एक व्यक्ति ने पूछा आज के युग की सबसे बड़ी बीमारी क्या है? आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने कहा कोरा वैज्ञानिक होना और आध्यात्मिक नहीं होना वर्तमान समय की सबसे बड़ी बीमारी है। व्यक्ति की इसी मनोवृत्ति ने बहुत सारी बीमारियो को जन्म दिया
वर्तमान युग की सबसे बड़ी अपेक्षा है और समस्याओं का समाधान है आध्यात्मिक व वैज्ञानिक व्यक्तितव का निर्माण और इसके लिए आवश्यक है जीवन शैली को बदलना और समझना ।
शरीर, श्वास, प्राण,मन,भाव, कर्म, चित्
चेतना इन सबका संयुक्त नाम है जीवन।।
शरीर- हमारे शरीर में कुछ ऐसे केन्द्र है जो शरीर को संतुलित व अनुशासित करते हैं ।
श्वास- मस्तिष्क के दो पटल है दायां बायां दायां श्वास बाएं पटल को सक्रिय करता है तो बायां दाएं को
श्वास के अनेक प्रयोग भावनात्मक परिवर्तन
में महत्वपूर्ण हेतु बनते हैं।
प्राण- प्राण का असंतुलन होता है तो, मनुष्य रूगन हो जाता है।
मन- मन की चंचलता अनेक समस्याओं को उत्पन करती हैं।मन की एकाग्रता समस्याओं का समाधान करती है। स्मृति, कल्पना और चिंतन तीनों मन के कार्य है तीनों ही जीवन के लिए अनिवार्य है
भाव- मन का संचालन करता ह । भाव स्वस्थ हैं तो मन स्वस्थ हैं।
कर्म-जीवन में कुछ होता है उसका हैतु कर्म होता है । आत्मा की खोज का पहला रुप है कर्म की खोज।
चित्त- प्रकाश की एक रश्मि है चित्त।वह हमारे
शरीर को प्रकाशित करता है।
जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाये रखने के लिए प्रेक्षाधयान का प्रयोग अनिवार्य है।