कांग्रेस अध्यक्ष के रोड शो में लहराते चाँद तारे वाले हरे झंडे
कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी पर्चा
भरा देश का संविधान हक देता है| वह अमेठी से लगातार सांसद रहे हैं फिर उन्होंने
वायनाड से भी चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया? उनके अनुसार “जिस तरह बीजेपी ओर संघ
परिवार देश में कल्चरल अटैक कर रही है उनके खिलाफ संदेश देने के लिए मैं यहाँ से
चुनाव लड़ रहा हूँ” भारत बहुत विशाल देश
है उन्होंने वायनाड को ही क्यों चुना ?कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला के अनुसार
वायनाड की सीट दक्षिण भारत के तीन राज्यों तमिलनाडू, कर्नाटक एवं केरल के बीच में
हैं यहाँ से चुनाव लड़ कर राहुल जी तीन राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे | वायनाड
में लगभग 1249420 लाख वोटर हैं 2009 में 50% एवं 2014 में
41% के साथ लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार जीते दोनों बार सीपीएम के
उम्मीदवार की हार हुई थी |क्षेत्र में हिन्दूओं की जनसंख्या लगभग 49.7% है जिनमें
दलितों की संख्या भी काफी है ईसाई 21.5% और मुस्लिम 28.5% हैं | वायनाड और मल्लपुरम इलाके में कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की मजबूत
पकड़ मानी जाती है अत :राहुल गाँधी की जीत
सुनिश्चित है | राहुल गांधी के दो स्थानों से पर्चा भरने पर विपक्ष ख़ास कर भाजपा
ने उन पर हमले तेज कर दिये लेकिन पहले भी नेता दो स्थानों से चुनाव लड़ते रहे हैं|
हैरानी इस बात से हैं उनकी नामांकन पत्र भरने के दौरान रोड शो में बहुत भीड़ थी लेकिन
भीड़ में हरे झंडे जिन पर चाँद तारे का निशान था लहरा रहे थे यह “इंडियन यूनियन
मुस्लिम लीग” के झंडे हैं राहुल कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि तिरंगा
या कांग्रेस का झंडा जिस पर हाथ का निशान हैं लहराना चाहिए था|. हैरानी लहराते चाँद तारे के निशान वाले झंडों पर है जिनमें
कांग्रेस के झंडे खो से गये |कुछ ने सोशल मीडिया पर इन्हें पाकिस्तानी झंडे लिखा|
दोनों झंडो का रंग हरा है लेकिन पाकिस्तानी झंडे में चाँद तारे का निशान अलग दिशा
में है |
अमेठी की प्रत्याक्षी
स्मृति ईरानी के अनुसार अमेठी में राहुल जी सीट निकाल नहीं पायेंगे इसी लिए
उन्होंने दक्षिण भारत की तरफ रुख किया है | एमरजेंसी के बाद के चुनाव में इंदिरा
जी की करारी हार हुई थी उत्तर भारत में उनका जनाधार कम हुआ था लेकिन दक्षिण भारत
में उनके कई उम्मीदवार जीत कर लोकसभा पहुंचे थे | इंदिरा जी भी चिकमंगलूर में भारी मतों से जीती थी उन दिनों
एक नारा बहुत चर्चित था एक शेरनी सब लंगूर चिकमंगलूर –चिकमंगलूर |
राजनीति में आने के बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में अमेठी के साथ कर्नाटक के बेल्लारी संसदीय क्षेत्र से सोनिया गांधी चुनाव
जीती थीं उनके खिलाफ सुषमा स्वराज चुनाव लड़ीं वोटों का अंतर 56.000 रहा |
आजादी के बाद के चुनावों में कांग्रेस की
कोशिश मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में मजबूत करने की रही माना जाता था कांग्रेस
की नीति मुस्लिम तुष्टीकरण की हैं मुस्लिम समाज के बीच सदैव प्रचार किया गया वही
एक मात्र उनका हित साधने वाली पार्टी है जबकि देश संविधान से चलता है संविधान की
रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय है बाद में और भी कई दल मुस्लिम समाज का विश्वास
जीतने में समर्थ रहे धीरे – धीरे मुस्लिम वोट बैंक समाजवादियों के साथ जाने लगा
समाजवादियों में लालू प्रसाद ने MY मुस्लिम और यादव के नाम पर वोट बटोर कर सत्ता
पायी मुलायम सिंह यादव भी इस मामले में पीछे नही थे पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी
के राज में मुस्लिम तुष्टीकरण चरम सीमा पर है किसी को भी उनकी समस्याओं, स्थिति
सुधारने की चिंता नहीं है बस उनके वोट की चाहत है यही नहीं मुस्लिम महिलाओं के हित
में तीन तलाक कानून भी राज्यसभा में पास नहीं हो सका | लहराते झंडों की विपक्षी
दलों में ख़ास कर भाजपा के प्रवक्ताओं द्वारा जम कर चर्चा हुई | पाकिस्तान की
स्थापना में मुस्लिम लीग की सक्रिय भूमिका रही थी लेकिन आजादी के बाद मुस्लिम लीग
भारत में समाप्त हो गयी अब पाकिस्ताम में मुस्लिम लीग के नाम से कई दल हैं
बंगलादेश में आवामी लीग है | भारत में 10 मार्च 1948 में इंडियन यूनियन मुस्लिम
लीग की स्थापना हुई यह मुस्लिम हितों के लिए कृत संकल्प एक राजनीतिक दल है|
भाजपा के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस
की समझ में आने लगा हिन्दू वोटर संगठित हो रहा है उनके बिना सत्ता पाना आसान नहीं
है राहुल गांधी, अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने हिन्दू वोटरों को लुभाने के लिए
मन्दिर- मन्दिर गये सिर पर केसरिया पगड़ी भी पहनी उनकी बहन प्रियंका गांधी भी चुनाव
प्रचार के दौरान मन्दिरों में घूम रही हैं
वह अयोध्या के हनुमान गढ़ी के मन्दिर गयी, जन्म भूमि पर राम लला के दर्शन से परहेज
किया | हैरानी है राहुल के दादा श्री फिरोज जहांगीर गाँधी उनकी दादी के पति श्री
ईरानी जोराष्ट्रीयन थे स्वर्गीय इंदिरा जी से उनका प्रेम विवाह 16 मार्च 1942 को वैदिक रीति से
हुआ था विवाह के अवसर पर महात्मा गाँधी जी ने उन्हें
अपना सरनेम गांधी दिया बाद में नेहरूजी ने भी विवाह को स्वीकार कर लिया आने वाली पीढ़ी ने इसी सरनेम को अपने साथ लगाया लेकिन स्वर्गीय दादा फिरोज
गाँधी को भुला दिया |प्रियंका ने पति राबर्ट बाड्रा के सरनेम बाड्रा के साथ गांधी
भी लगा कर अपनी राजनीतिक जमीन सींची |फिरोज गांधी कांग्रेसी
कार्यकर्ता ,अच्छे इन्सान ,वक्ता ,अच्छे सांसद एवं
नेहरूजी की नीतियों के आलोचक थे उनका 1960 में 48 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया उनका इलाहाबाद के पारसी
कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया प्रियंका जी प्रयागराज गयीं गंगा जी के घाट
एवं मन्दिरों में पूजा की लेकिन दादा की समाधि पर नहीं गयीं |सोमनाथ के मन्दिर
के अतिथि रजिस्टर में गैर हिन्दू को दर्शन से पहले रजिस्टर में नाम दर्ज कराना
पड़ता है यह नियम सुरक्षा कारणों से 2015 से बनाया गया है राहुल गांधी का नाम अहमद पटेल के साथ इसी
रजिस्टर में दर्ज था राजनीतिक गलियारों टीवी चैनलों में चर्चा होने लगी | चुनाव के समय हर
बात का महत्व होता है वैसे धर्मनिरपेक्ष देश में किसका क्या धर्म है महत्वहीन है
लेकिन चुनाव का समय है शीघ्र ही कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ताओं ने कहा राहुल गांधी
हिन्दू ही नहीं जनेऊ धारी है उनके चित्र जिसमें वह जनेऊ पहने हुये है दिखाये |राहुल जी तीर्थराज पुष्कर
गये उनके परनाना के पुरोहित दीनानाथ ने उनसे उनका कुलगोत्र पूछा उन्होंने कौल
ब्राह्मण एवं गोत्र दत्तात्रेय बताया वह दादा को भूल गये इस प्रश्न पर वह चुप भी
रह सकते थे | उनकी माँ के साथ गाँधी सरनेम लगा है |
हिन्दू वोट बैंक को आकर्षित किया लेकिन
उनकी जनसभाओं एवं चुनावी रैलियों में केसरिया झंडे नजर नहीं आये जबकि वायनाड में राहुल
जी के रोड शो में हरे चाँद तारे वाले झंडे दिखाई दिए पूरे रोड में कांग्रेस का
अपना झंडा उनके बीच में दब सा गया | अब उन्होंने मुस्लिम को अपना संदेश दिया है | कांग्रेस का कहना है कि वायनाड में 'राहुल गांधी के
खिलाफ कोई भी मुद्दा काम नहीं करेगा.' वायनाड जिला कांग्रेस महासचिव डीपी राजशेखरन ने
कहा कि वायनाड से कांग्रेस की उम्मीदवारी ने राज्य में यूडीएफ के कार्यकर्ताओं में
ऊर्जा भर दी है और उनकी उपस्थिति ही मोर्चे को राज्य की सभी 20 लोकसभा सीटें
जीतने में मदद करेगी| उत्तर भारत में जब राहुल चुनाव प्रचार करते हैं केसरिया पगड़ी
पहनते हैं बहन का वेश भी हिन्दू जन समाज को आकर्षित करता है |