मैं हिन्दी में ख़ुदा से दुआ करता हूँ
दुनिया को हिन्दी से मोहब्बत हो जाए
हिंदी में प्यार दें, हिंदी से प्यार लें,
जहाँ' के लोगों को इस तरह हिन्दी से प्यार हो जाए,
कि जो प्यार हिन्दी, हिन्दुस्तानियों, हिंदी साहित्य के ह्रदय में है गहरा भरा
वह विश्व-मानवता की जुबां' का राग, दिलों का तरन्नुम बन जाए ।
एक महान परिवार संयुक्तराष्ट्र संघ की सुरक्षा में
हिन्दी आधिकारिक, ज़िम्मेदार सदस्य हो जाए,
कि भाषा और साहित्य कला और विज्ञान
लोक-मानवता का दिव्य भव्य महासेतु है
सभ्यताओं के नदी-धाटी संस्कारों के ऊपर
और नीचे गंगा-जमुनी तहजीबें वफ़ा में आज भी
हिंदी संवादमानस के संवेदना साहस को आगे बढ़ाए जा रही है,
कि हिन्दी को हर होंठों का शब्द-ए-आमीन मिले
बश्स...इतनी सी दुआ हर-हर हिन्दी को हर दिन हर लम्हा मिलती रहे
हाँ दिल से...निकली दिल-ए-हिन्द की दुआ
जहाँ-ए-जन्नत को हिन्दी में क़ुबूल हो जाए
कि मैं हिन्दी में ख़ुदा से दुआ करता हूँ,
दुनिया को हिन्दी से मोहब्बत हो जाए ।
-विनीत देव रोशी
गामीटोला, कटिहार, (बिहार)
मो0-९९३४८९२३०४, ९४३०२११२४४