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"मंगल गीत "

12 जुलाई 2019

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"मंगल गीत "

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जालिम सर चढ़ बोल रहा है, बंदूकों के साये में
वन्देमातरम में कब तक हम, कौम को जगायेंगे |
नरमुण्ड माला वाली माँ, कितना उसे दिखाएँगे
खून के प्यासे कातिल भरमाते आएंगे- भरमाएंगे ||

तीर -त्रिशूल पे कहाँ तक, विषधर का थूक लगाएंगे
जावाज़ खड़ा भारत मेरा कब हम जय हिंद गाएंगे |
माना युद्ध भूमि पर शहादत देने से स्वर्ग पाना है
वीर शहीदों के शान में वन्देमातरम गाये जाएंगे ||

केशरिया बाना वीरों के रणभेरी रण में बजायेंगे
शहीदों को गीत समर्पित हिन्द से लिखते आये |
देशपे मरने वालों को श्रद्धासुमन अर्पित करते आये
वन्देमातरम में कब तक हम कौम को जगायेंगे ||


हिन्दू- मुस्लिम सिक्ख- ईसाई माना भाई -भाई

त्राहि-त्राहि मची विश्व में हरहद पार बढ़ी कठिनाई

काली का आवाहन माँ'मंगळ मंगल होगा सुखदाई

दुश्मन को वन्देमातरम से दुःख हो तो हो दुखदाई ||


बढ़ता जुल्म देख नौकरशाही का प्रजा घबराई

हैं सन्नाटे में गूँज देख देख रही अब तो माई - ताई |

बड़ी - खड़ी - कढ़ी मूछें रखते आये हैं मेरे दादा- भाई

कौम को वन्देमातरम में कब तक हम जगायेंगे ||


फुलवा - सोनवा की थी टाठी में सबने जेवना खाई

मुछमुंडों के हाथों में जब से राष्ट्र की सत्ता आई |
उनने वन्देमातरम गीत पर निरंकुश अंकुश लगाईं
वन्देमातरम से दुश्मन को दुःख हो तो हो दुखदाई ||

वीर तुम बढे चलो धीर तुम बढे चलो सिंह दहाड़ लायें

अपनी जननी के गौरव की अविरल गाथा मिल गायें
संसद की दहलीज जगाने तिरंगा - मंगल गीत गवाई

वन्देमातरम गीत को गाने जच्चा बच्चा उमड़ते आई | |

-सुखमंगल सिंह ,वाराणसी ,मोबाइल ९४५२३०९६११

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

बहुत ही सुन्दर रचना , देश के प्रति सम्मान प्रस्तुत किया आपने एक सुन्दर गीत के प्रति

13 जुलाई 2019

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रचनाएँ
नरेंद्र मोदी और कांग्रेस
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पास हमारे ऐसा ज्ञान औरों को भी दिलाए मान | सम्मान और हुनरवान दुनिया में सुन्दर विज्ञान || विज्ञानियों में - ज्ञानवान ज्ञानियों में हैं ध्यानवान | ध्यानी - ग्यानी श्रेणी विद्वान विद्वान् शान्ति - देता पैगाम|| तकनीकी शक्ति उभारवान शान्ति शक्ति का नव विधान | खेल क्षेत्र में उदीयमान सेना - सेनानी कीर्तिमान || लोक - तंत्र में मेरी शान मेचुअल फंड कह धनवान ! सामान्य नियंत्रण सिद्धांत आयात-निर्यात शौर्यवान || वैज्ञानिक हमारा शोधवान राष्ट्र - धर्म ही है महान | औरों को भी देता सम्मान पास हमारे ऐसा ज्ञान ||- सुखमंगल सिंह
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"अयोध्या - राम"टैम्पल "

19 मई 2019
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"अयोध्या - राम"टैम्पल "--------० ------------------मित्र देश का साथी, था वह बोल रहा ?है हमें बनाने को ,निर्णय मन से लिया | शिव मंदिर यहाँ पर, टैंपल राम अयोध्या || अजब दीवाना जीवन, लौटकर आए न आए, सागर सा यह हृदय, फूल मरुस्थल खिलाए,स्वप्न टीसते रहते,टैंपल राम अयोध्य

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"मंगल गीत "

12 जुलाई 2019
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"मंगल गीत "-------------जालिम सर चढ़ बोल रहा है, बंदूकों के साये में वन्देमातरम में कब तक हम, कौम को जगायेंगे | नरमुण्ड माला वाली माँ, कितना उसे दिखाएँगेखून के प्यासे कातिल भरमाते आएंगे- भरमाएंगे ||तीर -त्रिशूल पे कहाँ तक, विषधर का थूक लगाएंगे जावाज़ खड़ा भारत मेरा कब हम जय हिंद गाएंगे | माना युद्ध

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" मैं कवि हूँ सरयू तट का"

13 अगस्त 2019
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" मैं कवि हूँ सरयू तटका"---------------------------मैंकवि हूँसरयू तट कासमयचक्र के उलट पलट कामानवमर्यादा की खातिरसिर्फ अयोध्या खडी हुई ।चक्र -कुचक्र चला कुछ ऐसाविश्व की ऑखें गडी हुई।जबकि सच है मेरी अयोध्याजाने हाल ;हर घट पनघट का।। पला-ब

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"कथा- सार "

31 अगस्त 2019
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कथा- सार " --------------कथा -सार तुम्हें आज यहाँ सुनाने आया हूँ मैं शुकदेव -परीक्षित का संवाद बताने आया हूँ इंद्रिय शक्ति अगर चाहो तो इन्द्र का पूजन करो ब्रह्म तेज की चाह अगर वृहस्पति- कृपा भरो लक्ष्मी को खुश करने वाले देवी माया को जपो तेज की हो चाह

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धर्म की आस्था पर हम सभी एक हैं

29 जनवरी 2020
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"धर्म की आस्था पर हम सभी एक हैं"धर्म की आस्था पर हम उड़े तो क्या हुआ ,कबूतरों के पंख इस तरह काटे नहीं जाते |यूं देखा जाय तो यह कटु सती है कि पूरा देश धर्मांधता और दुराग्रह के वातावरण की आंधी मेन फंस कर रह गया है | हाथवादियों और धर्मांध शक्तियों को खुश करने की नीति के क

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