आखिरकार ड्राइवर ने मौके पर गाड़ी क्यों नहीं रोकी। वह लोगों को रौंदता हुआ क्यों चला गया। यह सवाल सभी के मन में है। आइए हम आपको बताते हैं कि ड्राइवर ने गाड़ी क्यों नहीं रोकी। साथ ही हम आपको यह भी बता देते हैं कि इस हादसे के प्रमुख कारण क्या थे।
1—रावण दहन की वजह से घटनास्थल पर धुंआ बहुत ज्यादा था।
2—धुएं के धुंध के चलते ड्राइवर को को आस पास भीड़ नजर ही नललहंी
3—घटनास्थल के पास रोशनी भी कम थी, इसलिए ड्राइवर को कुछ दिखा भी नहीं।
4—ड्राइवर 91 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी ला रहा था, लेकिन जब उसने भीड़ देखी तो गाड़ी में ब्रेक लगाया लेकिन ट्रेन 68 की स्पीड तक ही ला सका।
5—91 की रफ्तार में दौड़ रही गाड़ी को रोकने के लिए कम से कम 700 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
6—ब्रेक लगाने के बाद थोड़ी ही देर में ट्रेन 10 की स्पीड में आ गई थी, लेकिन लोग पत्थरबाजी करने लगे।
7—गार्ड ने ड्राइवर को कहा कि लोग आक्रोश में हैं इसलिए यात्रियों की हिफाजत जरूरी है।
8—अगर गाड़ी रोकी जाती तो उत्तेजित भीड़ कुछ भी कर सकती थी और एक और बड़ा हादसा हो सकता था।
9—मजबूरी के चलते ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी।
हादसे की 10 वजहें
1— प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रेलवे ट्रैक के आसपास कोई बैरिकेडिंग नहीं थी।
2— रावण दहन से पहले समिति ने प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी।
3— रेलवे पटरियों से महज 200 फीट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था।
4— 7 बजकर 10 मिनट पर पुतलों का दहन हुआ अगर समय पर होता तो आज यह हादसा न होता।
5— प्रांगड़ में आस पास रोशनी की अच्छी व्यवस्था नहीं थी।
6— मौके पर पुलिस और प्रशासन के लोग कहां थे।
7— रेलवे पटरी पर पहले से ही लोग बैठे थे।
8— अगर लोग पत्थर न फेंकते तो शायद ड्राइवर गाड़ी रोक देता।
9— आरोप है कि गाड़ी में हार्न था ही नहीं।