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जीवन साथी

10 दिसम्बर 2019

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प्रकृति में भांति-भांति के रंग

बिखेर
मन को मेरे- छोड़ दिए प्रभु

सादा
मनमोहक संध्या हो या सुहानी

भोर
प्रिये बिन न रखना कभी मुझे तुम आधा


डॉ. कवि कुमार निर्मल©®


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खिचाव

3 अक्टूबर 2019
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मुझसे आँख मिलाठहर सकते नहीं।आगोश में भर करझिटक सकते नहीं।।जुनून है तो सात समन्दरपार आ गले लग जाओ।वरना झूठी चकाचौंध मेंबस कर मिट जाओ।।डॉ. कवि कुमार निर्मल

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रिश्ते

11 अक्टूबर 2019
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चाहतों का पहाड़बनाया पर चढ़ न सकाखून से हुआ जुदा,किस्मत भी दे गई दगाडॉ. कवि कुमार निर्मल

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अध्यात्म

22 अक्टूबर 2019
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स्वप्न की गहराई में देखा कितुम मेरे बारे में सोच रहे हो!🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ओ’ मेरे परम प्रिय,ओ’ परम पुरुष! तुम्हारी कृपा सेमैंने अपनी प्रगाढ़ निद्रा की गहराई में देखा कितुम मेरे बारे में सोच रहे हो!हे मेरे परम अराध्य!तुम सचमुच कितने कृपालु हो!! अब तक मैं तुम्हारीप्राप्ति हेतु तरस रहा था!अपने आप को तुम

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भाषा और साहित्य

24 अक्टूबर 2019
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💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓भाषा में "साहित्य" छुपा है💓💓भाषाविद् "हित" करता है💓💓काव्य सरीता का अविरल प्रवाह💓💓"क्षिर सागर" से जा मिलता है।💓💓💓डॉ कवि कुमार निर्मल💓💓

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खोई यादें

28 अक्टूबर 2019
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"खोई यादें"अपनों का काफ़िला संग चुपचाप चल रहाअकेला पड़ गया गर्दिशों में जो, वो रो रहाहम अलविदा कह रुख्सत जब हो जाएंगेकिताबों के पन्नों में सिमट सब रह जाएंगेअफसोस कर कहेगा आने वाला जमानादीमक और सीलन से पन्ने बिखर- उड़ रहेयादों में न उलझ, नई डगर पे सब चल रहेडॉ. कवि कुमार निर्मल

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चाँद और सूरज

31 अक्टूबर 2019
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'चाँद' को लख- मन को बहुत हीं सुकून मिलता है।'सूरज' को लख कर पत्थर भी पिधल बह जाता है।।डॉ. कवि कुमार निर्मल

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अश्क और खुदा

1 नवम्बर 2019
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😭😭😭😭😭😭अश्कों से परेशान न होसमझ जैसे मेहमान होगम गतल करना हो तोखुदा संग जरा बात हो🤓🤓🤓🤓🤓🤓डॉ. कवि कुमार निर्मल

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आज की कवायत

6 नवम्बर 2019
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''कवायत आज की"जख़्म से दिल जार - जार हुआअपने भी पराये समझ रहे,मन में फ़कीरी का ख़्याल हुआदुनिया का अज़ुबा इंतिहा हुआ★★★★★★★★★★★★ख़्वाब का क्या (?) है भरोसा-कब (?) टूट कर बिखर जाएँयादों का गुबार तक गुम होअलविदा कह जाएतन नहीं दिल बनदिल में समा जाओतूंफा झेल कर किया कबूल,गहरी ख़ंदक नफ़रत की न बनाओ★★★★★★★★★★★★★

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चराग़

12 नवम्बर 2019
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चराग़ जलता रहा रात भर।मदहोश परवाना न मंडराया मगर।।बाति उजाला देख बुझने को थी।बातें बहुत मगर ख़्वाबों की थी।।तेल में दम था बहुत मगर।एक फूंक से अँधेरे में डुबा शहर।।डॉ. कवि कुमार निर्मल

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मानव समाज

14 नवम्बर 2019
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मानव समाज एक और अविभाज्य हैजाति-पाति रंग-भेज शोषण का अलाप हैदासिता-प्रतारण-दूहन का ताण्डव व्याप्त हैदग्ध मानव आक्रांत अब सुद्र विप्लव तैयार हैमानव समाज एक और अविभाज्य हैजाति-पाति रंग-भेज शोषण का अलाप हैडॉ. कवि कुमार निर्मल

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प्यारा घर

18 नवम्बर 2019
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झोपड़ी हो या फिर महल चौबारा,अपना घर प्यारा लगता है।तीर्थ करो या जाओ माया नगरी,अपने घर में हीं सुख मिलता है।।डॉ. कवि कूमार निर्मल

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परम लक्ष्य

22 नवम्बर 2019
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घनात्मक भाव मन में प्रविष्ट कर संचित हो पायेंऋणभाव निकस कर गंगा धार संग बह जायेंजागतिक् एषणाएं पोषित कर नहीं ललचायेंसहज जीवन यापन कर सद् गति पायेंअनंत भुभुक्षा त्याग हरिपद में रम जायेंडॉ. कवि कुमार निर्मल

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हुनर

24 नवम्बर 2019
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अपनी आभा बिखेरते चलो तो मानूंअँधेरा मिटा खुशबुएँ फैला दो तो जानूंगुरुर किस हुनर का तुम हो पाले,मोहब्बत का फर्ज़ संभालोतो खुदा मानूंडॉ. कवि कुमार निर्मल

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कलम की कहानी

27 नवम्बर 2019
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कलम की कहानीडॉ. कवि कुमार निर्मल

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अध्यात्मवाद्

28 नवम्बर 2019
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⚜️⚜️⚜️🔱⚜️⚜️⚜️''नव चक्रों'' का गूढ़ रहस्यजब मानव समझ पाएगा।अनादि - अनंत परम - सत्ता लख आह्लादित हो जाएगा।।"ब्रह्म" है सत्य"- शास्रोक्तिजगत् को ''सापेक्षिक सत्य''समझ प्रेम सुधा बरसायेगा।पाप-पुण्य का अंतर जानमुक्ति-मोक्ष सहज पायेगा।।⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️⚜️डॉ. कवि कुमार निर्मल

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खुदा

29 नवम्बर 2019
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खुदा बेरहम हो नहीं सकता!क़ायनात का दम घुट नहीं सकता!!फक़त औजार हैं हम तेरे,बेगुनाह पर वार हो नहीं सकता!!!डॉ. कवि कुमार निर्मल

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सच

4 दिसम्बर 2019
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सच मिठा होता गर तो-हलाहल तक पी जाता।खारे शब्द सारे मगर-समन्दर में बहा आता।।डॉ. कवि कुमार निर्मल

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नफ़रत और मोहब्बत

4 दिसम्बर 2019
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💕 💕💕💕💕💕💕💕 💕💓 नफ़रत करने वालों को 💓💓💓गले मैं लागाता हूँ।💓💓 💓💓रक़ीब गर हो,💓💓अहबाब समझ सर झुकाता हूँ।।💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕 💕 निर्मल 💕 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕

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आहत मानवता

5 दिसम्बर 2019
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"आहत मानवता"यह सदी भी यूँ हींव्यतीत हो आदतन चिढ़ायेगी।माँ क गोद सूनी कीसूनी हीं रह जीभ बिलाएगी॥सपूतहीन बंजर हींभूमि यह रे रह जाएगी।अहिंसा के नावेंबली रोज चढ़ाई जायेगी॥सत्यवादिता पर मिथ्या कीहवि आहुति बन राख बनेगी।सदाचारियों पर चापलूसी कीसरकार कल थी, आज चलेगी॥हाहाकार चहुदिसि व्याप्त,"त्राहिमाम्" गुँजा

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जीवन साथी

10 दिसम्बर 2019
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प्रकृति में भांति-भांति के रंगबिखेरमन को मेरे- छोड़ दिए प्रभुसादामनमोहक संध्या हो या सुहानी भोरप्रिये बिन न रखना कभी मुझे तुम आधाडॉ. कवि कुमार निर्मल©®

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विप्लव

12 दिसम्बर 2019
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🌺 🌻 🌹🌷🌹 🌻 🌺गदा - अग्निवाण - सुदर्शन चक्र -ब्रह्मास्त्र अवतारों ने बहुत चलाया🌺🌸🌻🌹🌹🌻🌸🌺लाखों शवों से 'कुरुक्षेत्र' को पटायासुर्य देव अस्त होते होते उगते ठहर गया🌺 🌸🌻🌹🌹🌻🌸 🌺'रुद्रावतार' ध्वज पर चड़ा, चक्का धस गयाधर्म का झंडा फिर गड़ा, महाभारत बन गया🌺🌸🌻🌹🌷🌹🌷🌹🌻🌸🌺ऋषियों के तपो

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आसपास

18 दिसम्बर 2019
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जब वे न पास हों, तुम आते हो!जब वे पास हों, चले जाते हो!!शर्म इतनी कि शर्म भी शर्माए,अपने साये से भी शर्माते हो!!!पास नहीं- छटक दूर जाते हो तुम,इशारों-इशारों से मुझे भगाते हो!रक़ीब नहीं, पर मेहरबां हो कर,क्यों (?) बिना बात यूँ जलाते हो!!मैं जब मुख़ातिब तो चुप होते,मैं सो जाऊँ तब बात करते हो!!!डॉ. कवि

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स्वतंत्रता

19 दिसम्बर 2019
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बंद पिंजड़े से निकल जब पँक्षिआजाद हो गगन पार जाता है।मन की समस्त 'कुण्ठाओं' कोपिंजड़े में छोड़ वह आह्लादितहो गुनगुनाते उड़ता जाता है।।बँधनों से मुक्त हो- घुटन से निकस वहमुक्त प्राणी बन अराध्य तक जाता है।।।डॉ. कवि कुमार निर्मल

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नेह

23 दिसम्बर 2019
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नेहरंग-कद-नाम-जुबान-जात-देश मत तूं देखछलकते हुनर को, रुहानी ओज को रे परखबहाया नेकी का उछलता जहाँ में दरियाबदी को मैंने कबका कह दिया अलविदाहौसला है चाँद-सितारों के पार जाने काबेवफाई को नज़र-अंदाज़ करते रहानेह का फ़कीर मैं, सिद्दतें करता हीं रहाडॉ. कवि कुमार निर्मल

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घर संसार

26 दिसम्बर 2019
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घर संसार बनाने में जीवन सारा बीताआगे - आगे राम पीछे चल रहीं सीतामहाभारत युद्ध नहीं- है सास्वत गीता'सद्गुरु' बिन जीवन रह जाता रीतानव - चक्र जागृत कर हीं कोई जीताघर - संसार बनाने में जीवन सारा बीताआगे - आगे राम पीछे चल रहीं सीताडॉ. कवि कुमार निर्मलhttps://hindi.pratilipi.com/story/qnbzgcm2iwvw?utm

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शंखनाद्

3 जनवरी 2020
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शंखनाद्शुभदिन आज भी आह्लादित कर जाएगापरम अराध्य का सामिप्य मन पा जाएगाप्रचण्ठ तृष्णा- सानिध्य की एषणा गहराई,सद्गुरु कृपा से सांजुज्य पा यह भक्त तर जाएगामैली चादर मन की धुल, आभा से भर जाएगाडॉ. कवि कुमार निर्मल

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आजादी

4 जनवरी 2020
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💐💐💐💐💐💐💐💐💐चित्तौड़ का राणा प्रताप कहाँ है? झाँसी की लक्ष्मी बाई कहाँ है??क्षत्रपति शिवाजी की तलवार कहाँ है? असली आजादी का जुनून गया कहाँ है?? शहिद दिवस पर श्रद्धांजलि मिल कर देते रहना! 'राजनीतिक आजादी' को झंडा फहराते रहना!!"सहोदर भाई" की प्रीत नहीं जब जानी! भूखे-नंगे की नम आँखें भी न पहचान

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मेरा अपना

7 जनवरी 2020
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सुबह हो या फिर शाम होलबों पे बस तेरा नाम होहर काम में हम साथ होसपनों के तुम राजदार होलोगबाग तुझे भले महाकौल कहें,तुम बस एक मेरे श्याम होडॉ. कवि कुमार निर्मल

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अराध्य

8 जनवरी 2020
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"इति" और "अंत"समाहृत जीवन पर्यंतमैं कोई हूँ नहीं- संतहै यही-"वाक्य आप्त"सद् गति करुँगा प्राप्तयह है मेरे ''मन की बात''चक्र 'नौ' है, नहीं हैं 'सात'दिन हो या फिर हो- रातकरना उसी एक बस बात"मानव" मेरी एक है जातसत्-संग यही, आज बाँटडॉ. कवि कुमार निर्मल

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जग

9 जनवरी 2020
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लद्द-फद्द हो,जग को देते हीं रहते हैं!क्या जग भीइनको भी उतना हीं देता है?जड़ से पत्तों तकऔषधीय गुण रहता है!हम मृदु वाणी त्याग कटु वचन का संबल लेते हैं!!फलों का स्वाद तुष्ट करता है!हम जीवन को ध्रिणा से भरते हैं!!लद्द-फद्द हो,जग को देते हीं रहते हैं!क्या जग भीइनको भी उतना हीं देता है?डॉ. कवि कुमार नि

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तुम कौन हो?

18 जनवरी 2020
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🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚बाल रूप में तुम प्रभु,एक जैसे हीं लगते हो।गुरुकुल में तुम अलग-अलग से हीं दिखते हो।।कभी "बरसाने" में रास रचातेकभी लंका दहन करवाते हो।कभी सुदामा के कच्चे चावल खाते,कभी भीलनी के जूठे बैर खाते हो।।शांत समाधि में कभी दिखते,कभी ''त्रिनेत्रधारी'' बनते हो।कभी दानव का वध तुम करते,कभी भस्मास

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साईं

19 जनवरी 2020
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अमीरों के भगवान,महलों में पूूूूजे जाते है!भिक्षा-पात्र वाले साईं भक्त,झोपड़-पट्टी में धुनी रमाते हैं!!डॉ. कवि कुमार निर्मल

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महाशिवरात्रि

14 फरवरी 2020
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★★★★★शिवरात्रि के शुभ अवसर पर★★★★★★शिव का रहस्यमयी एवम् गौरवमयी इतिहास★2020 ई. में 21 फरवरी को यह शुभ दिन आ रहा है।ऋग्वेद लगभग 15 (पंद्रह) हजार वर्ष पूर्व रचित होना प्रारम्भ हुआ था। अनुमानतः सात हजार वर्ष पूर्व प्रथम महासंभुति तारक ब्रह्म भगवान शिव इस धरा धाम पर मानव के रूप में अवतरित हुए थे।वह समय

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वख़्त बचता नहीं

20 फरवरी 2020
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वख़्त बचता नहींवख़्त बचता हीं नहीं उफ! खुद के लिये,हदों के पार जा- ख़ुद को कुछ सँवार लूँ!गुलशन में तुम्हारे मशगूल हुए इस कदर,कैसे (?) कुछ लम्हें तेरी तवज़्जो में,'गुफ़्तगू' कर ताजिंदगी गुजार दूँ!!डॉ. कवि कुमार निर्मल

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शुद्ध स्वर

22 फरवरी 2020
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बांस की डाल चुन गुहा बनाईसात छिद्र कर होठों से लगाईसा-रे-ग-म-प-ध-नी★ सुर से हटी तन्हाईप्रिय बाँसुरिया तक राधा के हाथों में थमाईतंत्र साधना की जटिल गुत्थी सहज सुलझाईपर राधा थी कि बस कृष्ण नाम की रट लगाईनिर्मल★संगीत के सात शुद्धस्वर:---षड्ज (सा)ऋषभ (रे)गंधार (ग)मध्यम (म)पंचम (प)धैवत (ध)निषाद (नी)स्वर

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प्रेम और कृष्ण

26 फरवरी 2020
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💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓 कृष्ण 💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓महाभारत का पार्थ-सारथी नहीं,हमें तो ब्रज का कृष्ण चाहिए।राधा भाव से आह्लादितमित्रों का-साथ,चिर-परिचित लय-धुन-ताल चाहिए।।प्रेम की डोर तन कर,टूटी नहीं है कभी।अंत: युद्ध का,हमें दीर्ध विश्राम चाहिए।।।प्रेम सरिता में आप्लावन,अतिरेक प्या

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पृथ्वी बचाओ

12 अप्रैल 2020
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🌳🌴🎋🌳🌲🌳🎋🌴 🌳🌳🌴🌲 पृथ्वी बचाओ🌲🌴🌳🌳🌴🎋🌳🌲🌳🎋🌴 🌳निरीह पशु-पँछियों को अपनीक्षुधा का समान मत बनाओइनमें जीवन है, इनको अपनोंसे वंचित कर रे नहीं तड़पाओखाद्यान्न प्रचूर है, और उगाओ"अहिंसा" का सुमार्ग अपनाओ🌳 🌲🌼🌺🌺🌼🌲 🌳सौन्दर्य वर्धन हो धरा - धाम का"शुन्य" पर मत सब रे! ले जाओपशु

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जीवन साथी

14 अप्रैल 2020
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जीवन साथीरिश्तों में समझौता जरुरी है।ज़िंदगी ज़ख्मों से भरी,कारगर मरहम जरुरी है।।हर ज़ुम्बिश ओ' साँसों परतवज़्ज़ो करने वाले,अपने हीं ख़ुद-परस्त हुए!सही डगर पे लाना जरुरी है।हर ज़ायज़-नाज़ायज़ काम कापक्का हिसाब करना जरुरी है।।मंज़ूर किया ग़र सरयामताज़िंदगी साथ निभाना जरुरी है।वख़्त-बेवख़्त हर उसूलनिभाना भी तो होता

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राधा भाव और कृष्ण

18 अप्रैल 2020
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"राधा भाव और कृष्ण"माधुर्य भाव तीव्र हो,जब आकर्षित करता है!राधा भाव में भक्त जबभाव-विभोर होता है!!बिछोह क्षण-मात्र का भीवह सह नहीं सकता है!तिश्णा से शुष्क हो,क्षुब्द बहुत वह तब होता है!!तन-मन अवसान-शोकग्रषस्त,मृत प्राय: वह हो जाता है!व्याकुल-आकुल हो,मृग-तृष्णा सापीड़ादायक होता है!!कृष्ण प्राण-केन्द

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आनंद पूर्णिमा महोत्सव

7 मई 2020
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आज झूम - झूम प्रगति के गीत गाना हैअवतरण हुआ प्रभु का, कथा सुनाना हैप्रथम महासंभूति सदाशिव जब आए थेमानव समाज में मानव पशुवत् छाए थेतंत्र साधना दे अध्यात्मिकता का परचम लहरायाबुद्धिहीन मानव को ज्ञान दिया बुद्धिजीवी बनायादानव समस्त धरातल

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गणपति बप्पा मोरिया

8 मई 2020
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कथा गणपति बप्पा मोरिया की🕉️ 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️गणपति-बप्पा-मोरिया की प्रतिमायें सुशोभित हैं।गणेश कथा सुन, भक्त आह्लादित प्रफुल्लित हैं।।आएं आज- 'पंद्रह हजार वर्ष' पुर्व हम चलते हैं।पर्वतों पर बसे ऋषियों की चर्चा आज करते हैं।।"ऋषि कुल" को ऋग्वेद में "गोष्ठी" कहा करते थे।'"गोष्ठी" के श्रेष्टतम्

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संबंध

17 मई 2020
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"संबंधों" की महिमा- न्यारीबात मगर लगेगी यह खारीमहाभारत में देखी पटिदारीभारत में भी छाई पटिदारीपटिदारी मानवता की परम शत्रु,उजड़ी बागीचे की हर सुन्दर क्यारीसीमाओं का यह व्यर्थ जाल बहुत दुखदाईमानवीय मुल्यों की अब कैसे होगी भरपाईयुग पुरुष का अवतरण हो तो पट पाए खाईमानो बँधु- सबका मालिक वही है एक साईं

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अथ पत्नी सोपानम्

24 जून 2020
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🌺🌷अथ पत्नी सोपानम्🌷🌺 किसी भी श्रेष्ट कवि की लुगाई मसलन, शायर की हो वो मोहतरमाखासमखास को भलिभांति वह पहचानती है हर हर्फ- ओ'- लब्ज में, किसके लिए? कह कर पारा सौ पार उछालती है 😄🙂🙂बेचारा कवि🙂🙂😄मगन देख एन्ड्रॉयड में पतिदेव को!अनसुनी कर टीपते व्यस्त पतिदेव को!!जासुसी करने का अब फाइनल

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भक्ति सर्वश्रेष्ठ धन है

26 जून 2020
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भक्ति सर्वश्रेष्ठ धन🌹🌹🌹🌹🌹🌹मन है अति चंचल,आलोढ़ित चितवन,मन तो आखिर है मन-डोलेगा हीं, वो डोलेगामन अति आह्लादित-नयन हैं अश्रुप्लावितएक को ठहरा कर हीं-दूजा कुछ बोलेगाप्रसव-पीड़ा के आँसूजन्म के आँसूसुख के आँसूदुख के आँसूप्रतारणा के आँसूपठन-पाठन के आँसूधुयें के आँसूंप्रेम के आँसूभक्ति के आँसूआसक्ति

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आत्मकथा एक फूल की

24 अगस्त 2020
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आत्म कथा एक फूल कीमैं फूल एक डाल से लटका खिल उठाअपने आपको- कभी बागान को देख रहाखुशबुएँ लुटा सबको रिझा रिझा पास बुलायाछू कर अँगुलियों से ललच तोड़ अपने घर ले आयामहक कई बार मुझे एक गमले में लगा सजायादेखता रहा परिवार संसार, बहुत हीं भायापर शुद्व हवा बिन, धीरे धीरे कुंभलायाहवा का एक तेज झोंका आयापर स

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प्रभुकृपा कवि हूँ

15 जुलाई 2021
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प्रभुकृपा कवि हूँउभयहस्‍तकुशल, सव्यसाची हूँ मैं,प्रभुकृपा हूँ एक अकिंचन कवि।कटु हो या मृदु भाव- लकिरेंउकेर लिखता सत्य कवि।हिन्दू हिन्दुस्तान तुम्हारा है१९५७ में लिखा यह कवि। संविधान कहता देशद्रोही-क्रांति दूत बना था कवि।नेता जाते लुकछुपमंदीर-मस्जिद-चर्च सभी।ईद में गले मिल सेवई खाने जाता म कवि।होली-द

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साया

28 अगस्त 2021
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<p><strong>【१】</strong></p> <p><strong>शौहरत कूचे से शरहदों के पार हुई।</strong></p> <p><strong>न जा

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नंद गोपाला

28 अगस्त 2021
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<h6><strong>🙏 🙏"नंद गोपाला"🙏🙏</strong></h6> <h6><strong>हर कवि कृष्ण भक्त श्रेष्ठ होता है।</stro

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कान्हां तूं जल्दी आना

29 अगस्त 2021
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<p><br></p> <figure><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c89

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गज़ल

31 अगस्त 2021
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<figure><img height="auto" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/611d425242f7ed561c

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गज़ल

31 अगस्त 2021
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<p><strong>【१】</strong></p> <p><strong>गुमान हम भी करते हैं मगर,</strong></p> <p><strong>शरहदों का फ़

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प्रगति

1 सितम्बर 2021
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<p><strong>राग रागनी सुन तंद्रा उनकी भागे,</strong></p> <p><strong>टूट जायें स्वप्न के जाल निराले।</

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महामना जयंति २०२१

15 दिसम्बर 2021
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<h3>प्रयागराज महातीर्थ के पं. ब्रजनाथ व मूनादेवी बढ़भागी,</h3> <p>25 दिसम्बर 1861 को मालवीय जी का &n

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जेसस बौद्ध तांत्रिक

18 दिसम्बर 2021
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<p><br></p> <p><strong>⚜️वैश्विक धर्म नाभि भारत⚜️</strong></p> <p><strong>⚜️⚜️⚜️ ☆🔱☆ ⚜️⚜️⚜️</strong

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