जयपुर की सहिंता अग्रवाल ने खुद से पहले अपनी मां के लिए पति ढूंढा और उनकी धूमधाम से शादी भी करवाई। वर्तमान में यह घटना सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।
संहिता अग्रवाल कहती है कि उसको अपने द्वारा लिए गए इस फैसले पर गर्व है। संहिता का कहना है कि उसने दो साल पहले अपने पिता को खो दिया । पिता के जाने के बाद घर में वह, उसकी बड़ी बहन और उसकी मां ही रह गए थे।
चूंकि बड़ी बहन की शादी हो चुकी थी इसलिए वे अपने परिवार में व्यस्त हो गई। घर में बचे हम दोनों लोगों ने जो समय गुजारा वह बहुत दुःखद और कठिन था।
मम्मी कभी भी रात को अचानक उठ जाती थी और पापा को पूछने लगती थी। कभी वह उनकी फोटों को देख कर घंटों रोती रहती थी। इस बीच मेरी नौकरी दूसरे शहर में लग गई और मैंने मम्मी की दूसरी शादी करने का फैसला किया। इसके लिए मैंने मैट्रीमोनी वेबसाइट पर अकाउंट खोला और अपना नंबर वहां दिया। कई लोगों से इस बीच बातचीत हुई, पर अंत में एक व्यक्ति मिले जिनकी उम्र मेरी मम्मी के जितनी ही थी और वे भी मम्मी की तरह ही सरकारी नौकरी में थे, वे मुझे समझदार लगे मुझे।
इसके बाद जब मैंने मम्मी से इस बारे में बात की तो वह नहीं मानी। यह बात कई दिनों तक हम लोगों के बीच में चली और उन्होंने अपनी मां को समझाया कि किसी भी व्यक्ति के जाने के बाद अपने जीवन को कष्ट देना सही नहीं है और समाज के बारे में भी उतना ही सोचना चाहिए जितना जरूरी हो, क्योंकि जब आप बुढ़े हो जाते हैं तब समाज आपको पूछने नहीं आता है। कुल मिलाकर वे मान गई और कुछ दिन पहले उनकी शादी भी हो गई। अब वे खुश हैं और उनकी पहले जैसी मुस्कराहट देखकर मैं भी खुश हूं।
सहिंता का फैसला समाज के लिए एक सीख बन चुका है। सवाल यह है कि अपने समाज में इतना सकारात्मक कार्य का होना इतना आम और आसान क्यों नहीं है। हमारे हाथ में जीवन की घटनाओं का होना या न होना तो नहीं है, पर इतना जरूर होता है कि हम अपने जीवन को एक और मौका दे ताकि हम बीते समय से निकल कर एक नया जीवन जी सकें।
पिता की मौत के बाद बेटी ने मां के लिए खोजा पति और धूमधाम से शादी भी करवाई।