कल के लेख में शनि के मकर राशि में गोचर के समय आदि के विषय में चर्चा की
थी, आज सभी राशियों पर शनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर चर्चा...
किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी
कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता
अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है | क्योंकि शनि का जहाँ तक
प्रश्न है तो “शं करोति शनैश्चरतीति च शनि:”
अर्थात, जो शान्ति और कल्याण प्रदान करे और धीरे चले वह
शनि... अतः शनिदेव का गोचर कहीं भी हो, घबराने की या भयभीत
होने की आवश्यकता नहीं है... अपने कर्म की दिशा सुनिश्चित करके आगे बढ़ेंगे तो
कल्याण ही होगा... अस्तु, आज मेष
राशि...
आपके लिए शनि आपके कर्म स्थान तथा लाभ स्थान का
स्वामी है और आपके कर्म स्थान में अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहा है, जहाँ से इसकी दृष्टियाँ आपके द्वादश भाव, चतुर्थ
भाव तथा सप्तम भावों पर हैं | शनि को कर्म का स्वामी भी कहा जाता है | किन्तु इसकी
गति बहुत धीमी है | आपके कार्यों में प्रगति तथा उनके कारण आपके लिए अर्थ लाभ की
सम्भावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता, किन्तु इन सबकी गति
धीमी रह सकती है तथा अपने कार्य को समय पर पूर्ण करके उसका पूर्ण लाभ प्राप्त करने
के लिए आपको अधिक श्रम भी करना पड़ सकता है | किन्तु इस समय आप जितना अधिक श्रम कर
लेंगे उतना ही आपके भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त होता जाएगा | साथ ही, आपके पराक्रम में वृद्धि की सम्भावना इस गोचर से की जा सकती है जो आपके
लिए कार्य की दृष्टि से उत्तम रहेगा |
यदि आप किसी नौकरी में हैं तो आपके लिए प्रमोशन
की सम्भावना की जा सकती है | जो लोग नवीन नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं उन्हें
इस समय कोई मनोनुकूल नौकरी भी प्राप्त हो सकती है | यदि अपना स्वयं का कार्य है तो
उसमें प्रगति की सम्भावना है | नए क्लायिन्ट्स बन सकते हैं जिनके साथ लम्बे समय तक
कार्य करते हुए अर्थलाभ कर सकते हैं | किन्तु जो भी महत्त्वपूर्ण निर्णय कार्य के
सम्बन्ध में लेने हों ग्यारह मई से पूर्व ही ले लें तो अच्छा रहेगा, क्योंकि उसके बाद 29 सितम्बर 2020 तक शनि वक्री रहेगा जो अशुभ तो नहीं रहेगा किन्तु कार्य में देरी हो सकती
है | आप अपने लिए नया घर अथवा वाहन भी खरीद सकते हैं |
स्वास्थ्य का जहाँ तक
प्रश्न है, तो आपको त्वचा सम्बन्धी किसी रोग की ओर से
सावधान रहने की आवश्यकता होगी | खान पान पर ध्यान देना आपके लिए आवश्यक है | किसी
पारिवारिक क्लेश के कारण कुछ तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है | मन को शान्त
रखने तथा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग ध्यान आदि के सहारा लें | जीवन साथी और
अपनी माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है |
अविवाहित हैं और जीवन
साथी की तलाश में हैं तो आपका कोई प्रेम सम्बन्ध विवाह में परिणत हो सकता है | साथ
ही विवाहित और अविवाहित दोनों ही परिस्थितियों में सम्बन्धों में माधुर्य बनाए
रखने के लिए तथा अकारण ही तनाव से बचने के लिए अपने टेम्परामेंट पर नियन्त्रण रखना
आवश्यक है |
अन्त में बस इतना ही कि यदि कर्म करते हुए भी सफलता नहीं प्राप्त हो
रही हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी के पास दिशानिर्देश के लिए अवश्य जाइए, किन्तु अपने कर्म और
प्रयासों के प्रति निष्ठावान रहिये - क्योंकि ग्रहों के गोचर तो अपने नियत समय पर
होते ही रहते हैं, केवल
आपके कर्म और उचित प्रयास ही आपको जीवन में सफल बना सकते हैं...
आगे वृषभ राशि पर शनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर
बात करेंगे...