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गुलज़ार ----

26 अगस्त 2015

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कितनी आवाज़ें हैं, यह लोग हैं, बातें हैं मगर ज़ेहन के पीछे किसी और ही सतह पे कहीं जैसे चुपचाप बरसता है तसव्वुर तेरा || ~~ गुलज़ार ~~
ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

गुलज़ार साहब की ये पंक्तियाँ साझा करने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया !

26 अगस्त 2015

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गुलज़ार ----

26 अगस्त 2015
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कितनी आवाज़ें हैं, यह लोग हैं, बातें हैं मगरज़ेहन के पीछे किसी और ही सतह पे कहीं जैसे चुपचाप बरसता है तसव्वुर तेरा || ~~ गुलज़ार ~~

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हिंदी

26 अगस्त 2015
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लिखना चाहते है हिंदी ।. लिखे क्या.... शब्दनगरी तेरा बहुत बहुत सुक्रिया . हिंदी भाषा !! हिन्दुस्तान मैं ही लुप्त न हो जाये !

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हमारा भारत देश....!!!

27 अगस्त 2015
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कब तक हमारा देश जाती पाती और धर्म के नाम पे युही आपस में लड़ता झगड़ता रहेगा ।... मेरे विचार से हमारे देश में 80% - 90% पढ़े लिखे लोग है.. आप लोग भी सहमत ही होंगे.... फिर भी ऐसे हालत होते है, हमारे इस देश में । हिंदुस्तान !!!! जहाँ सर्व धर्म एक समान !! पूरा जहान मनता है और हम सब हिन्दुस्तनिओ को गर्व है

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काश! पिपलांत्री जैसा हो हर गांव || || Piplantri village story || पिपलांत्री गांव (राजस्थान ) - YouTube

27 सितम्बर 2019
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काश ....!! इस शब्द को ना सोचिये || एक कदम बढाइये पिपलांत्री जैसे गॉव पूरा देश बन जाये || पढ़ें पूरी खबर: https://bit.ly/2OOhy3uइस गांव का नाम पिपलांत्री हैं। करीब 2 हजार से ज्यादा आबादी वाले ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे मॉडल बनाने में किसी सरकार या एजेंसी का हाथ नही

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