4 जून 2015
2 फ़ॉलोअर्स
मैं चेनारी रोहतास बिहार का रहने वाली हूँ। बी०एसी०की छात्रा हूँ मेरी रूचि साहित्यिक रचनाओं को पढने के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में भी है,मन में उठे भाव को शब्दों के माध्यम से जोड़कर लोगों के सामने बिखेरना ही मेरा काम है।D
निवेदिता जी, सुन्दर रचना है...हालांकि दर्द में डूबी हुई...समय मिलाता भी है और कभी-कभी जुदा भी करता है, ये धूप-छांव ही तो रंग हैं जीवन के...आपकी कलम खूब चलती रहे...और सुन्दर रचनाएँ करती रहे, हमारी यही कामना है!
4 जून 2015