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पुनीत छंद

5 अक्टूबर 2019

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🌹पुनीत छंद 🌹


विधान---मात्रिक, 15 मात्रा

संयोजक- -- 2 2 3 3 2 2 1


🌻

सागर वेग बहुत है धार।

पावन प्रेम परम है सार।।

कैसे बोल रहीं साकार।

प्यारी लगे सहज आचार।।


तुमरी प्रीत करे है धाँव ।

हिय में बसे प्रेम के भाव।।

आकर हमपर कुछ तो वार।

तू बन जा प्रेमी अवतार।।


सब से पावन पारस प्रीत।

उसकी चमक दमक से रीत।।

मन में उठी टीस ले आज।

अब ना कुछ होए है काज।।

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹


व्यंजना आनंद ✍

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पुनीत छंद

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🌹पुनीत छंद 🌹विधान---मात्रिक, 15 मात्रा संयोजक- -- 2 2 3 3 2 2 1 🌻सागर वेग बहुत है धार। पावन प्रेम परम है सार।। कैसे बोल रहीं साकार। प्यारी लगे सहज आचार।।तुमरी प्रीत करे है धाँव । हिय में बसे प्रेम के भाव।। आकर हमपर कुछ तो वार। तू बन जा प्रेमी अवतार।।सब से पा

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विधान--प्रदीप छंद (16,13) पदांत- लघु गुरु (1 2) 🌹गीत🌹 """"""""""चहुँ ओर है छल भरा यौवन, सहज समर्पण चाहिए ।प्रेम सरित उद्गम करने को, अनुरागी मन चाहिए ।। 🌹परखने की आँखें हो संग, संतुलन मन बना सके।ख्वाहिश हो सँवारने

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विधान--प्रदीप छंद (16,13) पदांत- लघु गुरु (1 2) 🌹गीत🌹 """"""""""चहुँ ओर है छल भरा यौवन, सहज समर्पण चाहिए ।प्रेम सरित उद्गम करने को, अनुरागी मन चाहिए ।। 🌹परखने की आँखें हो संग, संतुलन मन बना सके।ख्वाहिश हो सँवारने

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10 अक्टूबर 2019
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🌹सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक🌹"""""""""""""""""""""""शरद ऋतु करे आगमन, मन होए उल्लास ।जूही की खुशबू उड़े, पिया मिलन की आस।।आस किसी की मैं करूँ , जो ना आएं पास ।नित देखू राह उसकी, जाता अब विश्वास ।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ✍

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शरद ऋतु

10 अक्टूबर 2019
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🌹सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक🌹"""""""""""""""""""""""दस्तक देती शरद ऋतु , मन मुखरित उल्लास ।जूही की खुशबू उड़े, पिया मिलन की आस।।आस किसी की मैं करूँ , जो ना आएं पास ।बाट निहारें दृग विकल टूट रहा विश्वास ।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ✍

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शायरी

1 नवम्बर 2019
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💘तेरी चाहत में बात दिल में बस अब इतनी है सनमतुम हमें देखों हम तुझे यूँ ही निहारा करें ।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ( मिथ्या)

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शायरी

1 नवम्बर 2019
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