shabd-logo

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

12 अगस्त 2015

4055 बार देखा गया 4055
featured image आजादी के बाद जहाँ भारत ने समाज के हर क्षेत्र में तेजी से विकास किया वहीं विज्ञान के क्षेत्र में भी अनेक उपलब्धियाँ हासिल कीं। स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार में विज्ञान और प्राकृतिक संसाधनों का एक पृथक मंत्रालय बनाया गया। यह मंत्रालय भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने अधीन रखा था। नेहरू जी भारत के बहुमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सब तरह के साधन और सुविधाएं जुटाईं। उपलब्ध क्षमता और प्रोत्साहन का श्रेय है कि इन वर्षों में भारत ने विश्व की वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी की महानतम शक्तियों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है। परिणामस्वरूप भारत कच्चे माल के निर्यात से अब विश्व की सर्वाधिक मजबूत औद्योगिक अर्थव्यवस्था में से एक बन गया है। भारत ने विज्ञान के अन्य विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। खगोल विज्ञान में प्राचीन अध्ययनों के आधार पर ही भारत के वैज्ञानिक अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यों में लगे हैं। आज भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने बल पर उपग्रह बनाकर और अपने ही शक्तिशाली राकेटों से उन्हें अंतरिक्ष में स्थापित करने में समर्थ हैं। अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारत काफ़ी आगे पहुँच चुका है। इसके साथ ही भारत के दूर संवेदी नेटवर्क में 634 ग्रह शामिल हो गए हैं। हमारा यह दूर संवेदी नेटवर्क संसार का सबसे बड़ा दूरसंवेदी नेटवर्क है। अंतरिक्ष कार्यक्रमों का विकास संचार माध्यमों तथा रक्षा मामले सम्बन्धी सफलताओं में काफ़ी सहायक सिद्ध हुआ है। आज भारत विभिन्न दूरियों तक मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र बनाने में समर्थ है। देश को प्रतिरक्षा के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय सफलताएँ मिली हैं। भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी आश्चर्यजनक प्रगति की है। परमाणु ऊर्जा का मुख्यतः उपयोग कृषि और चिकित्सा जैसे शांतिपूर्ण कार्यों के लिए किया जा रहा है। परमाणु और अंतरिक्ष से जुड़ा विषय इलैक्ट्रॉनिक्स है। भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति की है। परम 10000 सुपर कंप्यूटर बनाकर हम इस क्षेत्र में अग्रणी देशों की पंक्ति में आ गए हैं। हम अब सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित उपकरणों का निर्यात विकसित देशों को भी कर रहे हैं। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित इंजीनियरों की अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान जैसे विकसित देशों में भारी माँग है। वैज्ञानिक अनुसंधानों के बल पर भारत ने जलयान निर्माण, रेलवे उपकरण, मोटर उद्योग, कपड़ा उद्योग आदि में आशातीत सफलता प्राप्त की है। आज हम भारत की उद्योगशालाओं में बनी अनेक वस्तुओं का निर्यात करते हैं।
4
रचनाएँ
scienceandtechnology
0.0
इस लेख के अंतर्गत आप विज्ञान और तकनीक से सम्बंधित लेख पढ़ सकते हैं ई
1

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद की भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

12 अगस्त 2015
0
1
0

आजादी के बाद जहाँ भारत ने समाज के हर क्षेत्र में तेजी से विकास किया वहीं विज्ञान के क्षेत्र में भी अनेक उपलब्धियाँ हासिल कीं। स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार में विज्ञान और प्राकृतिक संसाधनों का एक पृथक मंत्रालय बनाया गया। यह मंत्रालय भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने अधीन रखा था।

2

आकाशगंगा को निगलता विशाल ब्लैक होल

12 अगस्त 2015
0
1
0

वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में एक बहुत ही बड़ा ब्लैक होल खोजा है. यह 12 अरब सूर्यों से भी ज्यादा बड़ा है और धीरे धीरे एक आकाशगंगा को निगल रहा है. यह खोज बीजिंग की शुई-बिंग वू यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिसचर्रों की टीम ने की है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह ब्लैक होल ब्रह्मांड की शुरुआत के दौरान बना ह

3

कानपुर में औद्योगिक क्रांति और प्रौद्योगिकी शिक्षा का अद्भुत समन्वय

17 अगस्त 2015
0
2
0

कानपुर नगर ने न केवल राष्ट्रीय स्वाधीनता-संग्राम में वरन आर्थिक स्वाधीनता के संघर्ष में भी अग्रणी भूमिका निभाई है I १८५७ के स्वाधीनता संघर्ष के लगभग छ: दशकों के अन्तराल में कानपुर ने प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में भी उत्तरी भारत का नेतृत्व ग्रहण किया और धर्म उद्योग तथा वस्त्र उद्योगों ने आधुनिक

4

ई-लाइब्रेरी आपकी जेब में...

27 अगस्त 2015
0
4
0

आप सोच रहे होंगे कि यदि आपके मोबाइल फ़ोन पर इन्टरनेट की सुविधा है तो किसी लाइब्रेरी का भी जेब में होना कोई मुश्किल बात नहीं, लेकिन यदि इन्टरनेट सुविधा न हो तो ?दरअसल, ऐसा ही सपना देख रहे हैं रेडियो शिकागो के प्रोडक्ट डेवलपमेंट हेड रहे प्रतिभाशाली उद्यमी सैय्यद करीम जो कि ‘आउटरनेट’ के रूप में ज्ञान-वि

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए