बारतोलोमिओ एस्तेबन मुरिलो (29 नवम्बर 1617 - 3 अप्रैल 1682) एक स्पेनिश Baroque चित्रकार थे, जो अपने चित्रों के माध्यम से रोजमर्रा की जिंदगी का एक व्यापक और आकर्षक रूप प्रस्तुत करते थे | मुरिलो ने समकालीन महिलाओं और बच्चों की चित्र एक बड़ी संख्या में प्रस्तुत की है | मुरिलो ने अपने यथार्थवादी चित्रों में लड़कियों, सड़क urchins, और भिखारी को जीवंत कर दिया | मुरिलो को सबसे अधिक अपने धार्मिक कार्यों के लिए जाना जाता है | मुरिलो का जन्म अंडालूसी के एक छोटे से शहर, सेविला में या पिलास में गैसपर एस्टेबान और मारिया पेरेज़ के घर हुआ था | उन्होंने 1618 में सेविले में बपतिस्मा लिया |चौदह लोगों के परिवार में वह सबसे छोटे बेटे थे | उनके पिता एक नाई और सर्जन थे | 1627 और 1628 में उनके माता-पिता की मृत्यु हो जाने के बाद, वह अपनी बहन के पति जुआन अगुस्टिन लागारेस के वार्ड बन गए | मुरिलो शायद ही कभी अपने पिता के उपनाम का इस्तेमाल करते थे, और इसके बदले अपनी दादी, एल्विरा मुरिलो का उपनाम ले लिया। मुरिलो अपनी प्रारंभिक शिक्षा के लिए अपने माँ के रिश्तेदारों के पास चले गए | वहां उन्होंने पेंटिंग संस्थान “जुआन डेल कैस्टिलो” में प्रवेश लिया | उनके अंकल भी एक बहुत अच्छे चित्रकार थे | मुरिलो को चित्रकार बनने का प्रेरणा दिया और साथ ही साथ पेंटिंग को जीवंत बनाने का गुण भी सिखाया | गूगल ने डूडल में जिस फोटो का प्रयोग किया है उसमें दो महिलाएं एक खिड़की से झांकती हुई दिख रही है यह फोटो 1655 से 1660 के मध्य में मुरिलो द्वारा बनाई गई थी | मुरिलो के 400 साल पुरानी अद्भुत पेंटिंग का नजारा देखने के लिए स्पेन में एक म्यूजियम भी बनाया गया है | मुरिलो के कुछ प्रमुख तस्वीरें :
1660 में, जब सेविला चित्रकारी अकादमी की स्थापना हुई, मुरिलो को वहां का निदेशक बना दिया गया था | टिज़ियानो, रूबेन्स से प्रभावित होकर मुरिलो ने चित्रकारी में एक ऐसी शैली स्थापित की जिसमें मुलायम, मीठे चमकीले एवं चमकदार रंगों का प्रयोग किया | मुरिलो इस वक़्त तक स्पेन / बारोक के प्रतिनिधि चित्रकार में से एक बन गए थे | उन्होंने धार्मिक चित्रों और शैली चित्रों का भी निर्माण किया |
मुरिलो का काम शॉनी, ओकलाहोमा में माबी-गेरर कला संग्रहालय में और टेक्सास के डलास में दक्षिणी मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय में मीडोज संग्रहालय में भी मिलता है।