धुआं ही धुआं है
चारो तरफ
आकाश साफ़ नहीं मिलता ......
कोयल गाती नहीं
पेड़ो में बौर नहीं मिलता
पथिक रुकते नहीं
झरनों में जल नहीं मिलता .....
मृत्यु पर जाते नहीं लोग
वह क्रदन नहीं मिलता
आइना देखते नहीं लोग
उसमे अक्स नहीं मिलता......
गीत ठहरते
नहीं कोई
उनमे सन्देश नहीं मिलता
पैर छुते नहीं लोग
आशीष में हम नहीं मिलता ......