लाडला वोट बैंक
डॉ शोभा भारद्वाज
सीएए का विरोध करता
मुस्लिम समाज
पाकिस्तानी चैनलों
एवं प्रिंट
मीडिया में
सुर्खियाँ बटोर
रहा है उनके अपने
यहाँ अल्पसंख्यक बेजुबान हैं
उनकी जर जमीन धर्म
,बच्चियाँ ,जीवन
,मरणोपरान्त संस्कार का हक कुछ भी सुरक्षित नहीं
है कम उम्र की नादान बच्चियां उठा लेते
हैं कलमा
पढ़ा कर उनका अधेड़
बाल बच्चे
दारों से निकाह पढ़वा
दिया जाता
है अब लोग पांच
साल उमर की
बेटी को भी स्कूल भेजने
से डरते
हैं |पाकिस्तानी प्रधान
मंत्री इमरान
खान मुस्लिम प्रोटेस्ट पर भारत के विरुद्ध विश्व
जनमत बनाने
की कोशिश
कर रहे
हैं उसके
अनुसार नागरिकता
विधेयक फासीवादी मोदी सरकार द्वारा प्रचारित संघ की ‘हिंदू राष्ट्र’ योजना का हिस्सा हैं यदि
भारत को नहीं रोका
वहाँ खून
की नदियाँ
बह जायेंगी वहाँ
से हमारे देश में
20 करोड़ मुस्लिम आ जायेंगे हमारा क्या
होगा भारत की सिविल सोसाईटी परेशान
है अब भारत
नेहरू गांधी
का देश
नहीं रहा
है | इमरान की भाषा यहाँ के मुस्लिम समाज को समझ आ जाती है या जो कुछ
मुस्लिम लीडर या मस्जिद से मौलाना समझाते हैं दिलमें उतर जाती हैं |इमरान के
विचारों पर विश्व के किसी भी देश ने टर्की
को छोड़ कर ध्यान नहीं दिया |
दो माह से ऊपर हो गये नोएडा
को दिल्ली
से जोड़ने वाली
सड़क पर बंद है महत्वपूर्ण सड़क
है लाखों
लोग परेशान
हैं प्रजातंत्र में धरना
प्रदर्शन करना
सबका हक है सब जानते हैं
|देश
संविधान से चलता है संविधान की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट है मुस्लिम जानते हैं |मुस्लिम समाज
एक संगठित
वोट बैंक
है सत्ता
बदलने में
समर्थ दिल्ली विधान
सभा का चुनाव परिणाम
इसका उदाहरण
है |यह वोट बैंक
केंद्र की सत्ता में
मिली जुली
सरकार ला सकता है |
वह नाराज
हैं उन्हें
नागरिकता संशोधन
कानून , एनपीआर और
एनआरसी से एतराज है इसे वह हक की लड़ाई कहते हैं उन्हें
हकों का ज्ञान है लेकिन कर्तव्यों का नहीं मुस्लिम समाज नाराज हैं
अभी तक उन्हें सरकार
की तरफ
से कोई
मनाने नहीं
आया उनकी
शर्तें सुनने
नहीं आया
संसद में
पास नागरिकता संशोधन कानून
को को रोल बैक
करने का लिखित आश्वासन देने नहीं
आया | पहले
वह प्रधान मंत्री मोदी जी एवं आमित शाह जी को बात करने शाहीन बाग़ बुलाना चाहते थे
|
इस धरने में दादियाँ जिनकी इबादत करने की उम्र हैं , महिलाओं के साथ छोटे
बच्चे बैठे है कुछ बड़े भी हैं इन सब के इंचार्ज बंद कमरों से संचालन करते हैं हाँ
जब मीडिया वाले आते हैं उनमें से कुछ बाहर निकल कर दादियों के कान में फुसफुसाते
हैं वह सब एक भाषा बोलती हैं आगे सरकार की आलोचना करने पढ़े लिखे आ जाते हैं स्टेज पर चढ़ कर बच्चे भी सीएए ,एनआरसी और
एनपीआर पर प्रवचन देते हैं लेकिन उन्हें पहाड़े या स्लेबस याद नहीं होता | बच्चे
आजादी के नारे लगाते हैं परन्तु बच्चे एक ही आजादी जानते हैं बिना पढ़े पास होने की आजादी बच्चे
मोदी जी और अमित शाह के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हैं लेकिन यहाँ वह समाज नजर
नहीं आता जो अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं उनके बच्चे और माता पिता
यहाँ दिखाई नहीं देते | दादियों को कैसी आजादी चाहिए समझ नहीं आता क्या चीन या
पाकिस्तान वाली आजादी या मुस्लिम देशों की तानाशाही जहाँ न दाद न फियाद |
भीड़ में जिन्ना वाली आजादी के नारे भी लगे थे यह तो
पार्टिशन की मांग के समय के नारे हैं |यहाँ संविधान की कापियाँ, नेहरू , आम्बेडकर
, गांधी जी के चित्र तिरंगा भी है यदि चैनल वाले आते हैं जिनको वह नहीं चाहते महिलाओं
,दादियों और बच्चों की चैन बनवाई जाती है उनके हाथ में संविधान और नेताओं के चित्र
होते हैं वह तिरंगा लहराते हैं| साथ ही जन गण मन राष्ट्रिय गान गाते हैं भारत माता
की जय से पहले उन्हें परहेज था अब एतराज नहीं हैं साथ ही जहरीले नारे भी लगाये
जाते हैं महिलाएं भाषण भी देती हैं जैसे कुतुबमीनार , लाल किला ताजमहल मुस्लिम
बादशाहों ने बनवया जिससे सरकारें करोड़ों कमाती है लेकिन उनके रख रखाव सुरक्षा पर
कितना खर्च होता है इसका जिक्र नहीं यह बिल्डिंग यहीं बनीं यहीं के कारीगरों ने
इनपर काम किया यहीं की लागत लगी इससे उनको कोई मतलब नहीं | कुछ भाषण देती हैं जैसे
चलता है चलने दो गैर मुस्लिमों को वहीँ मर जाने दो | उन्हें हिन्दू सिखों की
बच्चियों का दर्द नहीं है एक बार भी पकिस्तान की आलोचना नहीं की |संविधान की रक्षा
करने की दुहाई देती हैं | मुस्लिम जिन्हें काफिरों के साथ रहना मंजूर नहीं था पाकिस्तान
में इस्लामिक स्वर्ग बसाने गये थे | उन्हें भी नागरिकता का हक मिलना चाहिए भारत
में बसने की आजादी शाहीन बाग़ की तर्ज पर और शहरों में मुस्लिम महिलाओं भी इकठ्ठे
हो कर धरना देती हैं सब कहाँ से संचालित होते हैं?
विरोध प्रदर्शन में राजनीतिक हस्तियों, फ़िल्म और साहित्य जगत से जुड़े लोग भी आते हैं अपना समर्थन दते हैं कन्हैया कुमार जेऍनयू में टुकड़े टुकडें
गैंग का सदस्य भाषण देने आया उसके आजागी के नारों से शाहीन बाग़ गूँज उठा | रियलिटी
शो में फिल्म का प्रमोशन करने जाना महंगा पड़ता है फिल्म वाले भी शुरू में शक्ल
दिखाने आये , अनुराग कश्यप को अपना नाम चलाने के लिए शाहीन बाग़ उचित लगा उन्होंने
यहाँ स्टेज पर चढ़ कर चटकारे लेकर बिरयानी खायी| कांग्रेस के कद्दावर नेता कैबिनेट
मंत्री अब पेशे से वकील हैं के आगमन पर नन्ही बच्ची शायद ढाई बरस की होगी उसकी उमर नर्सरी रैम
गाने की है आजादी –आजादी हम लेके रहेंगे आजादी के नारे
लगा रही थी नेता जी दोहरा रहे थे हैरानी हुई उनके अपने घर में बेटे बेटियों के
बच्चों का नारे लगवाना कबूल नहीं होगा |ख़ुशी हो रही होगी उनके अपने जानशीनों की राजनीतिक दूकान चल निकलेगी बस चुनावों में
टिकट मिलनी मिल जाये| कांग्रेसी नेता अपने संजोये लाडले वोट बैंक के मंच पर तकरीर
करने आये अब वोट बैंक ‘आप’ के साथ चला गया |
प्रश्न उठता है महत्वपूर्ण सड़क क्यों रोकी गयी एक
समझदार ने समझाया अगर हम कहीं और प्रोटेस्ट कर रहे होते तो हमें कोई नोटिस
नहीं करता. यह एक हाइवे है | आप
हाइवे बंद कर दें और यहीं जम जायें सुनवाई होगी |मुस्लिम समाज के मर्द महिलाओं का इस्तेमाल कर उन्हें आगे लायें है
लेकिन जब महिलाएं संगठित होकर एक दिन बहु विवाह और हलाला का विरोध करेंगी तब
उन्हें शरीयत का हवाला दिया जाएगा यह मोदी सरकार की कोशिश एवं सुप्रीम कोर्ट का
आदेश था ट्रिपल तलाक पर रोक लगी |
कई लोगों के लिए पिकनिक स्थल है
मुफ्त की बिरयानी ,खाना बंट रहा है, चाय मिल रही है, गद्दे लगे हैं, कम्बल बांटे जा रहे हैं और सब कुछ
ख़ामोशी से हो रहा है यहां हर कोई लीडर है,
मुस्लिम उत्पीडन दिखा कर इसे राजनीतिक मुद्दा कैसे बनाया जाये वह कहती हैं जब जामिया के
छात्रों को पीटा गया तो अपने घरों को छोड़कर बाहर निकलीं हैं और सड़क पर बैठकर
प्रदर्शन कर रहीं हैं जहां उन्हें सारी दुनिया देख रही है गृह मंत्री अमित शाह ने
बातचीत की पेशकश की थी बातचीत करने दादियों को आगे कर जलूस चल निकला |ड्रामा
सुप्रीम कोर्ट न तीन बिचौलियों
की नियुक्ति की है वह इनसे बात कर समझायेंगे
यदि आन्दोलन करना है प्रजातंत्र
में उनका हक है तो दूसरे के हक का भी ध्यान रखें किसी और स्थान पर बैठ जायें लाडला
वोट बैंक परेशान है कभी उनके लिए लीडर खड़ें रहते थे अब क्या हो गया उनकी सुनी
क्यों नहीं जा रही सवाल बहुमत से संसद में पास कानून का है |