जो तेरे हुस्न का, बस एक यहाँ, दीदार हो जाए
हर एक इंसान को, केवल तुझी से, प्यार हो जाए
मुकद्दर का सिकंदर, दिल की दुनिया, में बनेगा वो
जिसका सजदा, तेरे दरबार में, स्वीकार हो जाए
अगर तू मुस्कुरा कर के, निशानी कोई, मुझे दे दे
तेरी हर चीज़ पे, मेरा तो फिर, अधिकार हो जाए
तू अगर सामने हो तो, असर कुछ, इस तरह होगा
एक मिरासी भी, छोटा सा, बड़ा फनकार हो जाए
तू ही कह दे, बता अब क्या करे, मधुकर यहाँ ऐसा
जिससे उसकी मुहब्बत पे, तुझको, ऐतबार हो जाए
रेणु
15 दिसम्बर 2018तू अगर सामने हो तो, असर कुछ, इस तरह होगा
एक मिरासी भी, छोटा सा, बड़ा फनकार हो जाए
सुंदर श्रृंगार रचना आदरनीय शिशिर जी | शुभकामना |
शिशिर मधुकर
16 दिसम्बर 2018तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय रेणु जी .......