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हाईकोर्ट के आदेश पर विवाद: क्या अब सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे अफसरों से बच्चे

24 अगस्त 2015

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नई दिल्ली. यूपी के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में सरकारी कर्मचारियों, नेताओं और जजों के लिए अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद एक बार फिर सरकारी स्कूलों की बदहाली और शिक्षा प्रणाली के स्तर पर बहस छिड़ गई है। शिक्षा के अधिकार के लिए लंबे समय से लड़ रहे संगठनों और शिक्षाविदों ने कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए इसे पूरे देश में लागू किए जाने पर जोर दिया है। वहीं फैसले के विरोधी भी हैं, जिनका मानना है कि यह फैसला व्यावहारिक कतई नहीं है और उनके बच्चों के भविष्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। फैसले के पक्ष में 1. यही एकमात्र रास्ता? शिक्षाविद डॉ. अनिल सदगोपाल के मुताबिक बच्चों को सरकारी संस्थान में पढ़ाना अनिवार्य कर देना ही शिक्षा प्रणाली में सुधार का एकमात्र तरीका है। समान शिक्षा व्यवस्था से उच्च, मध्यमवर्गीय व निम्न वर्ग में शैक्षिक स्तर पर हो रहे भेदभाव को खत्म किया जा सकेगा। उदाहरण के लिए फिनलैंड में सरकारी संस्थान से पढ़ाई करना अनिवार्य है। ऐसा कानून बनने के बाद ही वहां महज तीन दशक में शिक्षा के स्तर में जबरदस्त सुधार आया है। 2. स्कूलों का स्तर सुधरेगा एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जे. एस. राजपूत के मुताबिक अगर हाईकोर्ट के फैसले को सही ढंग से लागू किया जाए तो सरकारी स्कूलों के स्तर में काफी सुधार आएगा। अगर अधिकारियों और नेताओं के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो उनके सुधार में अधिकारी व नेताओं के साथ सामान्य लोगों की भी रुचि बढ़ेगी। 3. फैसले का विरोध बेवजह डॉ. अनिल के मुताबिक शिक्षा के निजीकरण की वजह से अच्छी शिक्षा सीमित लोगों तक पहुंच पा रही है और गरीब और पिछड़े तबके के लोगों को समान शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पा रहा है। कानून बनाए जाने से सभी वर्गों को कम से कम शुरुआती स्तर पर समान स्तर की शिक्षा मिल सकेगी।

कल्पनेश गुप्ता की अन्य किताबें

सुनील वर्मा

सुनील वर्मा

देश को इसकी बहुत जरूरत है ।

24 अगस्त 2015

उषा यादव

उषा यादव

समान शिक्षा व्यवस्था की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण क़दम है...लोगों को देश हित में एकमत होना चाहिए ! यदि सरकारी स्कूल सुव्यवस्थित नहीं हैं तो उच्चपदासीन लोग उन्हें सुन्दर बनाएं, लेकिन इस दिशा में पूरे समाज का सहयोग अपेक्षित है I

24 अगस्त 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

बिल्कुल सटीक और सार्थक !

24 अगस्त 2015

शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

ताज़ा-तरीन मामले पर सटीक बात लिखी है ! लेख प्रकाशन हेतु बधाई !

24 अगस्त 2015

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कृष्ण ही कृष्ण

15 मार्च 2015
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कृष्ण ही कृष्ण- कृष्ण उठत कृष्ण चलत कृष्ण शाम भोर है, कृष्ण बुद्धि कृष्ण चित्त कृष्ण मन विभोर है। कृष्ण रात्रि कृष्ण दिवस कृष्ण स्वप्न शयन है, कृष्ण काल कृष्ण कला कृष्ण मास अयन है। कृष्ण शब्द कृष्ण अर्थ कृष्ण ही परमार्थ है, कृष्ण कर्म कृष्ण भाग्य कृष्णहि पुरुषार्थ है। कृष्ण स्नेह कृष्ण र

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हाईकोर्ट के आदेश पर विवाद: क्या अब सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे अफसरों से बच्चे

24 अगस्त 2015
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नई दिल्ली. यूपी के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में सरकारी कर्मचारियों, नेताओं और जजों के लिए अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद एक बार फिर सरकारी स्कूलों की बदहाली और शिक्षा प्रणाली के स्तर पर बहस छिड़ गई है। शिक्षा के अधिकार के लिए लंबे समय से लड़ रह

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एक और मंदी के साये में दुनिया, भारतीय शेयर बाजार भी धड़ाम

24 अगस्त 2015
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दुनिया भर के तमाम वित्तीय व कमोडिटी बाजार एक बार फिर वैश्विक मंदी के मुहाने पर खड़े हैं। पिछले कुछ दिनों से चीन की अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के जो संकेत थम-थम कर मिल रहे थे उसकी आशंका और बढ़ गई है। इस आशंका में भारत के शेयर, मौद्रिक और कमोडिटी बाजार में भी जबरदस्त कोहराम मचा हुआ है।सोमवार को मुंबई

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टेम्स नदी के किनारे बना ‘इंडियन स्पाइस गार्डन’

26 अगस्त 2015
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लंदन। भारत के साथ लंदन का समृद्ध समुद्री एवं कारोबारी इतिहास पुनर्जीवित करने के लिए शहर में टेम्स नदी के किनारे अपनी तरह का पहला ‘इंडियन स्पाइस गार्डन’ बनाया गया है।मध्य लंदन में स्थित कैरम रेस्तरां आग लगने के कारण अस्थायी रूप से बंद हो गया है। लजीज भारतीय व्यंजन के लिए जाने जाने वाले इस रेस्तरां ने

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