने से इनकार करने कर शगुन के तौर पर महज 11 रुपए लिए। इस दौरान चर्चा चली कि शादियों में तो दहेज में खूब सम्पति ली जाती हैं तो दूल्हे सुरेन्द्र सिंह का जवाब था कि उनकी लिए तो ससुरे उम्मेद सिंह की बेटी दुल्हन अंशु कंवर ही सम्पति है।
क्यामसर के जयदीप ने नहीं लिए पांच लाख रुपए
सुरेन्द्र सिंह से पहले नागौर के दूल्हे जयदीप ने भी दहेज में लाखों रुपए न केवल अच्छा संदेश दिया था। नागौर के गांव क्यामसर निवासी जयदीप की बारात छह फरवरी को कोलाली आई थी। ससुर दिलीप सिंह ने दहेज में पांच लाख रुपए से भरा थाल देना चाहा तो दूल्हे जयदीप ने भी हाथ जोडकऱ मना कर दिया था। एयरफोर्स में लेखाशाखा में कार्यरत जयदीप की शादी दिलीप सिंह की बेटी पल्लवी से हुई।
Source: Patrika News
रेलवे में नौकरी लगे राजपूत दूल्हे ने दहेज में 11 लाख रुपए लौटाकर दुल्हन के लिए कही ये बात