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भाषा एवं साहित्य (०१)

7 अगस्त 2015

763 बार देखा गया 763
featured imageभारतीय संविधान में २४ भाषाओँ को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है. इनमें कुछ प्रमुख भाषाएँ हैं-संस्कृत, हिन्दी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बांग्ला, मराठी, पंजाबी, गुजराती और असमिया. आइये जानते हैं संस्कृत भाषा के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य. ►'संस्कृत' विश्व की प्रथम भाषा मानी जाती है I ►'संस्कृत' भारत की एक शास्त्रीय भाषा है I ►इसे 'देववाणी' एवं 'सुरभारती' भी कहा जाता है I ►आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे मैथिली, हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, उड़िया, बांग्ला, मराठी, सिंधी, पंजाबी, नेपाली आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं I ►योरोपीय बंजारों की रोमनी भाषा भी संस्कृत से ही उत्पन्न हुई है I ►बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म के कई महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ संस्कृत में लिखे गये हैं I ►हिन्दू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। ►आर्यों की भाषा 'संस्कृत' थी I ►वेदों, उपनिषदों आदि की रचना संस्कृत में हुई I ►प्राचीन ग्रंथों-काव्यों, नाटकों की रचना संस्कृत में हुई I ►पाणिनी, पतंजलि, अश्वघोष, कालिदास इत्यादि संस्कृत रचनाकार थे I ►इसे कम्प्यूटर और कृत्रिम बुद्धि के लिये सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है। ►शोध से ऐसा पाया गया है कि संस्कृत पढ़ने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। साथियो, हिन्दी भाषा से जुड़े कुछ सुन्दर तथ्य हम आपके साथ अगली कड़ी में साझा करेंगे. इस कड़ी के बारे में आपकी, प्रतिक्रियाएं एवं सुझावों की प्रतीक्षा एवं स्वागत है I
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महोदय सर्वेकृत नमस्काराम मम नाम गुरप्रीत सिंह अस्ति अहम पूर्णतय संस्कृति भाषि ना जानमि किंचत किंचत जानमि संस्कृति भाषा सिंधी भाषा से बहुत मेल खाती है सिंधी भाषा का ग्रंथ अस्मिता काफी हद तक इस भाषा से मेल खाता है पठित संस्कृति वदित संस्कृति ग्रहच ग्रहच पुनः रूपी

7 नवम्बर 2018

शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

कविता जी, लेख पसंद करने के लिए धन्यवाद ! शब्दनगरी का नया संस्करण कैसा लगा, ज़रूर लिखिएगा ! धन्यवाद !

10 अगस्त 2015

कविता रावत

कविता रावत

बहुत सुन्दर लेख

7 अगस्त 2015

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पुष्प की अभिलाषा

7 अगस्त 2015
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साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी, हिंदी साहित्य के श्रेष्ठतम रचनाकारों में से एक हैं. आपका जन्म ४ अप्रैल १८८९ को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले में बाबई नामक स्थान पर हुआ था. आप भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं। सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी

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भाषा एवं साहित्य (०१)

7 अगस्त 2015
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भारतीय संविधान में २४ भाषाओँ को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है. इनमें कुछ प्रमुख भाषाएँ हैं-संस्कृत, हिन्दी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बांग्ला, मराठी, पंजाबी, गुजराती और असमिया.आइये जानते हैं संस्कृत भाषा के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य.►'संस्कृत' विश्व की प्रथम भाषा मानी जाती है I►'संस्कृत' भारत की एक

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राष्ट्रध्वजा

12 अगस्त 2015
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नगाधिराज श्रृंग पर खड़ी हुई,समुद्र की तरंग पर अड़ी हुई ,स्वदेश में जगह-जगह गड़ी हुई, अटल ध्वजा हरी, सफ़ेद केशरी !न साम, दाम, के समक्ष यह रुकी,न दंड-भेद के समक्ष यह झुकी,सगर्व आज शत्रु-शीश पर ठुकी ,निडर ध्वजाहरी, सफ़ेद केशरी !चलो उसे सलाम आज सब करें,चलो उसे प्रणाम आज सब करें,अजर सदा इसे लिये हुए जियें,अमर

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भारत की सोंधी-मिट्टी

14 अगस्त 2015
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भारत की सोंधी-मिट्टी, हम सब का श्रृंगार है,हम सब देशवासियों का यह सुन्दर संसार है I नहीं चाहिए हीरे-मोती, और ना ही चांदी-सोना,नहीं विदेशी शैया पर हमें अपनी नींदें खोना,देश हमारा सिंधु स्वर्ण का, यही सम्पदा अपार है I देश की खातिर जीना हैदेश की खातिर मरना है क्या खोया क्या पाया छोडो,हमें वतन से प्यार

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मुक्तक

19 अगस्त 2015
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जन्मा जिसने वह कोख धन्य ,पाला जिसने वह माँ अनन्य,जो मातृभूमि के लिए जिया- उसकी पावन पद-रज प्रणम्य Iदेश की माटी से जी भर प्यार हो,कर सके हम गर्व वह किरदार हो,चाहती है वीर भोग्या मात्र-भू-देश का पुरुषार्थ पानीदार हो Iअपने हित जीना मात्र कर्म, औरो हित जीना है सुकर्म, होता है सब धर्मो से ऊपर, धरती पर अप

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क्या है पांडुलिपि ?

27 अगस्त 2015
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क्या है पांडुलिपि ?पांडुलिपि से तात्पर्य उस प्राचीन दस्तावेज़ से है, जो हस्तलिखित हो तथा जीवन से विशिष्ट रूप से सम्बंधित हो I पांडुलिपि एक ऐसा हस्तलिखित दस्तावेज़ है, जिसका वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व हो अथवा जो कम से कम 75 वर्ष प्राचीन हो I पांडुलिपियाँ मात्र ऐतिहासिक दस्ताव

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शिक्षा के लिए मेरा संघर्ष

28 अगस्त 2015
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(संस्मरण)मूल अंग्रेज़ी लेखक ब्रूकर टी. वाशिंगटनएक दिन जब मैं कोयले की खान में काम कर रहा था, मुझे खान में ही काम करने वाले दो कर्मी हब्शियों के लिए वर्जीनिया स्थित किसी बढ़िया स्कूल के बारे में बात करते सुनाई दिए I ये पहला मौक़ा था जब मैंने हब्शियों के लिए अपने क़स्बे में स्थित छोटे से स्कूल से काफ़ी बढ़

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'हिन्दी' हिन्द की संवादमानस है

15 सितम्बर 2015
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मैं हिन्दी में ख़ुदा से दुआ करता हूँ दुनिया को हिन्दी से मोहब्बत हो जाए हिंदी में प्यार दें, हिंदी से प्यार लें,जहाँ' के लोगों को इस तरह हिन्दी से प्यार हो जाए,कि जो प्यार हिन्दी, हिन्दुस्तानियों, हिंदी साहित्य के ह्रदय में है गहरा भरा वह विश्व-मानवता की जुबां' का राग, दिलों का तरन्नुम बन जाए ।एक महा

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सुबह की धूप

15 सितम्बर 2015
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प्रेम करने के लिए गढ़ने को अपने ही वायदे और पैमाने ताकि बिना किसी के सपनों को लांघे अपने सपनों को सजाने की जगह मिल जाए । -डॉ. वीणा सिन्हा (एम्.डी.)ई-१०४/५, शिवाजी नगर, भोपाल ।

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फिर भी जीना लड़की

15 सितम्बर 2015
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बच भी जाओगी केरोसिन में छुआई जातीतीली की बदबूदार लपट से पर कैसे बच पाओगी ।पिता के माथे पर गहरा आई लकीरों के फंदे से या तुम्हें पैदा करने के अपराधबोध से ग्रस्त माँ की आँखों के अंधे कुएं से बिटिया,अब तो माँ की कोख भी महफूज़ नहीं रही तुम्हारे लिए जहाँ तैर लेती थी तुम नौ माह निर्द्वंद्व तुम्हें तलाशते गं

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कोई बेचैन है

15 सितम्बर 2015
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हम कोई बना सकते नहीं ज़मीन का टुकड़ा चमका कभी सकते नहीं मुकद्दर किसी का । सुन्दर फूलों और कलियों को जिसने है बनाया कहीं ओझल रहता है वह दुनिया बनाने वाला ।कोई बेचैन है समंदर सा ज़िन्दगी की दौड़ में दे रहे हैं इम्तिहान सरासर अंधेरों के मोड़ में ।बने हैं मिट्टी के घरोंदे बारिशों के शहर में पलट रहे हैं पन्ने

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साग़र

15 सितम्बर 2015
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दिन भर की थकन मिटाने के लिए साग़र जब लेता है अंगड़ाई शब् के अँधेरे में तारों की छाँव में लहरें फैलाती किनारों तक अपना दामन किसी को मिलता है उल्फ़त का खज़ाना,किसी के हिस्से में आती है ग़म-ए-तन्हाई ।"लोग पारस तलाश करते फिरते हैं,भूल जाते हैं कि पारस तो वे खुद ही होते हैं ।"-जय वर्मा jaiverma777@yahoo.co.uk

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तितलियाँ

10 नवम्बर 2015
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कारवाँ गुज़र गया... पद्म विभूषित हिंदी साहित्यकार, कवि, लेखक और गीतकार गोपालदास सक्सेना 'नीरज' का निधन ।

19 जुलाई 2018
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इतने बदनाम हुए हम तो इस जमाने में तुमको लग जाएंगी सदियां इसे भुलाने मेंन पीने का सलीका न पिलाने का शऊर, ऐसे भी लोग चले आये हैं मयखाने में अपनी अंतिम सांस तक अपनी कविताओं से हम सब को आत्मविभोर करने वाले कवि गोपालदास नीरज का दिल्ली के एम्स में हुआ निधन । समाचार एजेंसी प

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