गांधी जी ने भारतीय स्वतंत्रता को पूर्ण स्वतंत्रता क्यों नहीं माना? कारण बहुत सरल है, लेकिन बहुत सारे लोग इसे बहुत जटिल बनाते हैं, लोगों को भ्रमित करते हैं। देश की स्वतंत्रता वास्तविक स्वतंत्रता नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता वास्तविक स्वतंत्रता है। बोलने की स्वतंत्रता, काम की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और कई अन्य, इन स्वतंत्रता को प्राप्त करने से पहले हम यह नहीं कह सकते कि हम स्वतंत्र हैं। हम स्वतंत्र देश में स्वतंत्र नहीं हैं। समानता स्वतंत्रता का आधार है। क्या अब भी हम विश्वास कर सकते हैं कि हम स्वतंत्र हैं, जहाँ अभिव्यक्ति, धर्म और कार्य आदि की स्वतंत्रता नहीं है। कोई लिंग या जाति समानता नहीं है। (आलिम)