वंदेमातरम
है कश्मीरी वादियों में गूंजे वंदे मातरम ।
है लद्दाख में खिली धूप वंदे मातरम ॥
हिमालय जिसका मुकुट, चरणों में सागर जिसके,
साष्टांग नमन भारत माँ को , सादर वंदे मातरम ॥1॥
भगवतवतरण की है भूमि वंदे मातरम
वेदों, पुराणों, गीता का सार, वंदे मातरम
लौकिक - अलौकिक ज्ञान के पारलौकिक गुरु
प्रणम्य है एक मात्र विश्व गुरु वंदे मातरम ॥2॥
वीर रक्त से सिंची वसुधा है वंदे मातरम ।
अनगिनत योद्धाओं का है तिलक वंदे मातरम ॥
षडयंत्र, षडयंत्रकारी न बुझा पाये पाप से ।
भारतीयों की धरोहर, है वह मशाल वंदे मातरम ॥3॥
सोलहकलाओं से है सुसज्जित, झंकार वंदे मातरम ।
अनेकता में एकता का है वरदान वंदे मातरम ॥
प्रकृति प्रत्येक रूप में है विराजमान ।
वह वंदित, विनीत, धन्य, धरा है वंदे मातरम ॥4॥
देश के हर भक्त का है, मंत्र वंदे मातरम ।
नवीन - पुरातन का है संगम वंदे मातरम ॥
माँ का प्रसाद विश्व की ओर ले चलें ।
कि शीघ्र पूरे संसार की हो पुकार वंदे मातरम ॥5॥
- आद्या ‘कात्यायनी’