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कुछ कुछ - किस्त पहली

10 दिसम्बर 2018

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कुछ कुछ - किस्त पहली


मेरी ओर से प्रयास, एक लघु कदम, मेरे हिंदी के ज्ञान में सुधार हेतु।

जो भी हिंदी के जानकार हैं, विद्वान हैं, उनसे निवेदन है, आग्रह है की वो आगे आयें। इस कार्य में योगदान, सहयोग, सहायता करें। इस उद्देश्य के साथ लेख प्रकाशित करें। कोई अच्छी वेबसाइट, पुस्कत आदि बतलायें।


मैंने यहां कुछ कुछ लिखा है, किसी किसी के लिए उपयोगी हो सकता है।


1) -- आदि : ( द की लघु ि मात्रा ) और भी उदहारण हैं, बगैरह बगैरह;


-- आदी : ( द की दीर्घ ी मात्रा ) किसी आदत के आधीन; आदत से आदी;


2) -- अवधि : ( ध की लघु ि मात्रा ) कितना समय, अंतराल;


-- अवधी : ( ध की दीर्घ मात्रा ) एक भाषा का नाम;


3) -- गृह : घर, गृह से गृहणि;


-- ग्रह : पृथवी एक ग्रह है;


4) उसके गले में सोने की महंगी चेन पर चैन की नींद में है। चैन से बेचैन बनता है। चेन से बांधना।


5) यहां हर साल मेला लगता है और समुचित व्यवस्था है जिससे मैला, गन्दगी का जमाव नहीं होता है।


6) पता नहीं उसने लोटा में क्या भरा ? वह फिर लौटा नहीं, वापिस नहीं आया।


7) जब मेरे और तुम्हारे उद्देश्य एक हैं, मतलब हमारे बीच अंतर्विरोध नहीं है; हमारे मार्ग अलग अलग हैं और लोगों को विरोधाभास लगता है तो लगने दो।


8) साथ भोजन करना है, जब तुम्हारा कार्य पूरा हो जाएगा तब कर लेंगे। ( होना तय है, अपेक्षित है );

यदि जंगली हाथी से आमना सामना होगा तब देखेंगे, अभी से क्या तैयारी करना। ( हो सकता है, पर होने की संभावना न के बराबर है )


9) Thank you कहने के लिए शब्द, कृतज्ञता को व्यक्त करने केलिए शब्द : ( हिंदी में कई शब्द हैं, प्रचलन में हैं )


-- धन्यवाद : व्यक्तिगत उपकार केलिए हम धन्यवाद कह सकते हैं।


-- साधुवाद : सामाज के लिए अच्छा कार्य करे तो हम साधुवाद कह सकते हैं।


-- आभार : धन्यवाद के स्थान पर आभार भी कह सकते हैं।


10) सन्दर्भ और प्रसंग


-- सन्दर्भ : जिस ग्रन्थ, पुस्तक, लेख आदि से लिया गया। यह बात किस व्यक्ति के सन्दर्भ में कही है।


-- प्रसंग : अवसर, मौका, घटना; किस विषय से जुड़ा है। इस तरह के उदहारण का हमारी बातचीत के प्रसंग से कोई सम्बन्ध नहीं है। समय कम है, विचार-विमर्श शुरू करने से पहले प्रसंग निश्चित करलें। निंदा करने का प्रसंग नहीं चलाना है। बातचीत में क्या प्रसंग चल रहा है ?


उदय पूना

92847 37432;


विशेष:

विद्वान कहां तक सहमत या असहमत हैं, कृपया अवश्य बतलायें।

उदय पूना

रेणु

रेणु

जी आदरणीय सर - बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी दी आपने | भाषागत ये अशुद्धियाँ मैंने सशक्त हस्ताक्षरों के लेखन में भी देखी है | ये बहुत ही जरूरी बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए | इन तथ्यों को स्कूली जीवन में ही विद्यार्थियों को समझाना बहुत जरूरी है | सार्थक लेख के लिए सादर आभार और नमन |

10 दिसम्बर 2018

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रचनाएँ
NiraalaaManch
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हिंदी प्रेम - निराला मंच -- हिंदी की सेवा केलिए यहां सबका, एक एक का स्वागत है. एक एक कुछ न कुछ योगदान करें हिंदी की सेवा केलिए. हिंदी को और सशक्त बनाने केलिए, कुछ सुझाव देने केलिए, इस उद्देश्य से जुड़े निज अनुभव साझा करने केलिए; हिंदी भाषा के उपयोग की परेशानियां, कठनाइयां, और सीमाओं को जानने, समझने, और निवारण केलिए; हिंदी भाषा के उपयोग की आसानी, सरलता, सहजता, और दिलों को दिल से जोड़ने की जो सुविधा हमको मिली है उसको समझने, और समझाने केलिए;
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हिंदी भाषा के अनुसार, हम जो हिंदी काम लाते हैं, उसे सुधारने का एक छोटा प्रयास। हम जो बोलना / कहना चाहते हैं, तो उच्चारण का ध्यान रखना आवश्यक है, तभी हमें सफलता मिलेगी, तब हम वो बोल पाएंगे। इसी तरह हम जो लिखना चाहते हैं, तो हम वही लिखें

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कुछ कुछ - किस्त तीसरी ( व्याकरण - भाषा की, जीवन की : मैं और हम )

24 दिसम्बर 2018
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***** कुछ कुछ - किस्त तीसरी ***** *** व्याकरण - भाषा की, जीवन की *** ** मैं और हम *

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