ध्यान
और इसका अभ्यास
ध्यान के लिए स्वयं को तैयार करना :
ध्यान के अभ्यास के लिए आपने अपने लिए
उचित स्थान और अनुकूल समय का निर्धारण कर लिया तो समय की नियमितता भी हो जाएगी |
अब आपको स्वयं को तैयार करना है ध्यान के अभ्यास के लिए | इस विषय में क्रमबद्ध
रूप से तैयारी करनी होगी | इसी क्रम में...
प्रथम चरण – ध्यान के अभ्यास के लिए
शरीर को तैयार करना :
सबसे पहले शरीर को बाह्य स्तर पर
तैयार करने की आवश्यकता है | आपका शरीर यदि ऊर्जावान, सुखी, तनावरहित और स्वच्छ होगा तो ध्यान का अभ्यास
भी सरल हो जाएगा | स्नान करके अथवा केवल हाथ मुँह और पैर धो लेने से भी आप स्वयं
को चुस्त अनुभव करने लगेंगे | साथ ही प्रातःकाल उठने के बाद नित्य कर्म – मल मूत्र
त्याग – करने के बाद स्वयं को ध्यान के लिए तैयार करते हैं तो आपका शरीर ध्यान में
सुविधा का अनुभव करेगा |
द्वितीय चरण – शरीर को ढीला छोड़ना और
खींचना (Relaxation
and Stretch Exercises) :
कुछ लोग सारी रात सोने के बाद जब
प्रातःकाल नींद से जागते हैं तो उन्हें शरीर में अकड़ाहट और कुछ दर्द का अनुभव होता
है | इस स्थिति में गर्म जल से स्नान और शरीर को धीरे धीरे खींचने के अभ्यास (stretch
exercises) आपके शरीर के लिए ध्यान में बैठने में सहायक होंगे |
हठयोग के आसन विशेष रूप से शरीर को
स्वस्थ बनाए रखने के लिए और उसे इतना दृढ़ और लचीला बनाने के लिए ही विकसित किये गए
हैं कि ध्यान के लिए आराम से बैठा जा सके | ये आसन शरीर को कोमल बनाते हैं | किसी
योग्य प्रशिक्षक से इन अभ्यासों को व्यक्तिगत रूप से सीखना चाहिए |
कमर और टाँगों को कसने और ढीला छोड़ने
के अभ्यासों से ध्यान में सुविधा होगी | कुछ मिनट के लिए शरीर को कसने जैसे योगासन
आपके ध्यान की गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे | तनावपूर्ण aerobic
exercises के विपरीत हठयोग के आसन न तो आप थकाते ही हैं और न ही
आपके शरीर को आवश्यकता से अधिक फुर्तीला बना देते हैं | अपितु आपको धीरे धीरे चुस्त बनाते हैं,
माँसपेशियों को आराम पहुँचाते हैं, मानसिक तनाव को दूर करने
में सहायक होते हैं और आपके ध्यान को केन्द्रित करने में सहायता पहुँचाते हैं |
आरम्भ में ध्यान से पहले पाँच से दस मिनट
शरीर को कसने और विश्रान्त करने के अभ्यास कीजिए ताकि आपका शरीर ध्यान के लिए
तैयार हो जाए |
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/11/08/meditation-and-its-practices-14/