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1 अगस्त 2019

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 भारत के महाराष्ट्र राज्य के एक छोटे से शहर में एक गरीब परिवार रहता था उस परिवार में कुल चार सद्स्य मुखिया जयचंद्र उसकी धर्म पत्नी रूकमणी तथा बेटा हर्ष व बेटी हर्षिता थी।जयचंद्र के पास चार बीघा जमीन थी उसी की आय से मुश्किल से परिवार का खर्च चलता था क्योंकि जयचंद्र का पुत्र हर्ष इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा था। जयचंद्र के यहा खुशिया आई इंजीनियरिंग की पढाई पुर्ण करते ही हर्ष की सरकारी नौकरी अपने ही शहर मे लग गई और वह इंजीनियर बन गया। नौकरी लगते ही जयचंद्र ने हर्ष का विवाह एक अनाथ लडकी प्रियंका से मंदिर मे कर दी।प्रियंका बहुत ही सुंदर,खुद्दार,समझदार तथा होनहार लडकी थी वो जब तेरह साल की हुई तब से ही ट्यूशन पढाकर अपना खाने व पढाई का खर्चा उठाती थी क्योंकि प्रियंका का इस दुनिया मे मामा मामी के अलावाकोई नही था वो अपने मामा के यहा रहती थी और वो मामा के ऊपर बोझ नही बनना चाहती थी क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नही थी तथा मामा मामी शादी कर एक प्रकार से अनाथ लडकी प्रियंका से मुक्ती पा लिए थे। हर्ष ने पहली तनख्वाह मिलते ही एक अच्छा सा मोबाईल फोन अपने लिए खरिदा तथा अपना एक एकाउंट फेसबुक मे बनाया और एकाउंट बनाते ही हजारों फ्रेन्ड रिक्वेस्ट आने लगे और वह सभी को एक्सेप्ट करने लगा व देखते ही देखते उसके फेसबुक मे लगभग पाँच हजार फ्रेंन्ड हो गए जो कि शहर के नेता/अधिकारी/व्यवसायी/युवा व धनाढ्य लोग थे।इससे हर्ष मे अहंकार पैदा हो गया। फेसबुक मे वो ज्यादातर अपनी पत्नी के साथ की ही फोटो पोस्ट करता था माता पिता के साथ की फोटो गरिबी की थी इस कारण उन्हें पोस्ट नही करता था। हर्ष के आँफिस के लोगो का घर मे आना जाना शुरु हुआ तो उसके पुराने मकान को देखकर आँफीस के लोगो मे कानाफूसी होने लगी तथा हर्ष को भी हीनता का एहसास होने लगा तो हर्ष ने एक शानदार बंगला /कार उसी शहर में बैंक से लोन लेकर खरिद लिया और पिता जयचंद्र व माता रूकमणी को कहा कि आप पुराने मकान मे ही रहो नही तो कोई कब्जा कर लेगा और ये बात हर्ष के माता पिता को सही लगी। हर्ष ने बंगले का गृह प्रवेश का कार्यक्रम भव्य रखा तथा उसमे शहर के लगभग सभी रहिश/नेता/व्यापारी व गणमान्य लोगो को आमंत्रित किया।गृह प्रवेश के कार्यक्रम में जब उसके पिता जयचंद्र माता रूकमणी और परिवार के अन्य सदस्य सामान्य से पोषाक पहनकर आए तो उसे पुनः फिर हिनता का एहसास होने लगा और जब उसके आँफिस के लोग उनको देखकर पुछे तो हर्ष ने कहा ये सब हमारे घर के नौकर चाकर है ये बात जयचंद्र सुन लिया तथा जैसे ही गृह प्रवेश की पुजा खत्म हुई वो अपनी तबीयत खराब होने का बहाना कर सभी परिवार के सदस्यों /रिश्तेदारों व पडोसियों को साथ लेकर जाने लगा तो प्रियंका ने तुरंत जाकर अपने सास ससुर को रोका व कहा की आप सभी चलो खाना खाकर ही जाना।हर्ष तुरंत आ गया और बोला खाने में देर लगेगी इन्हें जाने दो बहुत देर हो जाएगी। जयचंद्र तुरंत सभी को साथ लेकर घर की ओर पैदल चल पडा और घर पहुंचते ही घर की खाट मे आँख बंद कर लेट गया इस पर रूकमणी ने पुछा आप तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर क्यो आ गए तो जयचंद्र के आँखो से आँशु बहना शुरू हो गए और उसने बताया कि हमारा लाडला बेटा जिसे हम पेट काटकर पढाएं लिखाएं और योग्य बनाएं वो अपने दोस्तों को कहता है कि हम सब उसके घर के नौकर चाकर है,ये बात सुन रुकमणी और हर्षिता धम्म से बैठ गए और तीनो रोने लगे उस रात कोई खाना नहीं खाया तथा रोते रोते सभी कब सो गए उन्हें पता ही नही चला। हर्ष के यहाँ पार्टी रात बारह बजे तक चली सभी मेहमानों का हर्ष बडे ही खुशी तथा रौब से स्वागत कर रहा था और बहुत खुश था किंतु प्रियंका अपने सास ससुर व रिश्तदारों के बिना खाना खाएं जाने से बहुत दुखी थी उसे पार्टी मे बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था।सभी मेहमानों के जाने के बाद हर्ष ने अपनी पत्नी प्रियंका से अहंकार पुर्वक छाती चौडाकर कंधा उठाकर कहा देखा पुरा शहर आज हमारे खुशी में शामिल हो गया और मेरी इस शहर में कितनी ईज्जत है।चलो अब अपन भी खाना खा लेते हैं इसपर प्रियंका ने कहा आप माँ बाबुजी व रिश्तेदारो को क्यो नही रोका तो हर्ष ने कहा अब हमे अपने स्टेन्डर्ड का ध्यान रखना होगा और वो हमारे स्टेन्डर्ड से मेल नही खाते हैं और हाँ आज के बाद दोबारा इस बात को लेकर कोई भी चर्चा नही होनी चाहिए।प्रियंका ने कहा आप खाना खा लीजिए मेरा आज उपवास है। हर्ष ने सुबह उठकर सबसे पहले आँफिस से छुट्टी ली फिर फेसबुक मे हर्ष-2 करके एक और नया एकाउंट बनाया तथा अपने दोनो फेसबुक एकाउंट मे रात गृह प्रवेश व बंगले/कार की फोटो को पोस्ट किया जिसपर हजारों फेसबुक मित्रो ने शानदार बंगले /कार के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी और हर्ष दिनभर परिवार वालो, रिश्तेदारों व पडौसियो को छोडकर नए फ्रेंन्ड को एक्सेप्ट करता रहा तथा शुभकामनाएं एवं बधाई का जवाब देता रहा। प्रियंका दिन भर बुझी बुझी रही उसे अपने पति हर्ष से ये उम्मीद सपने मे भी नही रही वो तो हर्ष को बहुत ही अच्छा और सच्चा इंसान समझती थी किंतु हर्ष का परिवार के प्रति ऐसा रवैया देखकर अंदर तक टुट गई तथा उसे भविष्य अंधकार मय लगने लगा। प्रियंका को भी हर्ष फेसबुक एकाउंट खोलने के लिए कहा तो प्रियंका ने मना कर दिया और बाद में खोलने की बात कही वो जानती थी कि जिसे मै फ्रेंन्ड बनाना चाहती हूं उनसे दुरी बनाने के लिए हर्ष द्वारा कहा गया था ।सोचने लगी कि फेसबुक खोलो तो लगता है जैसे कि हम सतयुग मे रामराज्य मे रह रहे हैं सभी छोटी सी छोटी खुशी मे शुभकामनाएं और बधाई की बरसात कर देते हैं। दुख की घडी की एक फोटो डालो लोग शत शत नमन/अश्रुपूरित श्रद्धांजलि देने लगते हैं जैसे लगता है सभी का आत्मीय संबंध है।सभी लोग बहुत ही अच्छी अच्छी बाते करते हैं किंतु ये जब बाहरी दुनिया मे मिलते है तब ये प्यार बिल्कुल भी नजर नही आता है। समय बीतता गया अब बंगले पर माँ बाबुजी व रिश्तेदारो का आना बहुत कम हो गया और आते भी थे तो एक नजर बेटा बहुँ को देखकर पाँच मीनट मे ही कोई बहाना बनाकर बिना कुछ खाएं चले जाते थे।अब घर पर हर्ष के दोस्तो का आए दिन आना शुरू हुआ तथा रात रात पार्टी का सिलसीला शुरू हुआ जो कि प्रिंयका को बिल्कुल भी पसंद नहीं था पर हर्ष को कुछ बोल नही सकती थी। शादी के छै माह बाद रात बारह बजे हर्ष अपने दोस्तो के साथ पार्टी मनाकर घर अकेले लौट रहा था कि बिना फाटक के रेल्वे क्रासिंग मे बहुत बडा ट्रेन के साथ एक्सीडेंट हो गया प्रियंका को एक्सीडेंट की जानकारी हर्ष के दोस्त ने प्रायवेट हास्पिटल से फोन पर दी तथा प्रियंका को तुरंत हास्पिटल पहु्चने के लिए कहा जब प्रियंका हास्पिटल मे हर्ष को देखी तो उसके आँखो के सामने अंधेरा छा गया और वह फर्श मे गिर गई जब हर्ष के दोस्त अंकित ने प्रियंका के मुँह मे पानी डाली तब उसे होश आया।प्रियंका ने देखा हर्ष को बहुत जगह गंभीर चोटे लगी है और जगह जगह से खुन बह रहा है।डाक्टरों ने हर्ष की जाँच कर प्रियंका को बताया कि इनकी सर की हड्डी व पसलियां कई जगह से टुट गई है जल्द से जल्द आपरेशन करना पडेगा जब प्रियंका ने डाक्टर से बचने के चांस के बारे में पुछा तो डाक्टर ने कहा सिर्फ दस प्रतिशत ही बचने की उम्मीद है हम आखरी सास तक बचाने की कोशिश करेंगे। प्रियंका ने पुरी हिम्मत जुटाकर डाक्टर से आपरेशन मे खर्च के बारे में पुछी तो डाक्टर ने कहा बाहर से डाक्टर बुलाने पडेंगे कम से कम बीस पच्चीस लाँख रूपये लगेंगे,और वो भी हमारे पास समय बहुत कम है दो तीन दिनो मे आपरेशन करना पडेगा,आप पैसो की व्यवस्था कर कल काउंटर मे जमा करवा दीजिए कहकर डाक्टर साहब चले गए।डाक्टर की बात सुन प्रियंका बैठ गई और सोचने लगी की घर और बैंक मे ज्यादा से ज्यादा एक लाख रूपये होगे और वो बाकी का पैसा कहा से लाएगी। प्रियंका हिम्मत कर हर्ष के आँफिस के दोस्तो को फोन लगाई और समस्या बताई तो सभी ने यही कहा कि दस बीस हजार की भाभी जी व्यवस्था हो जाएगी इतना पैसा की व्यवस्था करना नामुमकिन है।अब प्रियंका सोच मे पड गई कि अब क्या होगा। रात के तीन बज रहे थे हर्ष का दोस्त अंकित ने कहा भाभी जी बीबी की तबीयत खराब है, सुबह आउंगा बोलकर घर चला गया।प्रियंका को हर्ष की हालत देखकर लगा की रात को हर्ष को कुछ हो गया तो सास ससुर अपने बेटे को जींदा नही देख पाएंगे इसलिए उसने तुरंत अपने ससुर जयचंद्र को फोन लगा कर हर्ष की दुर्घटना मे घायल होने की जानकारी दी। जयचंद्र के हाँथो से खबर सुनकर फोन गिर गया तो रूकमणी ने कहा बताओ ना क्या हुआ है।जयचंद कहा रूकमणी जल्दी   प्रायवेट हास्पिटल चलो हर्ष का एक्सीडेंट हो गया है तुरंत रूकमणी/हर्षिता और जयचंद्र बिना चप्पल जुता पहने घर के ही लिबास मे पैदल भागते हुए हास्पिटल पहुँच गए और वहा जाकर काँच से अंदर देखा तो हर्ष वेंटीलेटर मे बेहोश पडा हुआ है। प्रियंका अपनी सास /ससुर और ननद हर्षिता से लिपट कर जोर जोर से रोने लगी और हर्ष के माता पिता और बहन भी रोने लगे फिर सास ससुर बोले प्रियंका बेटा चिंता मत करो हर्ष को कुछ नही होगा हम आ गए हैं।माँ अब कुछ नही हो सकता डाक्टर साहब आपरेशन के लिए बीस पच्चीस लाँख का खर्चा बता रहे हैं हम इतना पैसा कहा से लाएंगे कहकर फिर रोने लगी।जयचंद्र ने प्रियंका से कहा बेटा तु निश्चिंत रह हर्ष को कुछ नहीं होगा सब व्यवस्था हो जाएगा। जयचंद्र सुबह हास्पिटल से छै बजे प्रियंका को बोलकर निकला की तुम डाक्टर को आपरेशन की तैयारी करने के लिए कह देना तथा पैसा शाम तक जमा हो जाएगा।जयचंद्र घर पहुँचा तथा पेटी से खेत के कागजात लेकर अपने घनिष्ठ मित्र अशोक के पास गया जो प्रापर्टी डीलर का काम करता है उसे पुरी घटना के बारे में बताया तथा जमीन का कागजात देकर पुछा मेरी पुरी जमीन कितने मे बिक जाएगी,अशोक ने कागजात देखने के बाद कहा लगभग पैतीस लाख तक बिक जाएगी।जयचंद्र ने कहा मुझे आज ही पैसा चाहिए इसपर अशोक ने कहा तुरंत बेचेंगे तो पैसा बहुत कम मिलेगा सभी मजबुरी का फायदा उठाते हैं।जयचंद्र बोला अशोक भाई मुझे आप पुरे जमीन का सिर्फ पच्चीस लाख रूपये आज ही दिला दो इससे मेरा काम हो जाएगा। अशोक जयचंद्र को लेकर शहर के सेठ करोडीमल के यहा गया और जमीन के कागजात दिखाया तथा कहा इसे आज ही बेचना है,करोडीमल समझ गया कोई आफत आ गई है कहा कितने मे दोगे तो अशोक ने कहा जमीन पैत्तीस लाँख की है।करोडीमल सेठ जमीन कागज को उलट पलटकर देखकर कहा मै बीस लाँख दुंगा देना है तो मै तुरंत पैसा देता हूँ।अशोक ने कहा सेठ जी पैत्तीस लाँख की शानदार जमीन रोड किनारे है अगर आप इसके पच्चीस लाँख देते हैं तो मै अभी सौदा करा देता हूँ नही तो मै दुसरे दरवाजे जाता हूँ।सेठ करोडीमल समझ गया कि इस रेट में कोई भी जमीन ले लेगा उसने ठीक है कहा तथा अशोक को विक्रय अनुबंध पत्र तैयार करने को कहा और घर के अंदर से लाकर पच्चीस लाँख रूपये नगद जयचंद्र के हाथ मे देकर जमीन का सौदा कर लिया। जयचंद्र सुबह दस बजे हास्पिटल पहुँचा और प्रियंका के हाथो मे पच्चीस लाँख रूपये रख दिए ।प्रियंका जयचंद्र के गले लगकर फिर बहुत रोने लगी।प्रियंका ने काउंटर मे जाकर पैसे जमा करवाए।प्रियंका ने हर्ष के फेसबुक मे हर्ष के एक्सीडेंट की फोटो पोस्ट कर दी। दो दिन बाद हर्ष का आपरेशन हुआ परिवार के सदस्य / रिश्तेदार तथा पडोसी सभी हास्पिटल मे उपस्थित रहे। डाक्टर आपरेशन रूम से निकलकर कहा आपरेशन सक्सेस रहा सभी के चेहरे मे खुशी झलकने लगी। हर्ष को लगभग तीन दिन बाद होश आया तो देखा कि उसके पलंग के चारो ओर परिवार के सदस्य/रिश्तेदार खडे है और उसके अभिन्न मित्र कही नजर नहीं आ रहे हैं।हर्ष को होश आने पर प्रियंका ने माँ बाबुजी व रिश्तेदारो को घर भेजा क्योंकि सभी तीन दिन से हास्पिटल मे बिना ज्यादा कुछ खाए पिए डेरा डाले हुए थे। प्रियंका ने सभी के घर जाने के पश्चात हर्ष को पुरी कहानी बताई तो हर्ष शर्मिंदा होकर बहुत रोने लगा और कहा की बाबुजी ने अपनी पैतृक संपत्ति मेरे ईलाज के लिए बेच दी और अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है। हर्ष हास्पिटल मे बेड मे सोते हुए मोबाईल पर फेसबुक देखकर रो रहा था तो प्रियंका बाजु मे जाकर बैठ गई और पुछी क्यो रो रहे हो तो हर्ष ने कहा मेरे अपनो को खोज रहा हूँ और फेसबुक मे देखा की एक्सीडेंट की फोटो पर तरह तरह के अच्छे कमेंट लिखे हुए हैं किंतु कोई भी फ्रेंड मिलने हास्पीटल मे नही आया। फिर हर्ष ने मित्र सूची खोली तथा सभी फेसबुक मित्रो के नाम को देखा और एक एक करके अनफ्रेंड करता चला जा रहा था दोनो फेसबुक एकाउंट से लगभग सभी फेसबुक फ्रेंड अनफ्रेंड हो चुके थे ।अंत में प्रियंका ने पुछा मिले अपने हर्ष ने रोते हुए कहा जो अपने थे वो तो मै मित्र अनुरोध एक्सेप्ट ही नही किया था और रोते हुए सभी परिवार के सदस्य/रिश्तेदारो/बचपन के मित्र/ पडोसीयो का मित्र अनुरोध एक्सेप्ट किया जो कि मुश्किल से पचास लोग थे जो कि वास्तव मे अपने थे। प्रियंका भी आज खुशी से अपना फेसबुक एकाउंट बनाई तथा अपनो को मित्र अनुरोध भेजा जो कि चंद घंटो मे ही एक्सेप्ट हो गया तथा एक से बडकर एक परिवार/रिश्तेदारो द्वारा प्रियंका और हर्ष को दुआ तथा आशीर्वाद दी गई थी प्रियंका उन्हें पढकर अत्यंत खुश नजर आ रही थी। कुछ दिन बाद हर्ष हास्पीटल से ठीक होकर प्रियंका के साथ सबसे पहले अपने माँ बाबुजी के घर गया तथा पैरो मे गिरकर अपने गलती की माँफी मांगी।जयचंद्र और रूकमणी हर्ष को उठाकर अपने गले से लगा लिया।हर्ष और प्रियंका अपने माँ बाबुजी व हर्षिता को बंगले में ले आए तथा कुछ समय बाद ही बहन की शादी मे हर्ष ने अपने परिवार/रिश्तेदारो और पडोसियों  को ही बुलाया जो अपने थे उनके साथ पुरी शादी मे बहुत मस्ती किए तथा जब शादी हो गई रिश्तेदार चले गए तो प्रियंका हर्ष को देखकर मुश्करा रही थी तो  हर्ष झेपकर गले लग गया और प्रियंका के कान में धिरे से बोला वास्तव मे अपने तो अपने ही होते हैं। प्रतीक अवस्थी "समीर"!! अधिवक्ता !! लेखक.!! स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित                                (अधिवक्ता)

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