भारत रत्न ए पी जे अब्दुल कलम जी का जन्म दिवस 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था
अग्नि की आभा से भारतीय आकाश को प्रकाशमान करने वाले युवाओ के प्रेरणापुंज स्वदेशी तकनीकी के जनक भारत रत्न स्वर्गीय ए. पी. जे अब्दुल कलाम जी को जन्म दिवस पर शत् शत् नमन
डा अब्दुल कलाम जी ने अपने आत्मकथा के हस्तलिखित शब्द
देश के प्रति प्यार हमारी मूल प्रेरणा और शान्ति होनी चाहिए । हे सर्वशक्तिमान ईश्वर मेरे देश के लोगो को पसीना बहाने के लिए प्रेरित करना । उनके परिश्रम से विभिन्न प्रकार की अग्निया जन्म लेंगी जो बुराई को नष्ट कर सकेंगी ।मेरे देश में शांति समृद्धि आये ।मेरे देशवासी मिलजुलकर रहे । हे ईश्वर मुझको भारत का गौरवान्वित नागरिक होने के नाते इसकी धूल में मिल जाने देना ताकि दुबारा जन्म लेकर इसकी यशोगाथा का आनंद ले सकू ।
कर्मयोगी कलाम जी के नेतृत्व एवम् सहयोग से सम्पन्न उपलब्धिया
1961 - नंदी (हावर एयरक्राफ्ट )
1963 - नाइक अपाची ( पहला भारतीय राकेट )
1967- रोहिणी 75 (प्रथम रोहिणी 75 की उड़ान )
1969- फिलामेंट ( वाईंडिंग मशीन थुम्बा रॉकेट केंद्र में पहली बार स्थापित )
1972- राटो ( सैनिको विमानों के लिए रॉकेट की मदद से उड़ान टेक आफ सिस्टम )
1975 - आर्यभट्ट ( प्रथम भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण )
1979 - भास्कर -1
1980 - एस एल वी -3 ( सेटेलाइट ले जाने वाले भारतीय रॉकेट की सफल उड़ान
1980 - रोहिणी ( भारतीय सेटेलाइट ने पृथ्वी का चक्कर लगाया )
1981 - भाष्कर 2
1983- गाइडेड मिसाइल ( एकीकृत मिशाइल परियोजना प्रारम्भ )
1984 - डेविल ( प्रायोगिक परिवर्तित मिसाइल )
1985 - त्रिशूल
1985 - लक्ष्य
1988 - पृथ्वी
1989 - अग्नि
1990 - नाग
1991 - आकाश
1998 - पोखरण परमाणु परीक्षण
2002 - फ़रो कैलिपर्श ( विकलांगो के लिए )
2002 - कलाम राजू स्टंट ( हृदय रोगियो के लिए धमनियों की ब्लॉकेज हटाने हेतू )
स्वर्गीय अब्दुल कलाम जी के आदर्श वाक्य
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यह मेरा पहला चरण था; जिसमें मैंने तीन महान शिक्षकों-डॉ विक्रम साराभाई, प्रोफेसर सतीश धवन और डॉ ब्रह्म प्रकाश से नेतृत्व सीखा। मेरे लिए यह सीखने और ज्ञान के अधिग्रहण के समय था।
2000 वर्षों के इतिहास में भारत पर 600 वर्षों तक अन्य लोगों ने शासन किया है। यदि आप विकास चाहते हैं तो देश में शांति की स्थिति होना आवश्यक है और शांति की स्थापना शक्ति से होती है। इसी कारण प्रक्षेपास्त्रों को विकसित किया गया ताकि देश शक्ति सम्पन्न हो।
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...मैं यह बहुत गर्वोक्ति पूर्वक तो नहीं कह सकता कि मेरा जीवन किसी के लिये आदर्श बन सकता है; लेकिन जिस तरह मेरी नियति ने आकार ग्रहण किया उससे किसी ऐसे गरीब बच्चे को सांत्वना अवश्य मिलेगी जो किसी छोटी सी जगह पर सुविधाहीन सामजिक दशाओं में रह रहा हो। शायद यह ऐसे बच्चों को उनके पिछड़ेपन और निराशा की भावनाओं से विमुक्त होने में अवश्य सहायता करे।
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राष्ट्र किसी व्यक्ति संगठन और दल की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है ।
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एक देश कुछ लोगो के महान होने से महान नहीं होता बल्कि इसलिए महान होता है की देश हर कोई महान होता है ।
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हमारा प्राचीन ज्ञान अनूठा संसाधन है क्योकि उसके लगभग पांच हजार वर्षो की सभ्यता का भण्डार है ।
राष्ट्रिय कल्याण तथा विश्व के मानचित्र पर देश के लिए सही स्थान बनाने के लिए इस सम्पदा का लाभ उठाना जरूरी है ।
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सबसे उत्तम कार्य क्या होता है? किसी इंसान के दिल को खुश करना, किसी भूखे को खाना देना, जरूरतमंद की मदद करना, किसी दुखियारे का दुख हल्का करना और किसी घायल की सेवा करना..."
डा ए पी जे अब्दुल कलाम
एक नाविक का नन्हा पुत्र जिन्होंने जीविका अर्जन के लिए समाचार पत्र बांटा केवल और केवल योग्यता के बल पर
भारत के प्रथम नागरिक के पद तक जाने वाले और अपने अंतिम सांस तक कर्मभूमि के कर्मयोगी की भाँती कार्यरत कलाम जी को आज पूरा भारत नमन करता है ।
जय हिन्द