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बिन राधा हम आधे.....

12 अक्टूबर 2015

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बन राधा हम आधे, बिन श्याम हुआ जग सुना सा ॥


श्याम नाम की माला में,

जोड़े हैं मैंने कुछ मनके,

वो मनके हैं राधा रानी के,

उस प्रेम दीवानी मीरा के, 

उन वृन्दावन की गोपीन के ।


राधा रानी के  मनके से, 

श्याम धाम की कृपा रहेगी ।

मीरा का मनका जपने से,

अंतर्तम में प्रेम जगेगा।

वृन्दावन की गोपिन से, 

विशुद्ध प्रेम की सिख मिलेगी ।


प्राण प्यारी राधा के मनके 

तुम ये मुझसे सुन लो अब

तुमको सुमिरा हर मनके में

राधा के मनके में

मीरा के मनके में

अपनी हर सांस के मनके में |


बन राधा हम आधे, बिन श्याम हुआ जग सुना सा ॥





 



    

वर्तिका

वर्तिका

"बिन राधा हम आधे", प्रेम रस से ओत-प्रोत सुंदर कविता!

13 अक्टूबर 2015

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दीपावली - एक नयी उमंग

21 जनवरी 2015
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इस दिवाली, माँ की आँखें होंगी सजल, पिता का बढ़ेगा बाहुबल, छोटी बहना की मनेगी राखी, संगिनी को मिलेगा साथी, बेटा मनाएगा उल्लास की होली, और बिटिया रानी रचेगी खुशियों की रंगोली , इस दिवाली होंगी... माँ की आँखें सजल........

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मामा नही बनना था....

4 जुलाई 2015
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एक अरसा गुजर गया, अपने बीते बचपन को देखे, ​माटी की सौंधी सौंधी खूशबू, ​बारिश की पहली फुहार में भीगना, नंगे पाँव खेत खलिहान की दौड़, उधर बरखा ने जोर पकड़ा, और इधर चले पे पकोड़ों ने, बारिश की वजह से कच्चे आँगन में, जगह जगह पानी में रेलम-पेल सी मच गयी, ​बच्चों ने रद्दी से नाव बना डाली, उनम

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बिन राधा हम आधे.....

12 अक्टूबर 2015
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बन राधा हम आधे, बिन श्याम हुआ जग सुना सा ॥श्याम नाम की माला में,जोड़े हैं मैंने कुछ मनके,वो मनके हैं राधा रानी के,उस प्रेम दीवानी मीरा के, उन वृन्दावन की गोपीन के ।राधा रानी के  मनके से, श्याम धाम की कृपा रहेगी ।मीरा का मनका जपने से,अंतर्तम में प्रेम जगेगा।वृन्दावन की गोपिन से, विशुद्ध प्रेम की सिख म

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शुभकामना

9 नवम्बर 2015
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दूरियां

1 दिसम्बर 2015
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27 मार्च 2016
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हे राष्ट्रध्वज !!

22 मई 2016
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हे राष्ट्रध्वज,करता हूँ वंदनशीश झुका कर करूँ नमन मैंतू तीन रंगों का अद्भुत संगमलगा दी डुबकी ऐ मेरे हमदमकेसरिया से शौर्य की गाथाश्वेत सिखाये शांति की भाषाहरित है द्योतक हरियाली का चक्र दिखाए प्रगति की गाथातू  तीन रंगों का अद्भुत मेलरंगें हुए हैं  हर मजहब  में  शौर्य बढ़ा है जय जवान से शांति की भाषा है

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नकारा तो नहीं...

22 मई 2016
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चलो आज तुमने सिरे सेनकारा तो नहीं, क्या हुआ गर प्यार सेपुकारा तो नहीं, काफी है यह एक अहसास मेरेखुश रहने को,कि तुम्हे भी दर्द हैहमारे एक ना हो पाने का,यह जीवन साथ ना बिता पानेका |मालूम है तुमको...? तुम्हे आसान होता होगा,मगर मैं... हर पल.. तुम्हारी ही विरहवेदना में जिया.. गला.. घुटा |चलो अब तुम्हारे ह

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