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दिल का दर्द

12 मार्च 2020

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दिल का ये दर्द हमने सबको सुना दिया

इस मरे से मन को जीवन बना लिया


रस्ते के काँटें अब तो राहों को बंद करें

कदमों के होंसलों ने गुलिस्ताँ खिला दिया


तानों की आँच पाकर जीवन झुलस रहा

मरहम वो फैसले का खुद पर लगा लिया


आँखों में जन्म लेते सपने बहार के

बह जाए न ये सपने आँसू सुखा लिया


पत्थर को पूजने से देवता वो बन गया

फिर आदमी को किसने पत्थर बता दिया


चलकर गिरा हूँ में जब तो फिर खडा हुआ

इस जोश की जिदों ने चलना सिखा दिया


मुक्कदर की लेखनी में कुछ वजन तो है

गिरते हुए उठे हैं उठता गिरा दिया


-------------भानु प्रताप सिंह "सूरी"

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12 मार्च 2020
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दिल का ये दर्द हमने सबको सुना दियाइस मरे से मन को जीवन बना लियारस्ते के काँटें अब तो राहों को बंद करेंकदमों के होंसलों ने गुलिस्ताँ खिला दियातानों की आँच पाकर जीवन झुलस रहामरहम वो फैसले का खुद पर लगा लियाआँखों में जन्म लेते सपने बहार केबह जाए न ये सपने आँसू सुखा लियापत्थर को पूजने से देवता वो बन गया

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गीत- सूरज का सफर

5 जुलाई 2022
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