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अब रह रह गुस्सा मुझे आता नही है

12 सितम्बर 2015

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featured imageअब रह रह गुस्सा मुझे आता नही है, सब कुछ ठहरा हुआ, कुछ जाता नही है कुछ पल हैं जो ख़ामोशी लेकर आते हैं, वरना पल कोई अब व्यर्थ जाता नही है!! मैं अब शिकायती नही किफायती हो गया हूँ पहले थोडा सा बदमाश था, अब शरीफ निहायती हो गया हूँ वैसे अब यात्रा का आनंद ही कुछ और है.... जब उम्र के इस पड़ाव पर मैं, बच्चा शरारती हो गया हूँ!! मैं छुद्र था, कब विराट होने लगा पता न चला, प्रक्रिया भी विराट होने की अब कौन जाने भला मैंने पाया भी बहुत कुछ, लेकिन किस राह से, हूँ चला, ये तो जाने वही जो राही है संभला!!---बहुत दिनों बाद कुछ पंक्तियाँ (भाव पुष्प)समर्पित कर रहा हूँ!
नवीन जोशी

नवीन जोशी

कृपया अपना मत दें!

12 सितम्बर 2015

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अब रह रह गुस्सा मुझे आता नही है

12 सितम्बर 2015
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अब रह रह गुस्सा मुझे आता नही है,सब कुछ ठहरा हुआ, कुछ जाता नही हैकुछ पल हैं जो ख़ामोशी लेकर आते हैं,वरना पल कोई अब व्यर्थ जाता नही है!!मैं अब शिकायती नही किफायती हो गया हूँपहले थोडा सा बदमाश था, अब शरीफ निहायती हो गया हूँवैसे अब यात्रा का आनंद ही कुछ और है....जब उम्र के इस पड़ाव पर मैं, बच्चा शरारती हो

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जहाँ जमीं और आसमान दोनों साथ चलते हैं...

13 सितम्बर 2015
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मैंने जिंदगी भर शिकायतें की, मेरा जीवन नरक बन गया...मेरा जीवन कुछ पीछे सरक गया...जब मैंने खुद की शिकायतखुद से की...तो जीवन पुष्प खिल उठा.....आनंद जीवन में शामिल हो उठा,प्रेम की भाषा सीख गया, मानो आह्लाद की बारिश में भीग गया....हाँ कुछ कुछ ऐसा ही हुआ मेरे साथ!मैंने जिंदगी भर, लोगों में एक अलगाव देखा,

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