सूर्याग्नि योग
(सूर्य अग्नि योग)
अग्नि वायु एवं ध्वनि तत्वों पर आधारित
आसन प्राणायाम ध्यान की नयी पद्धति
सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास
ये आसन व्यायाम विशेष रूप से उनके लिए विकसित किये
गए है जिनकी दिनचर्या में
शारीरिक श्रम बहुत कम होता है, दिन भर बैठ कर काम करते हैं, वाहन (कार, बाइक)
अधिक चलाते हैं तथा व्यायाम के लिए सुबह समय नहीं मिलता। एैसे लोगों में
गरदन कमर हृदय रक्त संचार रक्त दाब मोटापा पेट की समस्या तथा तनाव
चिन्ता क्रोध अवसाद अकेलापन आदि की समस्या बहुत
आम है।
सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास में इन सभी समस्याओं के लिए विशिष्ट व्यायाम हैं
जिनसे बहुत आराम मिलता है। इन्हे कभी भी कहीं भी किया जा सकता है।
बस पौन घंटा रोज और स्वस्थ रहे जीवन भर।
सूर्याग्नि योग के अविष्कर्ता
रवीन्द्र
‘श्रीमानस’ द्वारा विकसित
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सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास
सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास सूर्याग्नि योग की एक उत्तम खोज है। यह सूर्याग्नि योग के अविष्कर्ता रवीन्द्र ‘श्रीमानस’ द्वारा विकसित व्यायाम समूह है। विन्यास का अर्थ है आसन समूह। अर्थात प्रत्येक विन्यास में कई आसन होते हैं जो एक निश्चित क्रम में किये जाते हैं। ये संगीतमय वातावरण में एक लय में किये जाते हैं।
शहरी जीवनशैली के लिए बहुत उपयोगी : सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास विशेष रूप से शहरी जीवनशैली एवं दिनचर्या को ध्यान में रख कर विकसित किये गए हैं। जिन परिवारों में दिनचर्या बहुत व्यस्त या अनियमित होती है तथा नियमित व्यायाम का समय नहीं मिलता, उनके लिए सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास बहुत उपयोगी है क्योंकि इसे कभी भी कहीं भी किया जा सकता है।
स्वयं में पूर्ण संतुलित व्यायाम : सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास में अनेंक प्रकार के आसन व्यायाम सम्मिलित हैं जैसे योगासन, प्राकृतिक व्यायाम, हृदय आसन, प्रणायाम, ध्यान, आदि। सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास स्वयं में पूर्ण व्यायाम है। इन्हे करने से तन मन एवं हृदय का सम्पूर्ण व्यायाम हो जाता है तथा इन्हे करने के बाद कोई अन्य व्यायाम करने की आवश्यकता नहीं रहती।
उत्तम दैनिक व्यायाम : सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास दैनिक व्यायाम हेतु अति उत्तम हैं। इन्हे हर आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं। यद्यपि इन्हे करने के लिए प्रात: एवं सायंकाल का समय आदर्श है किन्तु इन्हे कभी भी कहीं भी किया जा सकता है- घर में, पार्क में, कार्यालय में, मैदान में, समुद्र के किनारे, नदी के किनारे, झील के किनारे, कही भी। बस पेट खाली होना चाहिए। इन्हे अकेले या समूह में किया जा सकता है। समूह में करने पर ये बहुत रोचक और मनोरंजक हो जाते हैं।
सारा दिन बैठ कर काम करने वालों तथा वाहन अधिक चलाने वालों के लिए विशेष उपयोगी : सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास एैसे लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जिनकी दिनचर्या में शारीरिक श्रम बहुत कम होता है, दिन भर बैठ कर काम करते हैं, वाहन (कार, बाइक) अधिक चलाते हैं तथा व्यायाम के लिए सुबह समय नहीं मिलता। इस प्रकार की दिनचर्या वालों में गरदन कमर हृदय रक्त संचार रक्त दाब मोटापा तथा पेट की समस्या तथा तनाव चिन्ता क्रोध अवसाद अकेलापन आदि बहुत आम है। सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास में इन सब समस्याओं के लिए विशिष्ट व्यायाम हैं जिनसे बहुत आराम मिलता है।
मन को हल्का फुल्का करके मानसिक थकान तनाव
क्रोध अवसाद आदि दूर करता है: सूर्याग्नि दैनिक आसन विन्यास रोचक आनंददायक और मनोरंजक भी है। यह संगीतमय वातावरण
में लय में किया जाता है। इसमें नृत्य आसन भी सम्मिलित है। अर्थात संगीत एवं नृत्य
इसका अभिन्न हिस्सा है। अत: इसे करने से शरीर ही नहीं बल्कि मन एवं हृदय भी स्वस्थ
होता है। थकान तनाव क्रोध अवसाद निराशा अकेलापन आदि दूर हो जाता है और मन हल्का
फुल्का प्रसन्नचित्त हो जाता है।
सूर्याग्नि
दैनिक आसन विन्यास में अधिकांश
आसन सूर्याग्नि योग की अपनी खोज है जबकि कुछ पारम्परिक योगासन है।