shabd-logo

सामान्य गरीब वर्ग का १०% आरक्षण

10 जनवरी 2019

105 बार देखा गया 105

2014 से 2019 तक केंद्र की मोदी सरकार जिस प्रकार देश-जन हित में सबका-साथ, सबके-विकास को ध्यान में रखते हुए निर्णय पर निर्णय ले रही है उसे देखते हुए यही लगता है जैसे सरकार का कार्यकाल अभी शुरू ही हुआ है ! सरकार के कुछ निर्णय तो वर्षो याद रहेगें - जैसे सर्जिकल स्ट्राइक , सेना हथियारों की खरीद का साहसिक निर्णय, नोटबंदी , ऑपरेशन आल आउट G.S.T. लागू करना, स्वच्छता अभियान के तहत टॉयलेट का निर्माण , उज्ज्वला योजना आदि- आदि।

सरकार के इन निर्णयों ने P.M. की गरिमा में चार चाँद लगा दिए। जो शायद
वर्ष 2004 से 2014 के बीच नहीं थे
उस समय सरकार को लोग प्रॉक्सी सरकार समझते थे । जिसके PM ने दस वर्ष तक लोक सभा का चुनाव ही नहीं लड़ा। जनता से दूर रहते हुए हमेशा बैक डोर से राज्य सभा से चुनकर सरकार को लीड करते रहे

आज सरकार के एक और महत्वपूर्ण निर्णय की कड़ी में सामान्य गरीब वर्ग को 10% आरक्षण देने का बिल दोनों सदनों में पास कराने के लिए मोदी सरकार को बधाई ! सामान्य वर्ग के गरीब वच्चो को पढाई के फीस , किताबे व् अन्य खर्च किस प्रकार जुटाने पड़ते है यह एक गरीब ही समझ सकता है । यह मैंने स्वयं बचपन में देखा है जब माताश्री कॉलेज खर्च के लिए घर में रखे चावल , गेहूं बेचकर का पैसे का जुगाड़ करती थी। जरा सोचिये मुहं में चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वालों को इस मज़बूरी का कैसे अनुभव होगा ?

काश इसी तरह का बिल बहुत पहले पास हो गया होता ! मजबूर स्वर्ण /सामान्य वर्ग के माता पिता भी अपने बच्चों के लिए कुछ कर सकते मोदी सरकार की इस अनूठे प्रयास के लिए कोटि -कोटि धन्यवाद !

1

सच्चा वोटर कौन ?

27 जनवरी 2015
0
0
0

प्रश्न यह नहीं है कि वोटर कौन है वरन सवाल यह है कि करोड़ों वोटरों में सबसे बड़ा व् सच्चा वोटर कौन है? वोटरों की कई श्रेणी है,जैसे अमीर वोटर, गरीब वोटर , हिन्दू वोटर , मुस्लिम वोटर , अल्पसंख्यक वोटर , बहुसंख्यक वोटर , दलित वोटर आदि-आदि । वैसे तो सभी वोटरों के अधिकार व् वोट की शक्ति समान है । इ

2

ईमानदार या अवसरवादी

30 जनवरी 2015
0
1
0

नौकरी पेशा हो, व्यापारी हो, किसान हो , मजदूर हो, विद्यार्थी हो, नेता हो या कोई और, राज्य हो या कोई देश, गला काट प्रतिस्पर्धा के इस युग में सभी कोई उचित मौकों ,अवसरों की तलाश में रहते है,अर्थात सभी अवसरवादी है। चतुर वही होता है जो लोहा गर्म होते ही हथोड़े से चोट करे। जीवन में हर किसी को काम करने का

3

मै वोट क्यों दूँ ?

4 फरवरी 2015
0
1
0

इन दिनों विधान सभा चुनाव में दिल्ली चुनाव आयोग, राजनैतिक पार्टियां, स्वयं सेवी संगठन , मीडिया आदि में दिल्ली के मतदाताओं को चुनाव में वोट देने की अपील की जा रही है। पर प्रश्न उठता है- "मै वोट क्यों दूँ ?" यह तो इसी तरह का प्रश्न हुआ जैसे कोई व्यापारी कहे - " मुझे ना ऊधो से लेना ,ना माधो को देना,

4

दिल्ली सफाई कर्मी हड़ताल पर

6 जून 2015
0
2
2

दिल्ली के चुने हुए प्रतिनिधि इन दिनों राज्य व् केंद्र के अधिकारों की जंग में व्यस्त है । सुना है जंग की इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को फंड नहीं दिया । परिणाम स्वरूप पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारी कई दिनों से

5

योग बनाये निरोग

21 जून 2015
0
2
2

21,June,15 भारत सहित विश्व के लगभग 190 से अधिक देशों में योग व् स्वास्थय के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। जो स्वस्थ विश्व के लिए एक सराहनीय पहल है। इसी अवसर पर मै अपना नौ वर्षी योग का अनुभव आप सभी के बीच शेयर करना चाहता हूँ :- हार्ट अटैक के तीन माह उपरा

6

क्या कॉलेज डिग्री धन है?

28 जून 2015
0
4
5

मुंशी प्रेमचंद, कबीर, तुलसी, सूरदास, रहीम, मलिक मोहम्मद जायसी ,ग़ालिब, कालिदास, चाणक्य , अकबर , बीरबल , टोडरमल , जेम्सवाट जैसे चेहरे डिग्री से नहीं, काम से जाने जाते है। अच्छे से अच्छे स्कॉलर, PHD होल्डर इन नामों का लोहा लेते है। वैसे कहते भी है प्रतिभा क्सिी डिग्री की मोहताज नहीं होती। परन्तु अपने म

7

दिल्ली में अति का दुष्प्रभाव

25 जुलाई 2015
0
2
2

अति से आशय अधिकता से है। किसी भी चीज की अधिकता बुरी भी हो सकती है। अर्थशास्त्र में उपयोगिता ह्रास नियम अधिकता पर आधारित है। कबीरदास का दोहा है :- अति का भला न बोलना , अति का भली न चूप। अति का भला न बरसना , अति की भली न धूप । 1975 की इमरजेंसी के विरोधस्वरूप जनता पार्टी को बहुमत मिला । अति के

8

बहुमत में संवैधानिक मर्यादा

2 अगस्त 2015
0
1
2

संविधान स्पेस शटल की तरह है। जिसके अंदर शटल यात्री अंतरिक्ष में काम करते हुए सुरक्षित रहते है। स्पेश शटल से बाहर जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। यात्री शटल से बाहर आकर जब यान की मरम्मत जैसे कार्य करता है तो भी वह शटल से जुड़ा रहता है। संविधान एक तपस्वी, चमत्कारी साधू जैसा है जो चूहे को बिल्

9

नारों पर कॉपी राइट

16 अगस्त 2015
0
3
1

ज्ञानी से ज्ञानी लड़े ज्ञान सवाया होय । ज्ञानी से मूरख लड़े तुरत लड़ाई होय।। माया मोह में फंसे कुछ साधू-संन्यासिनों , स्वयंभू माँ की अवतार राधा-कृष्ण के देश में कुछ लोग ऋषी-मुनियों के सदियों पुराने नुस्खों, रचना, प्राकृतिक खोजों पर पेटेंट , कॉपी राइट का एकाधिकार प्राप्त कर ज्ञान को अंधेरी कोटरी में फिर

10

नीबूं मिर्ची घोटाला

23 सितम्बर 2015
0
4
1

तरह-तरह के घोटालों से जनता के पैसे की लूट देख बेबस जनता को यही प्रार्थना याद आती है। राम नाम की लूट है लूटी जाये सो लूट । अंत समय पछतायेगा जब प्राण जायेगें छूट।। ट्रक ,जीप, तोप ,चॉपर ,पनडुब्बी , कोयला, 2 G , जीजाजी , जमीन, NRHM , मनरेगा ,चारा और अब दिल्ली में कथित प्याज घोटाला। सच्चाई क्या है यह

11

डेंगूं वाइरल से तपती दिल्ली

17 अक्टूबर 2015
0
5
0

                                        डेंगूं से हुई मौतें व दिल्ली में डेंगूं का दस वर्षों से अधिक का रिकार्ड टूटने के कारण आज आम आदमी दहशत में है। जम कर राजनीती हो रही है। एक ओर नगर निगम , दिल्ली सरकार को , दिल्ली सरकार ,केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है,वही दूसरी ओर आम आदमी भाग्य को जिम्मेदा

12

सस्ती LPG का जिम्मेदार कौन ?

25 अक्टूबर 2015
0
1
0

 लोकतंत्र में जनता उसी पार्टी को वोट देकरसत्ता में बिठाती है जो उसके हितों के बारे में न केवल सोचे वरन उन पर अमल भीकरे। सरल शब्दों में वोटर न कांग्रेसी होता है, नभाजपाई । उसे सपा, बसपा या आम आदमी से कोई सरोकार नहीं । सरोकारहै जो उसके हित में काम करे । वोटर की यही सोच राज्य व्केंद्र में सत्ता को परिव

13

अवार्ड वापसी मंत्रालय

8 नवम्बर 2015
0
6
1

 गिरते हैशाह-सवार ही मैदाने-जंग मे, वोतुफ्ल क्याँ गीरेंगे जो घुटनो के बल चलते हो ।  चुनाव में  हार जीत तो लगीरहती है।  यही उलट फेर लोकतंत्र को मजबूत करता है।आजअवार्ड वापसी पर गरमागरम बहस शुरू हुई। सुझावों कीसुनामी आ गई। हर कोई ऐरागैरा नथ्थू खैरा बहस के हवन में अपनी आहूति डालने को बेताब था। सभी एकमत

14

अवार्ड वापसी मंत्रालय

18 नवम्बर 2015
0
1
0

 गिरते हैशाह-सवार ही मैदाने-जंग मे, वोतुफ्ल क्याँ गीरेंगे जो घुटनो के बल चलते हो ।  चुनाव में  हार जीत तो लगीरहती है।  यही उलट फेर लोकतंत्र को मजबूत करता है।आजअवार्ड वापसी पर गरमागरम बहस शुरू हुई। सुझावों कीसुनामी आ गई। हर कोई ऐरागैरा नथ्थू खैरा बहस के हवन में अपनी आहूति डालने को बेताब था। सभी एकमत

15

“MTNL है तो सहीहै”?

12 दिसम्बर 2015
0
3
0

कुछ दिनों पहले खबर पढ़ी- “ संचार मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद के नेतृत्व में BSNL ने घाटे से उबर कर लाभ कमाया”।  चलो ! BSNL ने सामजिक जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए टेलीकॉम/संचार क्षेत्र में निजी क्षेत्र की कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच लाभ तो कमाया । BSNL की उपलब्धि को ध्यान रख मंत्री म

16

ट्विन्स

12 दिसम्बर 2015
0
2
1

 मई,2015 में जब जुड़वां नातिन हुई तो सुखद आश्चर्य व अपार हर्ष हुआ। डॉक्टर साहिबा ने  बताया कि मां या पति के परिवार में यदि पहले ट्विन्स हुए है तो अगली पीढ़ी में भी ट्विन्स की संभावना रहती है। यह बात सत्य है कि मां के (चाचा-ताऊ) के परिवार दो जोड़ी ट्विन्स पहले से ही है। इस प्रकार से यह तीसरी ट्विन्स की

17

ट्विन्स का नामकरण

25 दिसम्बर 2015
0
4
0

ट्विन्स का नामकरण सामाजिक हालात देखते हुए ,बेटियों की चिंता पैदा होते  ही शुरू हो जाती है। ट्विन्स  अभी कुछ ही दिन के थे । उनके नामकरण कोलेकर माथापच्ची शुरू हो गई। कि क्या नाम रखा जाए। पुराने समय में नाम को लेकर इतना झमेला न था।बच्चे का नामकरण मिठाई के नाम पर जैसे इमरती , जलेबी ,रबड़ी या किसी  फूल-फल

18

एक पोस्ट -गेहूं के खेत से

20 मार्च 2016
0
6
3

 5thMarch,2016 स्थान- बिझौली (रुड़की), जगह-गेहूं के खेत । लहलहाते गेहूं कीहरी-हरी बालियों, बरसीम की हरयाली व खाली हुए गन्ने के खेत की मेंढ पर बैठे हुए न जाने कब मै विचारों में  खो गया, पता ही न चला । सोचने लगा- सनातन( हिन्दू) धर्म में 100 वर्ष की आयु को क्रमशः ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास

19

मुज़फ्फरनगर से उपनगरीय रेल सेवा

25 मार्च 2016
0
6
1

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत बसे मुज़फ्फरनगर से हजारों की संख्या में यात्री मेरठ, मोदीनगर, गाजियाबाद, दिल्ली, सहारनपुर, रुड़की, हरिद्वार आदि  स्थानों पर आते-जाते है। यह शहररेल मार्ग व सड़क मार्ग से इन स्थानों से भली-भांति जुड़ा है। परन्तु मुजफ्फरनगर बाई-पास बन जाने के कारण अंतर्राज्जीय बसें शहर

20

“ऑड-ईवन” ब्रांड

17 अप्रैल 2016
0
7
4

अम्बेडकर जयन्ती, रामनवमीकी धूम व महावीर जयन्ती की तैयारियों के बीच  देश में दिल्ली-सरकार के "ऑड-ईवन" फॉर्मूले की चर्चा है कि किस तरह “स्टिकरनुमा-डिवाइस” केआविष्कार से "ऑड-ईवन" डेज में दिल्ली के एयर पॉल्यूशन लेवल को कम  कर हवा को स्वच्छ व् सांस लेने योग्य बनाया जा रहा है। इस “स्टिकरनुमा-डिवाइस” पर पू

21

अल्पसंख्यक - अग्रवाल समाज

29 जुलाई 2016
0
4
1

 अग्रवाल समाज का योगदान भारतीय समाज व् देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था मेंकिसी से छुपा नहीं। यह समाज भारत के हर राज्यों में बसा है। साथ ही दुनिया कीआर्थिक ताकत वाले देशों जैसे अमेरिका, इंग्लैंड आदि मेंइसकी उपस्तिथि देखी जा सकती है। शिक्षा,चिकित्सा, रोजगार, धार्मिक कार्यों आदिमें इस समाज का योगदान देखते ह

22

मुजफ्फरनगर पोस्ट ऑफिस - पेंशन की टेंशन

15 फरवरी 2018
0
2
2

मध्य प्रदेश- रायपुर के एक गांवमें माननीय नायब तहसीलदार ने एक 90 वर्षीय वृद्धा को जायदाद बंटवारेसे सम्बंधित न्याय घर की ड्योढ़ी पर आकर दिया। यह खबर 15Feb ,18 दैनिक जागरण में "माँ के दर पर हाजिर अदालत " शीर्षक से छपी। पढ़ कर सुखद अनुभूति हुई। एक ओर जहां ऐसे कर्मठ

23

सामान्य गरीब वर्ग का १०% आरक्षण

10 जनवरी 2019
0
1
0

2014से 2019 तक केंद्र की मोदी सरकार जिस प्रकार देश-जन हित में सबका-साथ,सबके-विकास को ध्यान में रखते हुए निर्णय पर निर्णय ले रही है उसे देखते हुए यही लगता है जैसे सरकार का कार्यकाल अभी शुरूही हुआ है ! सरकार के कुछ निर्णयतो वर्षो याद रहेगें - जैसे सर्जिकल स्ट्राइक , सेना हथियारों की खरीद का स

24

ATM से नोट की जगह कागज “नोट-पर्ची”

14 जनवरी 2020
0
1
0

ATM कोलेकर आये दिन कोई न कोई खबर उछलती है Ɩ जैसे-ATM कार्ड क्लोनिंग, कार्ड बदलना, पासवर्ड चुराना , नकदीनिकले बिना अकाउंट डेबिट होना, कम नकदी निकलना, कटे फटे या खराब नोट निकलना , एक आध जालीनोट निकलना , आदि-आदि-आदि ! जितने ATM( मुहं)उतनी बात! सभी का अपना अलग-अलग अनुभव।अपनी ढपली अप

---

किताब पढ़िए