जिन्दा रहना है, जरुरी-इसलिए
कि मरने का हमें कोई-हक़ ही नहीं है----
किसलिए, मरते है लोग-स्वयं ही,
कैसे मान लिया, उन सबने,
कि, मरना ही सही है------------
(२) चिर-निद्रा की गोद वो,
सुख़ से सोने जो चले--------
इससे पहले सोच ले,
कल, इसी तरह,
उनका, कोई प्रिय चले------
(३) वह भी शायद सोचेगा
उनके ही जैसे--------
खुसी मिलेगी देख के,
सबको रोते और बिलखते--------
(४) कब-तक, कोई रोएगा,
किसी के बिन, कितने- दिन----
सबके आंसू-सुखने लगते है,
जल्दि-जल्दि, निशदिन-निशदिन-----
(५) सब दिखते, फिर से मस्ती में
मरने वाला-गुम गया बस्ती में
किसी को उसकी-फिकर नहीं
क्यू, मरा वो-उसकी जिकर नहीं------
(६) यही सच है,
इसे स्वीकार करो---
मत-मरो,
जीवन से-प्यार करो,
प्यार करो-----