22 मई 2015
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मैं चेनारी रोहतास बिहार का रहने वाली हूँ। बी०एसी०की छात्रा हूँ मेरी रूचि साहित्यिक रचनाओं को पढने के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में भी है,मन में उठे भाव को शब्दों के माध्यम से जोड़कर लोगों के सामने बिखेरना ही मेरा काम है।D
धन्यबाद बताने क लिए आगे से मई ऐसा ही करुँगी |
6 जून 2015
निवेदिता जी, ऐसा तो नहीं होना चाहिए , आप एक बार कोशिश कर के देखिये .. कमेंट अवश्य होना चाहिए ... साथ ही मई आपको एक जानकारी देना चाहती थी की आपको यदि कभी भी किसिस प्रकार की समस्या आए तो आप हमे ईमेल द्वारा सूचित करे क्योंकि हज़ारों की संख्या में आर्टिकल्स आने के कारण कई बार मेरी नज़र आर्टिकल्स की टिप्पणी में नहीं पड़ पाती . इसलिए ज्यादा सहुलियत होगी यदि आप हमे ईमेल करे इस पते पर - info@shabdanagari.in
2 जून 2015
हमारे समाज को संकुचित मानसिकता से बहार आना होगा
31 मई 2015
मुझे भी आपसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा | हाँ १ बात करनी थी आपसे , जब मैं दीपिका जी के कमेंट्स का जवाब देना चाही तो उनके निचे में कमेंट्स नहीं लिखा पा रहा है , ऐसा क्यों |
30 मई 2015
बिलकुल भी नहीं , मुझे तो उनका कमेंट अच्छा लगा , आपको सूचित करने हेतु मैंने आपको टिप्पणी द्वारा सूचित किया ..... मैंने फेस्बूक पर भी आपके कोमेंट्स देखे है ..... मुझे शब्दनगरी के जरिये आपसे मिलकर अच्छा लगा .....- प्रियंका
29 मई 2015
ये दीपिका कुमारी दीप्ति जी मेरी फेसबुक की मित्र है , इसलिए शायद वो कॉमेंट की | इससे आपको कोई आपत्ति तो नहीं , धन्यबाद
27 मई 2015
निवेदिता जी , हमने आपका ये लेख शब्दानगरी के गूगल प्लस अकाउंट में पोस्ट किया तो उस पर एक कमेंट आया है Deepika kumari दीप्ति जी का आपके लिए - उन्होंने लिखा है - विल्कूल सही कहा आपने निवेदिता जी ! हमारे समाज में ये भेदभाव शुरु से ही चलता आ रहा है और न जाने कबतक चलता रहागा ।
26 मई 2015
बहुत बहुत धन्यबाद शब्दनगरी संगठन जी
26 मई 2015
प्रिय मित्र , आपकी इस उत्क्रष्ट रचना को शब्दनगरी के फ़ेसबुक , ट्विट्टर एवं गूगल प्लस पेज पर भी प्रकाशित किया गया है । नीचे दिये लिंक्स मे आप अपने पोस्ट देख सकते है - https://plus.google.com/+ShabdanagariIn/posts https://www.facebook.com/shabdanagari https://twitter.com/shabdanagari - प्रियंका शब्दनगरी संगठन
25 मई 2015